Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
बीवीएचए ने हथुआ प्रखंड के 13 अतिकुपोषित बच्चो को पोषण पुनर्वास केंद्र में कराया भर्ती, चिकित्सकों की देखरेख में किया जा रहा है पोषित  - श्रीनारद मीडिया

बीवीएचए ने हथुआ प्रखंड के 13 अतिकुपोषित बच्चो को पोषण पुनर्वास केंद्र में कराया भर्ती, चिकित्सकों की देखरेख में किया जा रहा है पोषित 

बीवीएचए ने हथुआ प्रखंड के 13 अतिकुपोषित बच्चो को पोषण पुनर्वास केंद्र में कराया भर्ती, चिकित्सकों की देखरेख में किया जा रहा है पोषित

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

अतिकुपोषित बच्चों की सूचना या जानकारी मिलने पर सरकारी अस्पताल या अधिकारियों को करें सूचित: सिविल सर्जन

नवजात शिशुओं का वजन, लंबाई व ऊंचाई के आधार पर पोषण की स्थिति होती है पहचान: नोडल अधिकारी

सामान्य बच्चों की तुलना में अतिकुपोषित बच्चों की मृत्यु दर नौ गुना अधिक: डीपीएम

श्रीनारद मीडिया, गोपालगंज, (बिहार):

गर्भावस्था के दौरान या प्रसूता महिलाओं द्वारा बच्चों के जन्म के बाद बेहतर पोषण नहीं मिलने के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। ऐसे कुपोषित बच्चों का शरीर उम्र के अनुसार आवश्यक रूप से विकास नहीं होता है। वैसे कुपोषित बच्चों की समय पर पहचान कर गोपालगंज सदर अस्पताल परिसर में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में आवश्यक इलाज कराने से बच्चे सुपोषित हो जाते हैं।

सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल के एनआरसी में जिले के सभी प्रखंडों से चिन्हित कुपोषित या अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती करते हुए उसका आवश्यक इलाज किया जाता है। इसके लिए एनआरसी केंद्र में शिशु रोग विशेषज्ञ के अलावा पोषण समन्यवक और जीएनएम और एएनएम की प्रतिनियुक्ति की गई हैं।

ताकि इनलोगों के द्वारा नामांकित बच्चों का समय पर इलाज करने के साथ- साथ उम्र और कुपोषण के अनुसार बच्चों को आवश्यक रूप से पौष्टिक आहार देकर सुपोषित किया जा सके। जिलेवासियों से अपील की जाती है कि अतिकुपोषित बच्चों की सूचना या जानकारी मिलने के साथ ही संबंधित सरकारी अस्पताल या अधिकारियों को सूचित किया जा सकता है। ताकि उस बच्चें को नया जीवन दिया जा सके। क्योंकि बच्चें के साथ ही उसके अभिभावक यानी माता को 14 दिनों तक एनआरसी में रख कर उसको पोषित किया जाता है।

 

बीवीएचए द्वारा हथुआ प्रखंड के 13 अतिकुपोषित बच्चो को एनआरसी में कराया गया भर्ती: एमओआईसी
हथुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अविनाश प्रताप सिंह ने बताया कि
स्थानीय प्रखंड में अल्केम और बिहार वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन (बीवीएचए) के द्वारा संयुक्त रूप से एनीमिया मुक्त अभियान को लेकर ग्रामीण स्तर पर प्रखंड समन्वयक धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में सामुदायिक कार्यकर्ता हरिशंकर सिंह, शोभा कुमारी और निधि कुमारी के द्वारा आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता और जीविका समूह से जुड़े स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के सहयोग से कुपोषित बच्चों की पहचान की कराई जाती है। फिलहाल बीवीएचए के प्रखंड समन्वयक धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में हथुआ प्रखंड के 13 अतिकुपोषित बच्चो को एनआरसी में भर्ती कराया गया है। हालांकि इसके पहले भी विगत 20 मई 2023 को 8 बच्चों को एनआरसी रेफर किया गया था। इन सभी अतिकुपोषित बच्चों का एनआरसी द्वारा पोषित कर नया जीवनदान दिया जा चुका है।

नवजात शिशुओं का वजन, लंबाई व ऊंचाई के आधार पर पोषण की स्थिति होती है पहचान: नोडल अधिकारी
पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) के नोडल अधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सौरभ अग्रवाल ने कहा कि जन्म के बाद से ही नवजात शिशुओं का उचित देखभाल आवश्यक होता है। लेकिन ऐसा नहीं होने की स्थिति में बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। हालांकि कुपोषित बच्चों की समय पर पहचान कर अनिवार्य रूप से चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए सदर अस्पताल परिसर में पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) का संचालन किया जाता है। जिसमें भर्ती के समय नवजात शिशुओं का जन्म के साथ वजन, लंबाई व ऊंचाई के आधार पर उनके पोषण स्थिति की पहचान की जाती है। कुपोषित बच्चों की समय से पहचान कर उनका इलाज दो स्तर पर किया जाता है।

 

सामान्य बच्चों की तुलना में अतिकुपोषित बच्चों की मृत्यु दर नौ गुना अधिक: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम धीरज कुमार ने बताया कि सामान्य बच्चों की तुलना में गंभीर या अतिकुपोषित बच्चों की मृत्यु का खतरा नौ गुना अधिक होता है। लेकिन सौ में लगभग 85 प्रतिशत ऐसे कुपोषित बच्चे पाए जाते हैं, जिनका चिकित्सकीय सहायता सामुदायिक स्तर पर किया जा सकता है। हालांकि 10- 15 प्रतिशत बच्चों को ही पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) भेजने की जरूरत होती है। ऐसे बच्चों की समय से पहचान कर उनका इलाज करने से कुपोषण के कारण होने वाले बच्चों की मृत्यु को आसानी से खत्म किया जा सकता है। हथुआ प्रखंड में एनीमिया मुक्त अभियान को लेकर कार्य करने वाली बीवीएचए द्वारा 13 अतिकुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया गया है। जिस दौरान डॉ नेहा प्रवीण के मार्गदर्शन में एएनएम सुनीता कुमारी और सुशीला कुमारी के सहयोग से सभी बच्चों का वजन और लंबाई मापी गई।

 

आंगनबाड़ी केंद्र में अतिकुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार लेने के लिए किया जाता है जागरूक: धर्मेंद्र कुमार
बिहार वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन (बीवीएचए) के हथुआ प्रखंड समन्वयक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि ऐसे कुपोषित बच्चे जिन्हें केवल शारीरिक कमजोरी है लेकिन चिकित्सकीय समस्या नहीं है, वैसे बच्चें को संवर्धन कार्यक्रम के तहत प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक (बीएचएम) कुमार वरुण और प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) आदित्य कुमार के मार्गदर्शन में उनका इलाज सामुदायिक स्तर पर संचालित टीकाकरण केंद्र या आंगनबाड़ी केंद्र में अतिकुपोषित बच्चों के अभिभावकों को पौष्टिक आहार लेने के लिए जागरूक या प्रेरित किया जाता है। साथ ही आवश्यक जानकारी और चिकित्सकीय सहायता प्रदान भी किया जाता है। लेकिन जो बच्चे अतिकुपोषित पाए जाते हैं उसे स्थानीय चिकित्सको द्वारा उपचार किया जाता है।

यह भी पढ़े

सोनपुर में बालू के अवैध परिवहन के आरोप में 35 वाहन जब्त, 11 चालक गिरफ्तार; भारी संख्या में पहुंची थी पुलिस

मुंगेर में पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का किया उद्भेदन, बच्चों को हथियार बनाने की ट्रेनिंग दे रहे कारोबारी को किया गिरफ्तार

बिहार: नशे में धुत दबंगों की करतूत, घर में घुसकर एक ही परिवार के 10 लोगों को बेरहमी से पीटा

यज्ञ की अग्नि के लिए सर्वश्रेष्ठ विधि है अरणी मंथन

पदयात्रा पूर्ण कर काशी पधार रहे शङ्कराचार्य,गोरक्षा यज्ञ के रूप में सम्पन्न होगा चैत्र नवरात्रि का अनुष्ठान

मुजफ्फरपुर पुलिस ने  अपहरण मामले में  तीन घंटे के अंदर आरोपियों को दबोचा

बाबा सीताराम आश्रम समाधि स्थल में ब्रह्मलीन बाबा सीताराम का वार्षिक भंडारा आयोजित 

महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि जी महाराज एवं महंत बंशी पुरी ने विश्व विख्यात विज्ञानिक प्रो. डा. के. आर अनेजा द्वारा लिखित पुस्तक का किया विमोचन 

Leave a Reply

error: Content is protected !!