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हिंदी कवि मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता का यह शीर्षक है-‘मुझे फूल मत मारो’!

हिंदी कवि मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता का यह शीर्षक है-‘मुझे फूल मत मारो’! श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हिंदी कवि मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता का यह शीर्षक है-‘मुझे फूल मत मारो’! यह कविता मुझे आज पूरी तरह याद नहीं। कविता पढ़े और उसे याद किए दशक तो जरूर बीते होंगे।वह तब की बात है…

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कुछ लोग खालिस्तान की मांग क्यों करते हैं जबकि पूरा भारत उनका है- राजनाथ सिंह,रक्षा मंत्री.

कुछ लोग खालिस्तान की मांग क्यों करते हैं जबकि पूरा भारत उनका है- राजनाथ सिंह,रक्षा मंत्री. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग खालिस्तान की मांग क्यों करते हैं जबकि पूरा हिन्दुस्तान उनका है। उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब वह केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप…

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जानवरों को भी इंसान की तरह जीने का हक है- हाइकोर्ट.

जानवरों को भी इंसान की तरह जीने का हक है- हाइकोर्ट. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क  उत्तराखंड हाइकोर्ट ने कहा था कि जानवरों को भी इंसान की तरह जीने का हक है. हर राज्य ने अपना राजकीय पशु या पक्षी घोषित किया है. असल में ऐसे आदेशों से जानवर बचते नहीं हैं, जब तक समाज में…

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भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत है हमारी ऋषि परंपरा

भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत है हमारी ऋषि परंपरा श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क वन में जब ब्रह्मविद्या की उपासना होती है, तब उसे तपोवन का दर्जा प्राप्त होता है। तपोवन में एक ऋषि, ऋषि पत्नी और ऋषिपुत्रों के अलावा कुछ शिष्यों की उपस्थिति अनिवार्य है। यहां सभी शिष्य गुरु से नीचे आसन के पास बैठकर…

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‘आया राम, गया राम’ की भारतीय राजनीति में एंट्री क्या मतलब है?

‘आया राम, गया राम’ की भारतीय राजनीति में एंट्री क्या मतलब है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आज के विशलेषण की शुरुआत एक कहानी से करेंगे। कहानी जो शुरू होती है साल 1967 में जब भारतीय राजनीति के इतिहास में एक नई इबारत लिखी जा रही थी। इस इबारत को लिखने वाले का नाम था- गया…

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क्या सैर सपाटे के नाम पर पवित्र नदियों की पवित्रता को भी भूलने लगे हैं?

क्या सैर सपाटे के नाम पर पवित्र नदियों की पवित्रता को भी भूलने लगे हैं? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हमारे हजारों हजारों साल के संस्कारों और सनातन परंपरा में चले आ रहे नदियों के महत्व को दर्शाती है। दरअसल हमारे देश में नदियों को माता के रूप में माना जाता रहा है। विशेष अवसरों पर…

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क्या कांग्रेस ने अब तक की सबसे बड़ी वर्जना को तोड़ा है?

क्या कांग्रेस ने अब तक की सबसे बड़ी वर्जना को तोड़ा है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत की आजादी में भूमिका निभाने वाली कांग्रेस अब “हम लेकर रहेंगे आजादी भारत से” का नारा लगाने वालों के साथ ही नहीं बल्कि ऐसे देशद्रोही तत्वों की दया, कृपा, संबल, के साथ खड़ी दिख रही है। कन्हैया कुमार…

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साइबर फिरौती से भारत समेत दुनिया को हो रहा नुकसान,कैसे?

साइबर फिरौती से भारत समेत दुनिया को हो रहा नुकसान,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क साइबर क्रिमिनल एक तरफ डाटा में सेंध लगाकर जहां सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इसकी वजह से बड़ा आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। आईबीएम की कॉस्ट ऑफ डाटा ब्रीच रिपोर्ट…

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आखिर क्यों अपनी समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रही कांग्रेस?

आखिर क्यों अपनी समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रही कांग्रेस? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क वर्तमान में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस संकट से जूझ रही है। कांग्रेस के भीतर विभिन्न राज्यों में मचे अंतर्कलह की वजह से वह लगातार चर्चाओं में है।सिद्धू के इस्तीफे पर भी उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पंजाब…

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सतर्कता के साथ-साथ उत्साह और सकारात्मक भाव महामारी से लड़ने का देगा संबल.

सतर्कता के साथ-साथ उत्साह और सकारात्मक भाव महामारी से लड़ने का देगा संबल. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हमारी सतर्कता आखिरकार रंग लाने लगी है। करीब दो साल से कोविड-19 महामारी के दौरान हमारे संयम ने इस महालड़ाई को एक निर्णायक मुकाम दिया है। हमारे एहतियाती कदम शनै: शनै: तथाकथित तीसरी लहर की धार को कुंद…

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श्राद्ध अपने संस्कारों को बेहतर बनाने का दिन है.

श्राद्ध अपने संस्कारों को बेहतर बनाने का दिन है. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क पितृपक्ष में कैसे करते हैं श्राद्धकर्म मतलब परिवार की जिन आत्माओं ने शरीर छोड़ा, उन्हें याद करने के दिन। जो आत्माएं शरीर छोड़कर गईं वे आज कहां हैं? श्राद्ध के दिनों का मतलब सिर्फ यह नहीं कि उन्हें याद करें, साथ में…

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क्या गांधी जी के मूल्य केवल फिल्मों तक ही सीमित है?

क्या गांधी जी के मूल्य केवल फिल्मों तक ही सीमित है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क महात्मा गांधी अब केवल करेंसी नोट पर नजर आते हैं और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में भी इसका मूल्य घट गया है। एक डॉलर खरीदने के लिए 75 रुपए देने पड़ते हैं और ब्रिटिश पाउंड तो शेक्सपियर के नाटक ‘मर्चेन्ट ऑफ…

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पत्रकारों को चाहिए कि वे महर्षि नारद को अपना गुरु मानें- डा. संपूर्णानंद,पूर्व राज्यपाल.

पत्रकारों को चाहिए कि वे महर्षि नारद को अपना गुरु मानें- डा. संपूर्णानंद,पूर्व राज्यपाल. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क  साख और सरोकार पत्रकारिता की मूलभूत पूंजी है। भारतीय पत्रकारिता का मिशनरी सरोकार भारत की स्वाधीनता रहा। पारंपरिक रूप से देवर्षि नारद भारतीय संचार परंपरा के आदिपुरुष के रूप में एक आदर्श उदाहरण हैं। अनेक पुस्तकों के…

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उन बुजुर्गों का क्या होगा जो अपना सब कुछ बच्चों को समर्थ बनाने में दाव पर लगा दिया था?

उन बुजुर्गों का क्या होगा जो अपना सब कुछ बच्चों को समर्थ बनाने में दाव पर लगा दिया था? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस कुछ नही मांगते वो …और ,केवल बुजुर्ग दिवस मनाने से बुजुर्गों की परेशानी कम नहीं हो सकती..उन्हें आज की पीढ़ी से सिर्फ प्यार के अलावा कुछ नहीं चाहिए..दुःख होता…

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अदालती व्यवस्था आम आदमी के लिए दुरुह है,कैसे?

अदालती व्यवस्था आम आदमी के लिए दुरुह है,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने फिर अदालती व्यवस्था में सुधार पर चर्चा शुरू की है। इस बार उन्होंने उसके भारतीयकरण पर बल दिया है। उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि अदालती भाषा और प्रक्रिया आम आदमी के लिए इतनी दुरुह है कि वह…

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