कर्क संक्रांति 16 जुलाई को,सभी संकटों से छुटकारा पाने के लिए गौमाता की सेवा जरूरी : डा. महेंद्र शर्मा
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, कुरूक्षेत्र –
गौमाता की सेवा से जन्मकुंडली के दूर होते है कई दोष।
पानीपत : आयुर्वेदिक शास्त्री अस्पताल के संचालक एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डा. महेंद्र शर्मा ने बताया कि कर्क संक्रान्ति को श्रावण संक्रांति भी कहा जाता है, इस दिन सूर्य भगवान मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करते हैं। कर्क राशि में प्रविष्ट होते ही दक्षिणायन प्रारंभ हो जाती है जो मकर राशि में सूर्य के प्रविष्ट होने तक चलती है। इस काल खंड में मंदिरों के निर्माण के लिए शिलान्यास और देव विग्रह स्थापना के कृत्य नहीं किए जाते। सूर्य देव 16 जुलाई को मध्याह्न में 14 /10 बजे कर्क राशि में प्रविष्ट होंगे।
उत्तर भारत में भारतीय सनातन धर्म में नवग्रहों को अनुकूल रखने के लिए देवस्थानों, मंदिरों , गुरुद्वारों और ब्राह्मणों को अन्न और वस्त्र दान दिया जाते है और गौमाता की सेवा की जाती है सभी प्रकार के संकटों से छुटकारा पाने के लिए गौशाला में गौमाता की अपने परिवार के सदस्यों के वजन के बराबर हरि घास खिलाने का विशेष महत्व माना जाता है।ज्योतिषीय नियमानुसार सूर्य ही समस्त ग्रहों के पिता हैं जिन की पूजा और अर्घ्य करने से शेष ग्रहों के दोष शान्त हो जाते हैं। इस दिन गरीबों को भोजन वस्त्र दान देने चाहिए। ज्योतिषीय सिद्धांतानुसार सभी सनातन धर्मियों को अपने पिता की सेवा करनी चाहिए, क्यों कि सूर्य नारायण ही पिता के कारक हैं।
संक्रांति की पावन सुप्रभात की गंगा आदि पवित्र तीर्थों के दर्शन और स्नान की महिमा अनन्तफल देती है। श्रावण मास भगवान शिव को प्रसन्न करने का विशिष्ट माह हैं। इस माह में शिव गौरी की पूजा का विशेष विधान है जिन परिवारों में परस्पर वैमनस्य और मतभेद हों, धन धान्य की समस्या हो, कन्याओं के विवाह में विलम्ब हो रहा हो और गृहस्थी संचालन ठीक न हो रहा हो तो श्रावण सोमवार और श्री मंगलागौरी व्रत करने से सब कुछ अनुकूल हो जाता है। भगवान शिव का प्राकट्योत्सव भी इसी माह श्रावण कृष्ण पक्ष में आता है। चन्द्र ज्योतिषशास्त्र नियमनानुसार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को श्रवणी महापर्व रक्षा बंधन गायत्री जयंती और संस्कृत दिवस भी श्रावण माह में आते हैं।
श्रावण माह की इस संक्रांति का फल यह संक्रांति नीच प्रवृति के लोगों के लिए अनुकूल रहेगी, व्यापारियों के लिए लाभप्रद होगी, मेष वृष मिथुन तुला वृश्चिक धनु और कुंभ राशि वालों के लिए लाभप्रद शेष राशि वालों को किसी प्रकार के अनिष्ट से बचने के लिए आदित्य गायत्री के पाठ करें। पंजाब हरियाणा दिल्ली उत्तराखंड उत्तरप्रदेश में खंडित वर्षा के योग बनेंगे। देश की राजनैतिक प्रतिकूल स्थितियां यथावत बनी रहेगी देश में दुर्भिक्ष, बेरोजगारी तथा महंगाई बढ़ेगी।
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