नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने दर्ज की पहली प्राथमिकी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
शिक्षा मंत्रालय द्वारा NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित गड़बड़ियों की व्यापक जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद एजेंसी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने रविवार को एफआईआर दर्ज कर ली है। शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मामले की जांच के लिए सीबीआई ने विशेष टीमें गठित की हैं। सीबीआई की विशेष टीमें पटना और गोधरा भेजी जा रही हैं, जहां स्थानीय पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने शनिवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटाकर कार्रवाई की। सरकार ने एनटीए के प्रमुख को हटा दिया। इसके अलावा एजेंसी के कामकाज की समीक्षा के लिए एक पैनल का गठन कर दिया।
सीबीआई पेपर लीक मामले में एक अलग मामला दर्ज किया है। बिहार और गुजरात वाले मुकदमे को टेकओवर नहीं किया गया है। इन दोनों राज्यों की पुलिस अभी अपने स्तर पर जांच और गिरफ्तारियां कर रही हैं। इस मामले में पहला मामला 5 मई को सामने आया था। जिसके बाद अब तक कई गिरफ्तारियां हुईं और छात्रों ने देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया।
NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित तौर पर गड़बड़ी का मामला 5 मई को सामने आया था। इसमें 5 मई की रात से लेकर 6 मई की सुबह तक पुलिस ने पटना के अलग-अलग इलाकों से 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें पेपर लीक माफिया, सेंटर, कई छात्र और उनके अभिभावक भी शामिल थे।
10 मई- अब तक मामला पटना के शास्त्री नगर पुलिस के पास था, लेकिन 10 मई को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई यानी (ईओयू) ने शास्त्री नगर थाने में दर्ज नीट पेपर लीक मामले को टेकओवर कर लिया।
19 मई- ईओयू ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए गिरफ्तार किए गए सभी 13 आरोपियों को रिमांड पर लिया।
21 मई- पेपर लीक में पूछताछ से मिली जानकारी और सबूत मिलने के बाद ईओयू ने एनटीए के डीजी को लेटर लिखकर 11 अभ्यर्थियों की जानकारी और उनके प्रश्न पत्र-उत्तरपुस्तिका की मूल कॉपी मांगी।
4 जून- नीट के रिजल्ट के 14 जून तक जारी होने की संभावना थी वो लोकसभा चुनाव नतीजों के दिन ही 4 जून को जारी हो गया।
12 जून- 22 दिन बाद एनटीए ने ईओयू को 11 अभ्यर्थियों की डिटेल भेजी।
16 जून- पेपर लीक मामले जब छात्रों ने देश के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन किया तो तो ईओयू की तरफ से जो पूछताछ आरोपियों से गई थी उसका कबूलनामा सामने आया। अपने बयान में आरोपियों ने पेपर लीक की बाद कबूल की।
18 जून- नीट पेपर लीक का तार पहली बार संजीव मुखिया गिरोह से जुड़ा। संजीव मुखिया के बेटे डॉ. शिव कुमार समेत 10 आरोपियों को ईओयू ने रिमांड पर लिया। शिव बीपीएससी पेपर लीक मामले में पहले से जेल में बंद है।
19 जून- 5 मई को गिरफ्तार किए गए पेपर लीक के मास्टरमाइंड और बिहार सरकार के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु को सस्पेंड किया गया। पूछताछ के दूसरे दिन 2 अभ्यर्थी ईओयू ऑफिस पहुंचे।
20 जून- ईओयू की टीम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बुलाने पर दिल्ली गई। आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान सभी सबूतों के साथ पहुंचे, जहां मंत्रालय ने पेपर लीक से जुड़ी रिपोर्ट मांगी।
नीट-यूजी परीक्षा 2024 में कथित अनियमितताओं की जांच अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआई ने मामले की जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। सीबीआई की ओर से कहा गया है कि विशेष टीमों को बिहार के पटना और गुजरात के गोधरा में भेजा गया है, जहां स्थानीय पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं।
सीबीआई की FIR में क्या कहा गया?
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया, “राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई, 2024 को ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में नीट (यूजी) परीक्षा आयोजित की। कथित अनियमितताओं/धोखाधड़ी/प्रतिरूपण/कदाचार के कुछ मामले सामने आए हैं। परीक्षा प्रक्रिया के संचालन में पारदर्शिता के लिए, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने समीक्षा के बाद मामले को व्यापक जांच के लिए सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।”
बयान में कहा गया, “केंद्र सरकार ने सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकने और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए प्रावधान करने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 भी लागू किया है। सरकार परीक्षाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
केंद्र सरकार ने कहा, “यह दोहराया जाता है कि इसमें शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति/संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” नीट-यूजी परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप देश भर में कई विरोध प्रदर्शन हुए, प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक दलों ने एनटीए को भंग करने की मांग की है।