Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
मौसम की तल्खी और चमकी की बढ़ती संभावनाओं को लेकर आयुष चिकित्सकों का हुआ क्षमता वर्धन: - श्रीनारद मीडिया

मौसम की तल्खी और चमकी की बढ़ती संभावनाओं को लेकर आयुष चिकित्सकों का हुआ क्षमता वर्धन:

मौसम की तल्खी और चमकी की बढ़ती संभावनाओं को लेकर आयुष चिकित्सकों का हुआ क्षमता वर्धन:

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

राज्य स्तरीय प्रशिक्षक डॉ इशिका सिन्हा और डॉ आशुतोष के द्वारा आयुष चिकित्सकों को जापानी इंसेफेलाइटिस को लेकर किया गया प्रशिक्षित:

चमकी बुखार के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) का पालन करने को लेकर दिया गया आवश्यक दिशा निर्देश: सिविल सर्जन

ग्रामीण स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण: डॉ दिलीप

श्रीनारद मीडिया, छपरा, (बिहार):


मौसम की तल्खी और चमकी बुखार की बढ़ती संभावनाओं के बीच गुरुवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में एईएस और जेई के नियंत्रण एवं प्रबंधक को लेकर जिले के सभी आयुष चिकित्सकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिया गया।‌ उक्त प्रशिक्षण एम्स पटना द्वारा प्रशिक्षित चिकित्सक डॉ इशिका सिन्हा और डॉ आशुतोष के द्वारा दिया गया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीवीबीडीसीओ डॉ दिलीप कुमार, डीआईओ डॉ चंदेश्वर सिंह, सीडीओ डॉ आरपी सिंह, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ केएम दुबे, डीवीबीडीसी सुधीर कुमार सिंह, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, वीडीसीओ अनुज कुमार, सुमन कुमारी, पंकज तिवारी, सतीश कुमार और शशि कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

 

चमकी बुखार के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) का पालन करने को लेकर दिया गया आवश्यक दिशा निर्देश: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि जिले के सभी सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सुअर पालन वाले सभी क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव ​सुनिश्चित करने के साथ ही चमकी बुखार से बचाव के लिए जेई टीकाकरण के विशेष अभियान चलाया जाए। साथ ही चमकी बुखार से संबंधित आवश्यक कार्यों को जिला मुख्यालय स्थित विभागीय अधिकारियों को प्रतिदिन प्रतिवेदित होना चाहिए। चमकी बुखार के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) का पालन करने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

ग्रामीण स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण: डॉ दिलीप
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने उपस्थित आयुष चिकित्सकों से कहा कि एईएस और जेई बीमारी में नए एसओपी के अनुसार ही लक्षण आधारित उपचार करने की आवश्यकता है। विशेष रूप से यह भी कहा गया कि अगर किसी बच्चे में चमकी बुखार से संबंधित लक्षण दिखे तो उसका उपचार तुरंत कराया जाना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में बिना उपचार के कोई बच्चा रेफर न हो, विशेष रूप से इसका पालन होना चाहिए। हालांकि विकट परिस्थितियों में ही सदर अस्पताल या अन्य किसी अस्पतालों में सुविधापूर्ण एंबुलेंस के साथ ही भेजा जाए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा एईएस से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। क्योंकि एईएस को लेकर आशा कार्यकर्ताओं सहित ग्रामीण स्तर पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कार्यकताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

आयुष चिकित्सकों को जापानी इंसेफेलाइटिस को लेकर किया गया प्रशिक्षित: डीवीबीडीसी
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार (डीवीबीडीसी) सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि सारण जिले में चमकी बुखार यानि जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चमकी बुखार से बचाव तथा इसके होने के बाद आवश्यक इलाज और उचित देखभाल को लेकर चिकित्सकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों यथा- डॉ इशिका सिन्हा और डॉ आशुतोष के द्वारा जिले के आयुष चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। आयुष चिकित्सकों से यह भी कहा गया कि किसी भी घर के बच्चों में सिर दर्द, अचानक तेज बुखार, हाथ पैर में अकड़न या टाईट होना, बेहोशी, शरीर में चमकी का होना या कांपना, शारीरिक एवं मानसिक संतुलन सही नहीं होना और शरीर में ग्लूकोज का कम हो जाना जैसे बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण पाए जाने की स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर उसका उपचार किया जाना चाहिए।

Leave a Reply

error: Content is protected !!