Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की तैयारी में केंद्र - श्रीनारद मीडिया

विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की तैयारी में केंद्र

विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की तैयारी में केंद्र

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्र ने उच्च शिक्षा में सुधार के तहत विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों को देश में ही खोलने और विदेशी विश्वविद्यालयों की डिग्री प्रदान करने की अनुमति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत अब देश में ही येल, ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसी विश्वविद्यालयों को अपने कैंपस खोलने और डिग्री प्रदान करने की अनुमति दी जा सकती है। केंद्र के इस पहल के बाद विदेश पढ़ाई करने जाने में असमर्थ छात्रों को देश में ही रहकर विदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में पढ़ने का मौका मिल सकेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एक ड्राफ्ट पेश कर जनता से सुझाव और प्रतिक्रिया मांगा है।

संचालित करने की दी जाएगी सुविधा

यूजीसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों को भारत में उनके कैंपस खोलने और इसको संचालित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। यूजीसी ने कहा कि इस मामले में प्रकिया को आसान बनाने के लिए एक ढांचा भी तैयार किया जाएगा और इस प्रकार के विश्वविद्यालयों को भारत के अन्य स्वायत्त संस्थानों के समान ही नियामक, शासन और सामग्री मानदंडों के लिए विशेष छूट दी जाएगी। हालांकि यूजीसी ने अपने विज्ञप्ति में बताया कि इन नियमों के तहत पेश किए जाने वाले कार्यक्रमों को ऑनलाइन मोड में अनुमति नहीं दी जाएगी।

उच्च शिक्षा को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय आयाम

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा कि भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश की अनुमति देने वाला ड्राफ्ट देश में उच्च शिक्षा को एक अंतरराष्ट्रीय आयाम प्रदान करेगा, जिससे भारतीय छात्र सस्ती कीमत पर विदेशी योग्या प्राप्त करने में सक्षम हो पाएंगे। इसके साथ ही यह ड्राफ्ट भारत को एक आकर्षक वैश्विक अध्ययन गंतव्य बनाएगा। यूजीसी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत में विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) विनियम- 2023 नामक दिशानिर्देशों का उद्देश्य भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रवेश की सुविधा प्रदान करना है।

यूजीसी की मंजूरी के बिना नहीं खुल पाएंगे परिसर

यूजीसी के मुताबिक, किसी भी विदेशी उच्च शिक्षा संस्थान को यूजीसी की मंजूरी के बिना देश में परिसर खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यूजीसी ने कहा है कि जो भी विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस खोलेंगे उनको विश्व रैंकिंग के शीर्ष 500 में शामिल होना चाहिए।

विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में कैंपस की राह खुली

भारत में नया साल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने वाला है। देश में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है। नई शिक्षा नीति में वोकेशनल स्टडीज पर फोकस किया गया है। 9वीं से 12वीं क्लास के दौरान बच्चे अपने मनपसंद विषयों को सिलेबस में शामिल कर पाएंगे। दुनिया की शीर्ष विश्वविद्यालयों को भारत में संचालन की अनुमति दी जाएगी।

यही नहीं आगामी जुलाई-अगस्त तक डिजिटल यूनिवर्सिटी के खुलने से शहरी क्षेत्र से लेकर गांव तक के छात्रों को विश्वस्तरीय कौशल- शिक्षा मिल पाएगी। इस साल विश्वविद्यालय स्तर पर कई कोर्स और पढ़ाई के पैटर्न में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके तहत स्कूलों के पाठ्यक्रम तैयार करने के साथ यूजीसी की तरफ से एजुकेशन चैनल लांचिंग की तैयारी की जा रही है। इससे व्यापक रूप में कस्बों-गांव के छात्रों को लाभ मिलेगा।

नई शिक्षा नीति में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू होगा। अब 9वीं के छात्र को अगर विज्ञान विषय नहीं पढ़ना है, तो उसे अपने पंसद के अनुसार दूसरा विषय चुनने का अधिकार रहेगा। उसे लगता है कि गणित की जगह डांस या आर्ट का कोई विषय पंसद है, तो वह उसका चयन कर पढ़ाई कर पाएगा। 24 विषयों में चयन का विकल्प मिलेगा। 9 और 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए भी सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति के खास बातें-

– पहले 10+2 पैटर्न से पढ़ाई होती थी, अब 5+3+3+4 पैटर्न से की जाएगी।

– फाउंडेशन स्टेज शिक्षा 3 से 8 साल के बच्चों के लिए होगी।

– इसमें 3 साल प्री स्कूल शिक्षा और 2 साल स्कूली शिक्षा (कक्षा 1 व 2)।

– प्रिप्रेटरी स्टेज में 8 साल से 11 साल के बच्चे होंगे। कक्षा 3 से 5वीं तक।

– मिडिल स्टेज में कक्षा 6 से 8 वीं के बच्चे होंगे। इन्हें कोडिंग सिखाई जाएगी।

– सेकेंडरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 वीं के छात्र होंगे। ये पंसद का विषय पढ़ेंगे।

– पांचवीं तक की शिक्षा मातृभाषा में या क्षेत्रीय भाषा में दी जाएगी।

– छात्र को कोई विषय या स्ट्रीम नहीं चुनना होगा। योग, खेल, डांस, संगीत भी पढ़ेंगे।

– क्रेडिट कोर्स के आधार पर हायर एजुकेशन की पढ़ाई की सुविधा होगी।

– बीएड की पढ़ाई 4 साल की होगी।

– छात्रों को विदेशी भाषाएं सिखाई जाएंगी। फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चाइनीज आदि।

 

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!