बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी एवं कैप्टन वीर अब्दुल हमीद साहब की जयंती मनायी गयी
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी एवं कैप्टन वीर अब्दुल हमीद साहब की जयंती समारोह तहरीक ए हिन्द फाउंडेशन कार्यालय पर एम एम कालोनी सिवान में आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता फाउंडेशन की अध्यक्षा समाजसेवी सह पूर्व जिला पार्षद समरून निशा ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण की शुरुआत एक शेर के साथ की । मैं तुम्हें अपने उसूलों की कसम देती हूं। मुझको मजहब के तराजू में न तोला जाय। मैंने इंसान ही रहने की कसम खाती है। मुझको हिन्दू या मुसलमान न समझा जाए। साथ ही साथ कहा कि हमारी सोच है दलित पिछड़ा एक समान चाहे हो हिन्दू या मुसलमान। साथ ही कहा कि बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी साहब अपने पुरे जीवन देश की सेवा करने एवं समाज में हाशिए पर खड़े पिछड़ों को मुख्य धारा में लाने के लिए संघर्षरत रहे।
इसी प्रकार पिछड़े समाज से आने वाले कैप्टन वीर अब्दुल हमीद साहब अपनी जीवन की बाजी लगाकर दुश्मन देश के टैंकों को भेदने का काम किया। आज के युवाओं को इनके नक्शे कदम पर चलने का आह्वान किया।इस जयंती सभा के मुख्य अतिथि जय प्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य प्रोफेसर महमूद हसन अंसारी ने बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी साहब की जीवनगाथा पर प्रकाश डाला एवं पिछड़े समाज गरीब संसाधन से महरूम लोगों के लिए किस तरह लड़ाई लड़ी इन्होंने बताया। साथ ही कैप्टन वीर अब्दुल हमीद साहब अपने जीवन को दांव पर लगाकर दुश्मन देश के टैंकों को उड़ानें का काम किया एवं देश को दुश्मन से रक्षा की।
जयंती सभा के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी एवं जनता दल यूनाइटेड के पूर्व जिला अध्यक्ष मूर्तूजा अली कैशर ने इनके द्वारा अपने समाज के लिए किए गए कर्तव्यों को बताया कि कैसे एक कपड़ा बुनने वाले के घर जन्म लेने वाला बच्चा बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी आगे चलकर समाज के पिछड़ापन को दुर करने के लिए संघर्ष करता है तो दूसरी ओर कपड़ा सीने वाले के घर पैदा हुआ बच्चा कैप्टन वीर अब्दुल हमीद देश के सरहद पर दुश्मन देश से लड़ कर अपने वतन की रक्षा करता है। साथ ही समाज के प्रति इनकी विचारों पर चलने कि आह्वान किये।इस जयंती समारोह में मशहूर होम्यो चिकित्सक डॉक्टर अली असगर सिवानी ने कहा कि पसमांदा मुस्लिम की पसमंदगी का कारण धार्मिक पाखण्ड है। शोषितों, वंचितों, दलितों, पिछड़ों एवं पसमांदा के समस्त हितों की हिमायत करने तथा सामाजिक सद्भाव एवं वैज्ञानिक सोच रखने की जरूरत है तभी हमारी उत्थान होगी।
सभा को दारोगा प्रसाद राय महाविद्यालय के अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विरेन्द्र यादव ने कहा कि यह संयोग ही है कि एक महापुरुष बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी पसमांदा समाज के उत्थान के लिए कार्य करता है तो दूसरा महापुरुष कैप्टन वीर अब्दुल हमीद देश की सरहद पर सेवा करता है एवं दोनों का जन्म जुलाई माह के प्रथम दिन होती है। ऐसे महापुरुष को हम हृदय से नमन करते हैं।
सभा को अंसारी महापंचायत के जिला अध्यक्ष जाकिर इमाम ने कहा कि हम बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी साहब के विचारों पर चलकर ही समाज की भलाई कर सकते है। सभा का समापन तहरीक ए हिन्द फाउंडेशन के सचिव मुजफ्फर हुसैन यह कहते हुए किया कि भारत देश बचाने, बनाने, एवं संवारने में सभी समुदायों का योगदान रहा है एवं हमें कोशिश करनी है कि संप्रदायवाद से ऊपर उठकर देश को आगे बढ़ाने में बढ़ चढ़ कर मदद करनी होगी। सभा को रामबाबू मांझी, सिबु सम्स, समसुलहक अंसारी, युवराज ठाकुर आदि ने संबोधित किया।
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