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नसबंदी से लेकर अखबारों की सेंसरशिप तक इमरजेंसी.

नसबंदी से लेकर अखबारों की सेंसरशिप तक इमरजेंसी. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क 25 जून भारतीय इतिहास में बहुत महत्व रखता है. खासतौर पर दो घटनाओं के लिए 25 जून को याद किया जाता है, उनमें से एक है 25 जून 1975 को देश में लगा आपातकाल (Emergency in India) और दूसरा है 25 जून 1983…

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आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय क्यों कहा जाता है?

आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय क्यों कहा जाता है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आपातकाल या इमरजेंसी. हिंदी और अंग्रेजी के ये दो शब्द 2014 के बाद भारतीय राजनीति में आम हो गए हैं. इन दोनों शब्दों को मौके-दर-मौके या यूं कहें कि हर मौकों पर इतनी चर्चा की जाती है कि आज के बच्चे…

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गुस्से की ये आग आखिर कभी अपना वाहन क्यों नहीं फूंकती?

गुस्से की ये आग आखिर कभी अपना वाहन क्यों नहीं फूंकती? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क कहते हैं समय और मौसम कई उलझे हुए मसलों का इलाज कर देता है। जैसे नानी बाई के मायरे में जिन-जिन लोगों ने कपड़े लत्तों के लिए ताने मारे थे, श्रीकृष्ण ने उन सब के सिरों पर गठरियां पोटलियां दे…

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आज भारत का मध्यवर्ग क्या चाहता है?

आज भारत का मध्यवर्ग क्या चाहता है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क बीते वर्षों में इसका आकार और समृद्धि तेजी से बढ़े और यह इकलौता ऐसा वर्ग है, जिसे अपने विस्तार में अखिल भारतीय कहा जा सकता है। मध्यवर्ग आर्थिक विकास चाहता है। उसे अच्छी जीवनशैली, अधिक नौकरियां और बेहतर वेतन चाहिए, उसे व्यवसाय के अवसरों…

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जितना रहेंगे व्यस्त उतना रहेंगे स्वस्थ.

जितना रहेंगे व्यस्त उतना रहेंगे स्वस्थ. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क बहुत बार हम अपने आप को एक कवच एक शैल में बंद कर लेते हैं और दुनिया से दूर हो जाते हैं। हमें ना तो दुनिया दिखाई देती है और ना ही सुनाई देती है। कई लोग इसे ध्यान या मेडिटेशन भी कहते हैं और…

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असम हर साल बाढ़ के कारण 19 साल पिछड़ता जाता है,कैसे?

असम हर साल बाढ़ के कारण 19 साल पिछड़ता जाता है,कैसे? बाढ़ में सालाना 200 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क असम के 32 जिलों के 5,424 गांव पानी में डूबे हैं और लगभग 47.72 लाख लोग इससे सीधे प्रभावित हुए हैं. मौत का आंकड़ा 80 पार कर गया है. अभी…

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डॉ मुखर्जी के विचारों वाली पार्टी भाजपा ने उनके स्वप्न को अधूरा नहीं छोड़ा,कैसे?

डॉ मुखर्जी के विचारों वाली पार्टी भाजपा ने उनके स्वप्न को अधूरा नहीं छोड़ा,कैसे? पुण्यतिथि पर विशेष श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म छह जुलाई, 1901 को कोलकाता के प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. मुखर्जी भारतीय राजनीति के ऐसे महान व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने आजादी के बाद देश की एकता-अखंडता के लिए…

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कई संगीत सुनने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं?

कई संगीत सुनने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं? संगीत समय का स्पंदन है. विश्व संगीत दिवस पर विशेष श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क संगीत सुनने से स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ होते हैं। इसके फायदों को ध्यान में रखते हुए ही हर साल 21 जून यानी की आज के दिन ‘वर्ल्ड म्यूजिक…

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क्या शांति एवं स्वास्थ्य के लिये योग की एकमात्र रास्ता है?

क्या शांति एवं स्वास्थ्य के लिये योग की एकमात्र रास्ता है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का 8वां उत्सव भारत के साथ-साथ दुनियाभर के अधिकांश देशों में 21 जून 2022 को नई थीम- ‘योगा फॉर ह्यूमैनिटी’ के साथ मनाया जायेगा। इसका अर्थ है मानवता के लिए योग। इंसान से इंसान को जोड़ने के…

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योग को सियासत से क्यों दूर रखा जाये?

योग को सियासत से क्यों दूर रखा जाये? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क ऋषि परंपराओं से लेकर आजतक योग शरीर को चंगा रखने का मजबूत माध्यम रहा है और आगे भी रहेगा। पर, ये देखकर दुख होता है इसे शारीरिक जरूरतों से इतर व्यावसायिक, धार्मिक और सियासत में लोग जकड़ते जा रहे हैं। कायदा तो यही…

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अनुमान लगाने वाले ज्ञानी जुटते हैं और उम्मीदवार चुनते हैं,पर……….

अनुमान लगाने वाले ज्ञानी जुटते हैं और उम्मीदवार चुनते हैं,पर………. जीत उसी की होती है, जो प्रधानमंत्री की पसंद हो श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानचित्रण लुटियन के प्रारूप को सेंट्रल विस्टा से विस्थापित कर रहा है, उनकी मुहर एक बार फिर रायसीना पहाड़ी पर स्थित राष्ट्रपति भवन में दिखेगी….

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आखिर…..सैनिक बनते कौन हैं?

आखिर…..सैनिक बनते कौन हैं? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आखिर…..सैनिक बनते कौन हैं? किसी बड़े कॉर्पोरेट सेक्टर के मालिक का लड़का या किसी बड़े नौकरशाह या किसी नवरत्न, महारत्न कम्पनी के डारयेक्टर का लड़का? देश तो सबका है न? सबकी जवाबदेही है देश बचाने की, राष्ट्र-रक्षा की। फिर……सामान्य आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले हीं बच्चे सेना…

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माध्यमों को प्रायः क्यों दोष दिया जाता है?

माध्यमों को प्रायः क्यों दोष दिया जाता है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क साहित्य, आलोचना और सृजनशील साहित्यकारों के संसार से मीडिया कुछ अलग तरह का क्षेत्र है. मीडिया को सृजनशील रचना की अपेक्षा दैनंदिन जीवन की घटनाओं को यथातथ्य प्रस्तुत करना होता है. इसलिए, उसे अपनी अलग भाषा चाहिए, एक सीमा तक अंग्रेजी के आम…

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अग्निवीर योजना में युवाओं के सैन्यीकरण की ओर भारत सरकार का महत्त्वाकांक्षी प्रयास है,कैसे?

अग्निवीर योजना में युवाओं के सैन्यीकरण की ओर भारत सरकार का महत्त्वाकांक्षी प्रयास है,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क अग्निवीर योजना बड़े पैमाने पर युवाओं के सैन्यीकरण की ओर भारत सरकार का महत्त्वाकांक्षी प्रयास है। एन सी सी की तुलना में यह योजना अधिक उपयोगी भी होगी। आज जिस प्रकार युवाओं की संलग्नता टुकड़े गैंग, अर्बन…

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बदलाव का दौर है, बदलाव से समायोजन ही सर्वश्रेष्ठ उपाय हो सकता है–गणेश दत्त पाठक

बदलाव का दौर है, बदलाव से समायोजन ही सर्वश्रेष्ठ उपाय हो सकता है–गणेश दत्त पाठक सेना में भर्ती की नई प्रक्रिया अग्निपथ पर करना होगा पर्याप्त मनन चिंतन श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क समय का चक्र चल रहा है। तकनीकी सुविधाओं के आधार पर बदलाव की गति तीव्र होती जा रही है। ऐसे में बदलाव हर…

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