‘बंद’ को नकार कर किसानों ने कृषि कानून में भरोसा जताया, उनका आभार- सुशील कुमार मोदी
– किसान नेता नहीं बता सके कि नये कानून में ‘काला’ क्या है?
– एमएसपी खत्म करना तो दूर, इसमें 600 रुपये प्रति क्विंटल तक हुई वृद्धि
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने टवीट किया है कि बिहार और देश के लगभग सभी राज्यों में सच्चे-शांतिप्रिय किसानों ने विपक्ष के “भारत बंद” को नकार कर फिर साफ किया कि वे मंडी से आजादी का विकल्प देने वाले कृषि कानूनों के विरुद्ध बिल्कुल नहीं हैं।
मोदी-सरकार की नीति और नीयत पर भरोसा रखने वाले अन्नदाताओं का आभार।
किसान आंदोलन के नेता केंद्र सरकार से 11 चक्र की वार्ता में यह नहीं बता पाए कि कृषि कानून में ‘ काला ‘ क्या है?
कथित किसान आंदोलन के नाम पर देश में कोरोना से उबरती अर्थव्यवस्था की लय तोड़ने की जो कोशिश की जाती है, वह कभी सफल नहीं होगी।
केंद्र सरकार यदि किसान विरोधी होती, तो 9.5 करोड़ किसानों के खाते में सम्मान निधि के रूप में 1.37 लाख करोड़ रुपये की राशि क्यों डाली जाती?
यदि एमएसपी खत्म करने का इरादा होता, तो क्या
गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले 7 साल में प्रति क्विंटल 600₹ की वृद्धि हुई होती?
इस साल तो एमएसपी पर रिकार्ड 82 हजार करोड़ मूल्य के गेहूं की खरीदारी हुई, जो एमएसपी पर फैलाए गए झूठ को पूरी तरह तार-तार करती है।
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