*काशी में भगवान नरसिंह की मनायी गयी जयंती*

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*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*

*वाराणसी* / भगवान नरसिंह की जयंती मंगलवार को मनायी गयी। लोगो ने भगवान नरसिंह की विधि विधान से पूजा अर्चना की। समाजसेवी रामयश मिश्र ने भगवान नरसिंह से प्रार्थना करते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी, उसी तरह हमलोगो की भी कोरोना से रक्षा करें। वेदों व पुराणों में वर्णन है कि आज ही के दिन नरसिंह भगवान ने खंभे से प्रगट होकर भक्त प्रहलाद की उनके आता-ताई पिता हिरण्यकशिपु से जान बचाई थी। भगवान नरसिंह नेअपने दोनों जाघों पर लिटा कर हिरण्यकशिपु का वध, न दिन में, ना रात में, ना सुबह, न शाम, गोधूलि बेला में किया था । वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान नरसिंह की जयंती मनाई जाती है नरसिंह भगवान का मंदिर ऐसे तो पूरे देश में है लेकिन देश की सांस्कृतिक एवं धार्मिक नगरी काशी में एकमात्र विशालकाय मूर्ति अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर में स्थापित है। 10 फुट लंबा और 6 फुट चौड़ा विशालकाय मूर्ति लग•ाग तीन सौ साल पहले शाहपुरी बंधु के पूर्वजों द्वारा स्थापित की गई है । एक ही विशालकाय पत्थर से बनी इस प्रतिमा में नरसिंह भगवान भक्त प्रहलाद को आशीर्वाद देने की मुद्रा में खड़े हैं और अपना बाया हाथ से सभी को आशीर्वाद दे रहे हैं। मंदिर के पुजारी राधेश्याम पांडे ने भगवान नरसिंह की को बेला, गुलाब, कमल, चम्पा, चमेली आदि फूलों से श्रृंगार कर भव्य आरती की। इस अवसर पर उनको पूरी हलवा का भौग भी लगाया गया। मंदिर में विराजमान नरसिंह भगवान की मूर्ति लगभग 10 फुट लंबी और 5 फुट चौड़ी है। यह मंदिर दुनिया में सबसे बड़ा है। समाजसेवी सीपी जैन ने बताया कि लगभग 300 साल पहले इस मंदिर की स्थापना सापुरी बंधु के पूर्वजों द्वारा कराई गई थी। तभी से इस मंदिर में अनवरत पूजा-अर्चना की जा रही है। इस अवसर पर आशीष मिश्र सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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