मोदी सरकार में बदलाव 55% मंत्री 5 राज्यों से, चुनावी राज्य यूपी से 16 मंत्री.

मोदी सरकार में बदलाव 55% मंत्री 5 राज्यों से, चुनावी राज्य यूपी से 16 मंत्री.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी कैबिनेट का पहला विस्तार किया। विस्तार से पहले 12 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया, तो 36 नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिली। 7 मंत्रियों को प्रमोट किया गया। यानी, कुल 43 मंत्रियों ने शपथ ली। इसके साथ ही मोदी कैबिनेट में प्रधानमंत्री समेत कुल मंत्रियों की संख्या 78 हो गई है। ये मोदी का अब तक का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल है। कैबिनेट में अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। यानी, अभी भी 3 मंत्रियों के लिए जगह खाली है।

2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार सत्ता में आए तो उनकी कैबिनेट में महज 46 मंत्री शामिल थे। तब प्रधानमंत्री ने मिनिमम गवर्नमेंट मैक्जिमम गवर्नेंस का नारा दिया। हालांकि, तीन साल बाद ही हालात बदले और उनकी कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 76 हो गई। 2019 में जब मोदी ने दूसरी बार शपथ ली तो उस वक्त कुल 58 मंत्री मोदी कैबिनेट का हिस्सा थे।

चुनावी राज्यों में सबसे ज्यादा फोकस उत्तर प्रदेश पर
अगले साल फरवरी-मार्च में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव होने हैं। कैबिनेट विस्तार में इनमें से उत्तर प्रदेश पर सबसे ज्यादा फोकस रहा। विस्तार में शामिल 36 नए चेहरों में से 7 अकेले उत्तर प्रदेश से हैं। इसके साथ ही यहां से आने वाले कुल मंत्रियों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। मोदी कैबिनेट में यूपी के मंत्रियों की ये सबसे बड़ी संख्या है।

पंजाब के इकलौते मंत्री सोम प्रकाश ही हैं। यहां से कोई नया नाम शामिल नहीं किया गया। इसी तरह उत्तराखंड को भी इस विस्तार से कुछ खास नहीं मिला। यहां से रमेश पोखरियाल के इस्तीफे के बाद अजय भट्ट को मंत्री बनाया गया। वे राज्य से आने वाले अकेले मंत्री हैं।

गोवा से आने वाले श्रीपद यशो नायक कैबिनेट में बरकरार हैं। यहां भी किसी नए चेहरों को शामिल नहीं किया गया। वहीं, मणिपुर से इनर मणिपुर के सांसद राजकुमार रंजन सिंह को कैबिनेट में जगह मिली है। इससे पहले मणिपुर से एक भी मंत्री नहीं था।

35 साल के निशीथ प्रमाणिक सबसे युवा, मोदी के अलावा दो मंत्री ऐसे जो 70 पार के
नई कैबिनेट की औसत उम्र 58.2 साल है। ये मोदी सरकार की अब तक की सबसे युवा कैबिनेट है। कैबिनेट में शामिल 12 मंत्रियों की उम्र 50 साल से कम है। 2019 में कैबिनेट में शामिल 11 मंत्री ऐसे थे जिनकी उम्र 50 साल से कम थी। वहीं, 2014 में शपथ लेने वाली कैबिनेट में 33 यानी करीब 72% मंत्री 50 साल या उससे कम उम्र के थे। हालांकि, 2014 की मोदी कैबिनेट की औसत उम्र 59.6 साल थी।

40 साल से कम उम्र के मंत्रियों की बात करें तो 2014 में स्मृति ईरानी इकलौती मंत्री थीं। 2019 की कैबिनेट में एक भी मंत्री 40 से कम उम्र का नहीं था। नई कैबिनेट में निशीथ प्रमाणिक (35 साल), शांतनु ठाकुर (38 साल) और अनुप्रिया पटेल (40 साल) ऐसे हैं जो 40 या उससे कम उम्र के हैं। 72 साल के सोम प्रकाश सबसे उम्रदराज मंत्री हैं। उनके अलावा 70 पार मंत्रियों में 71 साल के राव इंद्रजीत और 70 साल के नरेंद्र मोदी शामिल हैं।

लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे ज्यादा भागीदारी गुजरात की
संख्या के लिहाज से सबसे ज्यादा मंत्री उत्तर प्रदेश से बनाए गए हैं, लेकिन बड़े राज्यों में लोकसभा सीटों की संख्या के लिहाज से गुजरात की भागीदारी सबसे ज्यादा है। राज्य में 26 लोकसभा सीटें हैं। यहां से 6 मंत्री बनाए गए हैं। यानी, लोकसभा सीटों के करीब 23% मंत्री। इस लिहाज से 80 लोकसभा सीटों वाला उत्तर प्रदेश 20% के साथ दूसरे नंबर पर है। वहीं, 48 सीटों वाला महाराष्ट्र 19% के साथ तीसरे नंबर पर है।

मंत्रिमंडल में 6 पूर्व ब्यूरोक्रेट भी
78 में 6 मंत्री ऐसे हैं जो पूर्व ब्यूरोक्रेट हैं। इनमें एस जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी, सोम प्रकाश, अर्जुन राम मेघवाल, अश्विनी वैष्णव और आरसीपी सिंह शामिल हैं। बुधवार को शपथ लेेने वाले मंत्रियों में दो ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजीव चंद्रशेखर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं।

379 करोड़ की संपत्ति वाले सिंधिया सबसे अमीर मंत्री, 6.42 लाख की संपत्ति वाली प्रतिमा भौमिक सबसे कम संपत्ति वाली
प्रतिशत के लिहाज से देखें तो मोदी कैबिनेट में इस बार सबसे कम करोड़पति हैं। मौजूदा कैबिनेट में 89.5% मंत्री करोड़पति हैं। 2019 में 91% मंत्री करोड़पति थे। वहीं, 2014 में 91.3% करोड़पति मंत्री थे। जो बाद में बढ़कर 92% हो गए थे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया नई कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री हैं। उनके पास 379 करोड़ की संपत्ति है। सिंधिया के बाद सबसे ज्यादा संपत्ति पीयूष गोयल के पास है। गोयल 95 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। गोयल की तरह ही महाराष्ट्र से आने वाले नारायण राणे तीसरे नंबर पर हैं उनके पास 87.77 करोड़ की संपत्ति है।

नई कैबिनेट के आठ मंत्री ऐसे हैं जिनके पास एक करोड़ से कम संपत्ति है। इनमें ओडिशा से आने वाली प्रतिमा भौमिक के पास सबसे कम 6.42 लाख की संपत्ति है। उनके अलावा कैलाश चौधरी (24.02 लाख), विश्वेश्वर टुडू (27.42 लाख), वी मुरलीधर (28 लाख), रामेश्वर तेली (43.70 लाख), शांतनु ठाकुर (52 लाख), भूपेंद्र यादव (58.72 लाख) और निशीथ प्रमाणिक (96 लाख) भी करोड़पति मंत्रियों में शामिल नहीं हैं।

मोदी मंत्रिमंडल में 24 राज्यों के नेताओं को मंत्री बनाया गया है। राज्यों को इससे ज्यादा प्रतिनिधित्व सिर्फ 1991 की नरसिम्हा राव सरकार में मिला था। जब 26 राज्यों के नेताओं को मंत्री पद दिया गया था। मोदी ने 2009 की मनमोहन कैबिनेट की बराबरी की है। उस वक्त भी 24 राज्यों के नेताओं को मंत्री बनाया गया था। 2019 में जब मोदी सरकार ने दूसरी बार शपथ ली थी तो 21 राज्यों को प्रतिनिधित्व मिला था। वहीं, 2014 में 20 राज्यों के नेताओं को मंत्री बनाया गया था।

2014 में 5वीं पास उमा भारती सबसे कम पढ़ी-लिखी मंत्री थीं
2014 की पहली मोदी कैबिनेट में प्रधानमंत्री समेत 46 मंत्री थे। कैबिनेट में शामिल 42 मंत्री करोड़पति थे। पहली मोदी कैबिनेट में थावरचंद गहलोत, सुदर्शन भगत, मनसुख मंडाविया और राम विलास पासवान ही ऐसे चार मंत्री थे जिनकी संपत्ति 1 करोड़ से कम थी। उस वक्त कैबिनेट की औसत संपत्ति 13 करोड़ रुपए थी। अरुण जेटली सबसे अमीर मंत्री थे। उस वक्त उनके पास 113 करोड़ की संपत्ति थी।

2014 की मोदी कैबिनेट की औसत उम्र 59.6 साल थी। नजमा हेप्तुल्ला (उस वक्त 74 साल) मोदी कैबिनेट की सबसे उम्रदराज मंत्री थीं। वहीं, स्मृति ईरानी (उस वक्त 38 साल) सबसे युवा मंत्री थीं। 33 यानी करीब 72% मंत्री 50 साल या उससे कम उम्र के थे।

46 मंत्रियों में से 5वीं पास उमा भारती सबसे कम पढ़ी-लिखी थीं। वहीं, 5 मंत्री 10वीं पास, 2 मंत्री 12वीं पास, 7 ग्रेजुएट, 17 प्रोफेशनल ग्रेजुएट, 10 पोस्ट ग्रेजुएट, तीन डॉक्टरेट और एक मंत्री ने अन्य योग्यता बता रखी थी। 17 प्रोफेशनल ग्रेजुएट में से 7 तो लॉ ग्रेजुएट थे। 46 में से 7 यानी करीब 15% मंत्री महिलाएं थीं। 28% यानी 13 मंत्रियों पर क्रिमिनल केस थे। इनमें से 17% यानी 8 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।

2019 में 19% मंत्री 50 साल से कम उम्र के थे, 27% क्रिमिनल केस वाले
2019 में नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उस वक्त मोदी समेत कुल 58 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इनमें से 53 यानी 91% करोड़पति थे। कैबिनेट की औसत संपत्ति 14.51 करोड़ रुपए थी। 58 में से 53 मंत्री करोड़पति थे। प्रताप चंद्र सारंगी, कैलाश चौधरी, वी मुरलीधरन, देबोश्री चौधरी और रामेश्वर तेली ही ऐसे मंत्री थे जिनकी संपत्ति 1 करोड़ से कम थी। 13 लाख की संपत्ति वाले सारंगी कैबिनेट में सबसे कम सम्पत्ति वाले मंत्री थे। वहीं, अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल सबसे अमीर मंत्री थीं। कौर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 218 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई थी।

कैबिनेट में शामिल 11 मंत्री यानी करीब 19% ऐसे थे जिनकी उम्र 50 साल से कम थी। नए मंत्रिमंडल की औसत उम्र 59 साल थी। 2014 की तरह 2019 में भी स्मृति ईरानी (उस वक्त 43 साल) सबसे युवा मंत्री थीं। सबसे उम्रदराज मंत्री रामविलास पासवान थे जो उस वक्त 72 साल के थे।

58 मंत्रियों में से 2 मंत्री 10वीं पास थे। 6 मंत्री 12वीं पास, एक डिप्लोमा, 16 ग्रेजुएट, 12 प्रोफेशनल ग्रेजुएट, 16 पोस्ट ग्रेजुएट, 5 डॉक्टरेट डिग्री वाले थे। कैबिनेट में शामिल 6 यानी 11% मंत्री महिलाएं थीं। 28% यानी 22 मंत्रियों पर क्रिमिनल केस थे। इनमें से 27% यानी 16 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।

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