बिहार में मार्च 2023 तक 1.20 लाख शिक्षकों की नियुक्ति होगी.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के करीब नौ हजार प्लस टू स्कूलों (माध्यमिक और उच्च माध्यमिक) में 1.20 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति मार्च तक किये जाने की संभावना है. इसका विज्ञापन दिसंबर में ही निकलेगा. विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है.
कैबिनेट की बैठक में नयी नियमावली पर लगेगी मुहर
शीतकालीन सत्र के बाद कैबिनेट की बैठक में नयी नियमावली पर मुहर लगने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग करीब दो लाख से अधिक शिक्षकों के वेतनादि के लिए बजट में राशि के प्रावधान की भी तैयारी कर रहा है.
जल्द की जाएगी औपचारिक घोषणा
सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति को लेकर लगातार मांग हो रही है. इसलिए सरकार इसे और लंबा नहीं खींचेगी. शीतकालीन सत्र के बाद किसी भी दिन सरकार सातवें चरण की औपचारिक घोषणा कर देगी. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक नियोजन के बाद प्राथमिक और मध्य स्कूलों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति शुरू होगी. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन के लिए जिला संवर्ग सेवा का गठन किया जा रहा है.इसमें प्रारंभिक शिक्षकों के 80,257 और माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के एक लाख 20 हजार पद शामिल हैं।
सालाना पांच हजार करोड़ से अधिक आएगी वेतन पर लागत
शिक्षकों के नए पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है। आकलन है कि नये शिक्षकों के वेतन पद सालाना 5,663 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन के 2,207 करोड़ और माध्यमिक शिक्षकों के वेतन के 3,456 करोड़ रुपये सम्मिलित हैं। फिलहाल राज्य में छठे चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रियाधीन है
इसी तरह 10 हजार विशेष प्रारंभिक शिक्षकों और 7,307 कंप्यूटर शिक्षकों के पद सृजन का प्रस्ताव है। जिस पर वित्त विभाग से सहमति ली जाएगी। इसके बाद मंत्रिमंडल में संबंधित सृजित पदों का अनुमोदन लिया जाएगा। तब अगले साल सृजित पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ होगा।
शिक्षकों की रिक्तियां
- प्रारंभिक शिक्षक : 80257 पद
- माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक : 1,20,000
- वेतन मद प्रति सालाना : 5,663 करोड़ रुपये
शिक्षक नियोजन नियमावली में बड़े बदलाव की तैयारी
राज्य सरकार शिक्षक नियोजन नियमावली, 2020 में जो बदलाव करने की तैयारी कर रही है. इसके तहत शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया और नियोजन इकाई को केंद्रीयकृत किया जायेगा. पंचायती राज संस्थाओं को इससे या तो अलग किया जायेगा या उनकी भूमिका सीमित कर दी जायेगी. संशोधित नियमावली को जल्द ही कैबिनेट में पेश किये जाने की तैयारी है.