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मीडिया स्वस्थ लोकतंत्र का अपरिहार्य अंग है,कैसे?– प्रो. संजय द्विवेदी.

मीडिया स्वस्थ लोकतंत्र का अपरिहार्य अंग है,कैसे?–प्रो. संजय द्विवेदी. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत में लोकतंत्र एक संस्कार, जीवन मूल्य और जीवन पद्धति है। भारत का लोकतंत्र सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। आज भारत के लोकतंत्र में समाहित शक्ति ही देश के विकास को नई ऊर्जा और देशवासियों को नया विश्वास दे…

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जब हम गुलाम थे तब एक थे, आजाद होते ही क्यों बंट गए–प्रो. संजय द्विवेदी.

जब हम गुलाम थे तब एक थे, आजाद होते ही क्यों बंट गए–प्रो. संजय द्विवेदी. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत की त्रासदी है कि बंटवारे की राजनीति आज भी यहां फल-फूल रही है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए भी हम इस रोग से मुक्त नहीं हो पाए हैं। यह सोचना कितना व्यथित करता है…

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आर्थिक असमानता दूर करने के लिए कौन से प्रयास करने की जरूरत है?

आर्थिक असमानता दूर करने के लिए कौन से प्रयास करने की जरूरत है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क कोरोना महामारी ने भारत सहित पूरे विश्व में बदहाल आय असमानता को बदतर कर दिया है। हालिया जारी एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट यह बताती है कि कोरोना महामारी के दौर में दुनिया ने अरबपतियों की संपदा में अभूतपूर्व वृद्धि…

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बदले दौर में समस्याओं के समाधान की राह निकल सकेगी,कैसे?

बदले दौर में समस्याओं के समाधान की राह निकल सकेगी,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हमारे संविधान को लागू हुए आज 72 वर्ष हो गए। इन वर्षो में देश ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, वैश्विक स्तर पर अपनी धाक जमाई है। सबसे बड़ी बात यह कि समान और वयस्क मतदान अधिकार के जरिये देश ने…

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देश के सर्वागीण विकास की राह हम सभी प्रशस्त करें,कैसे?

देश के सर्वागीण विकास की राह हम सभी प्रशस्त करें,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत जब स्वतंत्र हुआ तब हमारे पास अपना कोई संप्रभु संविधान नहीं था। गणतंत्र दिवस इसीलिए बहुत महत्वपूर्ण है कि आज ही के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान है। मैं इसे मानव…

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संविधान के संदेशों को गहराई से समझनेे की आवश्यकता है,क्यों?

संविधान के संदेशों को गहराई से समझनेे की आवश्यकता है,क्यों? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत की स्वतंत्रता के बाद संविधान निर्माताओं ने सैकड़ों वर्षों की बौद्धिक परतंत्रता और दासता को मिटा कर भारतीय राजनीति को एक सर्वप्रिय और वैश्विक स्वरूप प्रदान करने की जो कोशिश की, उसे गणतंत्र दिवस पर गहराई से समझना आवश्यक है।…

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एकात्म समरस समान लक्ष्य वाला समाज भारत है.

एकात्म समरस समान लक्ष्य वाला समाज भारत है. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क वर्ष 1950 में देश ने आज के दिन ही अपना संविधान स्वीकार किया था। संविधान स्वीकृति के बाद हम गणतांत्रिक देश बन गए। देश की भौगोलिक, सामाजिक एवं आर्थिक विषमताओं को ध्यान में रखते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने भविष्य में देश के…

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शिक्षा प्रणाली में भारतीय ज्ञान परंपरा की अनि‍वार्यता क्यों है?

शिक्षा प्रणाली में भारतीय ज्ञान परंपरा की अनि‍वार्यता क्यों है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत, संस्कृति और संस्कृत, ये तीनों शब्द मात्र शब्द नहीं, अपितु प्रत्येक भारतीय के भाव हैं। भारतीय संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा का ज्ञान परम आवश्यक है। अतएव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में भी बहुभाषावाद को…

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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों मिलना चाहिये?

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों मिलना चाहिये? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क नीति आयोग द्वारा देश का पहला बहुआयामी गरीबी सूचकांक जारी किया गया है. गरीब राज्यों की सूची में शामिल राज्यों ने पुन: विशेष राज्य के दर्जे की मांग शुरू कर दी है. नेशनल इंडेक्स में बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, असम आदि…

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हिमाचल प्रदेश ने विकास यात्रा शून्य से शुरू की और 51 साल में जो विकास किया.

हिमाचल प्रदेश ने विकास यात्रा शून्य से शुरू की और 51 साल में जो विकास किया. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हिमाचल प्रदेश ने विकास यात्रा शून्य से शुरू की और 51 साल में जो विकास किया, वो अन्य पहाड़ी राज्यों के लिए प्रेरणादायक बन गया। यूं कहा जाए कि पहाड़ों से बहने वाले पानी को…

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क्या लोकतंत्र को दलबदल ने कमज़ोर किया है?

क्या लोकतंत्र को दलबदल ने कमज़ोर किया है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क दलबदल बीते वर्षों में भारतीय राजनीति का स्थायी मर्ज बन गया है शुचिता, समर्पण और पारदर्शिता जैसे शब्द तो राजनीति पर बोझ प्रतीत होने लगे हैं। नेता अवसर की तलाश में बैठे हैं। किसी तरह बस स्वार्थ सिद्ध होना चाहिए। विचार तो अब…

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स्वतंत्रता के 75 वर्ष की लंबी समयावधि में क्या बदलाव हुए है?

स्वतंत्रता के 75 वर्ष की लंबी समयावधि में क्या बदलाव हुए है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत बहुसांस्कृतिक देश है। पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक विविधता की बयार बहती है। स्वतंत्रता के 75 वर्ष की लंबी समयावधि में संस्कृति के क्षेत्र में कई अहम बदलाव हुए हैं, जो हमारे स्वावलंबन के साक्षी…

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क्या महायुद्ध बनने से कोई नहीं रोक सकता?

क्या महायुद्ध बनने से कोई नहीं रोक सकता? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क रूस और यूक्रेन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। दोनों देशों के बीच लाखों सैनिकों की तैनाती से जंग जैसे हालात हैं। अमेरिका का कहना है कि रूस के सैनिक यूक्रेन पर कभी भी हमला कर सकते हैं। रूस और यूक्रेन के…

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हूथी विद्रोहियों के हमले के क्‍या हैं मायनें

हूथी विद्रोहियों के हमले के क्‍या हैं मायनें श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क कुछ दिन पहले हुए हूथी विद्रोहियों द्वारा अबू धाबी के आयल टैंकर पर हुए हमले ने सभी को हैरान कर दिया है। इसकी दो बड़ी वजह हैं। पहली वजह यमन से 2019 में यूएई द्वारा अपनी सारी सेना का हटाना है तो दूसरी…

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राष्ट्रीय झंडा देश के हर नागरिक के गौरव और सम्मान का प्रतीक है।

राष्ट्रीय झंडा देश के हर नागरिक के गौरव और सम्मान का प्रतीक है। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज 1904 में सिस्टर निवेदिता द्वारा डिजाइन किया गया था। यह लाल रंग का झंडा था जिसके किनारों पर पीली धारियां थीं, बीच में एक वज्र था जिसके दोनों ओर वंदे मातरम लिखा हुआ…

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