शुद्ध हिंदी का कोई मानक सर्वमान्य रूप से तय नहीं है,क्यों?

शुद्ध हिंदी का कोई मानक सर्वमान्य रूप से तय नहीं है,क्यों? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भाषा की समस्या केवल हिंग्लिश के अंधाधुंध प्रयोग ही नहीं है, उसके कुछ अन्य आयाम भी हैं. समाचार पत्रों व अन्य माध्यमों में दोषपूर्ण अनुवाद के अनेक उदाहरण मिलते हैं. अनुवाद में सरल, तद्भव और प्रचलित देशज शब्दों के स्थान…

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मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’, पढ़िए रामधारी सिंह दिनकर की पूरी कविता

मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’, पढ़िए रामधारी सिंह दिनकर की पूरी कविता श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर  की यह कविता  रश्मिरथाी से  है ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’।  काफी लोकप्रिय है इसे जितने बार पढ़ेंगे उतनी आपको उर्जा मिलेगी     सच…

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