सीबीआई ने  जमा घोटाला मामलें की जाँच में अठारह आरोपियों के विरुद्ध पांच अलग-अलग मामलों में पांच और आरोप पत्र दायर किए

सीबीआई ने  जमा घोटाला मामलें की जाँच में अठारह आरोपियों के विरुद्ध पांच अलग-अलग मामलों में पांच और आरोप पत्र दायर किए

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

असम पोंजी घोटाले के विभिन्न मामलों की जांच को गति देते हुए, सीबीआई ने 18 आरोपियों के विरुद्ध पांच अलग-अलग मामलों में पांच और आरोपपत्र दायर किए, जिनमें 16 निजी व्यक्ति एवं दो संगठन यथा मैसर्स अपऐपिथेट्स होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (यूएचपीएल) तथा ब्रह्मपुत्र संचय व बिनियोग कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (बीएसबीसीएसएल) शामिल हैं। इन मामलों की जांच सीबीआई गुवाहाटी द्वारा की जा रही है। ये सीबीआई दिल्ली द्वारा दायर किए गए 4 (चार) आरोपपत्रों की संख्या के अतिरिक्त हैं, जो कुछ असम पोंजी निवेश घोटाले के मामलों की जांच कर रही है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विशेष सीबीआई अदालत गुवाहाटी के समक्ष सीबीआई गुवाहाटी द्वारा दिनांक 22.10.2024 को पुनः पंजीकृत आरसी 16ई/2024 के मामले में दो निजी व्यक्तियों एवं एक निजी कंपनी सहित तीन आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया, जिनके नाम हैं हेमेन रवा, निदेशक; शंकर साहा, प्रबंधक एवं मैसर्स अपऐपिथेट्स होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड। यह आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी के 90 दिनों की अवधि के भीतर बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी की जारी जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मामला, असम निवेश घोटाले के मामलों में से एक है जिसकी जांच असम सरकार के अनुरोध पर सीबीआई द्वारा की जा रही है। यह मामला पूर्व में तेजपुर पुलिस स्टेशन, असम द्वारा प्राथमिकी संख्या 533/2024, दिनांक 04.09.2024 के तहत हेमेन रावा के विरुद्ध दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप था कि हेमेन रावा, आरबीआई/सेबी के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए वित्तीय घोटाले में संलिप्त है। यह भी आरोप था कि उन्होंने आम जनता को निवेश पर उच्च रिटर्न के वादे के साथ नोटरीकृत ऋण समझौतों से जुड़ने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कथित तौर पर अपने निजी लाभ के लिए धन का गबन किया, जिससे उन्होंने अपने ग्राहक, जनमानस, जो उनकी योजना का शिकार हुए, के साथ धोखाधड़ी कीl

सीबीआई द्वारा की गई जांच में दोनों आरोपियों एवं मैसर्स अपऐपिथेट्स होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध काफी मात्रा में साक्ष्य मिले। जांच से पता चला है कि आरोपी, एक अवैध जमा योजना को कार्यरूप देने में संलिप्त थे, जिसके तहत झूठे वादे के आधार पर निवेशकों से धन जुटाया गया। उन्होंने निवेशकों को 6% एवं उससे अधिक की गारंटीकृत मासिक रिटर्न का वादा कर लुभाने हेतु नोटरीकृत स्टांप पेपर सहित भ्रामक साधनों का प्रयोग किया। उन्होंने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की और अपने निजी लाभ के लिए जमा राशि का गबन किया।

विशेष सीबीआई अदालत, गुवाहाटी के समक्ष सीबीआई द्वारा दिनांक 20.10.2024 को पुनः पंजीकृत मामला संख्या आरसी 5ई/2024 में पांच आरोपियों के विरुद्ध एक अन्य आरोप पत्र दायर किया, जिसमें चार निजी व्यक्ति एवं एक सहकारी समिति शामिल हैं, जिनके नाम हैं जितेन डेका, तत्कालीन चेयरमैन; इंद्राणी दास, शाखा प्रबंधक, अजारा शाखा; संजीब डेका, सचिव; हिमांशु तालुकदार , चेयरमैन एवं ब्रह्मपुत्र संचय एवं बिनियोग सहकारी समिति लिमिटेड। यह मामला मूल रूप से थाना अज़ारा, गुवाहाटी में मामला संख्या 184/2024 दिनांक 12.09.2024 के तहत जितेन डेका, इंद्राणी दास एवं अन्य के विरुद्ध दर्ज किया गया था। यह मामला ब्रह्मपुत्र संचय एवं बिनियोग सहकारी समिति द्वारा “गृहलक्ष्मी” योजना के तहत एकत्रित जमा राशि से संबंधित है। निवेशकों को कथित तौर पर बोनस/ब्याज जैसे अधिक रिटर्न के वादों के साथ लुभाया गया थाl बाद में, आरोपियों ने जमाराशि का कथित गबन कर लियाl

जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी जितेन डेका एवं अन्य आरोपी व्यक्तियों ने ब्रह्मपुत्र संचय व बिनियोग सहकारी समिति की अनियमित जमा योजना को बढ़ावा दिया। उन्होंने एजेंटों/संभावित जमाकर्ताओं के साथ विभिन्न बैठकों में भाग लिया और बिना किसी उपयुक्त व्यवसाय मॉडल (viable business model) के एजेंट कमीशन के साथ उच्च रिटर्न का प्रचार करके जमा राशि मांगी, जिससे संभावित जमाकर्ताओं को अपनी मेहनत की कमाई की बड़ी धनराशि जमा करने के लिए लुभाया गया। उन्होंने अनियमित जमा योजनाओं के माध्यम से 15% ( वार्षिक) तक उच्च रिटर्न का झूठा वादा किया। आरोपी जितेन डेका एवं अन्य ने एजेंटों/निवेशकों को बी.एस.बी.सी. गृहलक्ष्मी योजना (अनियमित जमा योजना) हेतु आमंत्रित किया, जहाँ एजेंटों को जमा राशि पर 4% से 7% तक कमीशन की पेशकश की गई थी।

सीबीआई ने दिनांक 20.10.2024 को सीबीआई गुवाहाटी द्वारा पुनः पंजीकृत आरसी 7ई/2024 में चार निजी व्यक्तियों श्रीमती मैनाओ ब्रह्मा, श्री दीपांकर भट्टा, श्री ज्योतिष्मन सरमा एवं श्री सुमित बर्मन के विरुद्ध भी विशेष सीबीआई अदालत, गुवाहाटी में आरोप पत्र दायर किया। यह मामला मुशालपुर(Mushalpur) पुलिस स्टेशन (जिला- बक्सा) में मामला संख्या 102/2024 की जांच अपने हाथ में लेने के पश्चात्, दर्ज किया गया था। जांच में यह स्थापित हुआ कि आरोपी व्यक्ति अर्थात श्रीमती मैनाओ ब्रह्मा, श्री दीपांकर भट्टा, श्री ज्योतिष्मन सरमा एवं श्री सुमित बर्मन ने षडयंत्र रचा एवं इसके अनुसरण में वे जनमानस के साथ धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से अनियमित जमा योजना चला रहे थे एवं मेहनत की कमाई को निजी उपयोग के लिए तथा जमीन जायदाद खरीदने, भवनों के निर्माण एवं वाहन खरीदने आदि के लिए अपने/अपने परिवार के सदस्यों/मित्रों के बैंक खाते में भेजा/गबन कियाl सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैl

सीबीआई ने दिनांक 20.10.2024 को सीबीआई गुवाहाटी द्वारा पुनः पंजीकृत आरसी 6ई/2024 में विशेष सीबीआई अदालत, गुवाहाटी के समक्ष ऋषिराज गोगोई एवं जॉय मोदक नामक दो निजी व्यक्तियों के विरुद्ध भी आरोप पत्र दायर किया। गीतानगर पुलिस स्टेशन, गुवाहाटी मामला संख्या 174/2024, दिनांक 04.09.2024 की जांच को अपने हाथ में लेने के पश्चात् सीबीआई द्वारा इस मामले को पुन: पंजीकृत किया गया। आरोप पत्र में शामिल आरोपी व्यक्ति विभिन्न सौंदर्य प्रसाधन एवं अन्य उत्पादों को बेचने हेतु बनाई गई अपनी कंपनी “गो मिलियन्स एलएलपी” की आड़ में स्टॉक ट्रेडिंग व्यवसाय चलाने में संलिप्त थे। उन्होंने सेबी/आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर जनमानस को उच्च रिटर्न का वादा करके अपना पैसा निवेश करने हेतु प्रेरित किया एवं इस तरह धनराशी का गबन कर जनमानस के साथ धोखाधड़ी की। जांच में पाया गया कि आरोपी व्यक्ति ऋषिराज गोगोई एवं जॉय मोदक ने षडयंत्र रचा एवं उसके अनुसरण में, उन्होंने यूपीआई/बैंक खाते के माध्यम से व्यापार के द्वारा जनमानस से जमा राशि एकत्र करने की व्यवस्था की और किसी भी विनियमित जमा योजना में राशि जमा नहीं की। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।

इसके अलावा, सीबीआई ने चार निजी व्यक्तियों यथा शंकर कुमार विश्वास, रोफिकुल इस्लाम, दिनेश च. राय एवं निरंजन कुमार मालाकार के विरुद्ध विशेष सीबीआई अदालत, गुवाहाटी के समक्ष मामला संख्या आरसी 18ई/2024 में आरोप पत्र दायर किया, जिसे सीबीआई गुवाहाटी ने दिनांक 22.10.2024 को पुन: पंजीकृत किया था। सीबीआई ने यह मामला धुबरी पुलिस स्टेशन, जिला-धुबरी में दर्ज मामला संख्या 310/2024, दिनांक 03.09.2024 की जाँच को पुन: पंजीकृत करके अपने हाथों में लिया। जांच में पाया गया कि शंकर कुमार विश्वास, रफीकुल इस्लाम, दिनेश चंद्र रॉय एवं निरंजन कुमार मालाकार नामक आरोपियों ने आपस में मिलकर षडयंत्र रचा एवं इसके तहत उन्होंने टाइटन कैपिटल मार्केट के नाम पर निवेश हेतु अलग-अलग लोगों से यूपीआई/नकद/चेक के माध्यम से जमा राशि एकत्र करने की व्यवस्था की और अलग-अलग जमाकर्ताओं से प्राप्त राशि को किसी भी विनियमित जमा योजना में जमा/निवेश/व्यापार नहीं किया। उन्होंने निवेश के लिए जमाकर्ताओं से पैसे एकत्र करके उनके साथ धोखाधड़ी की और उन्हें उक्त राशि वापस नहीं की।

जांच के दौरान, सीबीआई ने उन जमाकर्ताओं, के विवरण वाले डेटाबेस का सफलतापूर्वक पता लगाया , जिन्हें इन अनियमित जमा योजनाओं में निवेश करने हेतु धोखा दिया गया था।

विभिन्न मामलों के विविध पहलुओं में आगे की जांच जारी है।

सीबीआई, इन धोखाधड़ी वाली गतिविधियों का पूर्ण रूप से खुलासा करने एवं अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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