आरबीएसके चिकित्सक के भरोसे सीएचसी मशरक, राम भरोसे इलाज
श्रीनारद मीडिया, विक्की बाबा, मशरक, सारण (बिहार):
एक तरफ सरकार सरकारी अस्पतालो में बेहतर सेवा देने का वादा करती है वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मशरक में स्वास्थ्य सेवा मंगलवार और बुधवार को आरबीएसके राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के चिकित्सक के भरोसे ही चला जबकि अस्पताल में 4 एमबीबीएस और 1 दंत चिकित्सक कार्यरत हैं।
वहीं आरबीएसके के 4 चिकित्सक प्रशिक्षण के लिए पदास्थापित किए गए हैं उन्हीं के भरोसे अस्पताल में सेवाएं दे दी जाती है जबकि एमबीबीएस चिकित्सक नहीं रहने से क्षेत्र के लोगों को या तो निजी क्लीनिक पर इलाज कराना पड़ता है अथवा मरीज के परिजन उन्हें उपचार के लिए सदर अस्पताल छपरा ले जाते हैं।जबकि यदि एमबीबीएस चिकित्सक ड्यूटी करें तो मरीजो को बेहतर इलाज मिल सकती है और गरीबों को इसका लाभ मिल सकता है।
वहीं अस्पताल में स्वीकृत पदों के हिसाब से चिकित्सक पदस्थ करने से जिले के अधिकारी भी रुचि नहीं ले रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि चार एमबीबीएस चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति हैं जो यदि रोस्टर से दो दो दिन भी ड्युटी करें तो मरीजों को इलाज कराने में सहूलियत होगी। चिकित्सक के गायब रहने रहने और इलाज की सारी व्यवस्थाएं आरबीएसके के जिम्मे रहने से स्वास्थ्य सेवाएं पंगु बन गई है इसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
रंजन कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में एमबीबीएस चिकित्सक नहीं होने की वजह से सिर्फ कागजी कोरम होता है अगर मरीज की तकलीफ़ बढ़ती है तो चिकित्सक मरीज को रेफर कर दिया जाता है। वहीं आपकों बता दें एमबीबीएस चिकित्सक के नहीं रहने से जख्म प्रतिवेदन में भी जबरदस्त धांधली की शिकायत भी सामने आती हैं। आपकों बता दें मढ़ौरा में फर्जी जख्म प्रतिवेदन की जांच में भी मामला सामने आया है जिसमें जिलास्तरीय जांच में स्पष्ट हुआ हैं कि मरीज की पर्ची किसी ने बनाई ,जबकि इलाज किसी और ने किया और रजिस्टर पर किसी तीसरे ने लिखा ,जबकि इंज्यूरी किसी चौथे के हेड राइटिंग में लिखी गई और इस इंज्यूरी पर हस्ताक्षर किसी और चिकित्सक ने कर दिया।
प्रभारी डॉ संजय कुमार से जानकारी ली गई तों उन्होंने मामले जांच कर कार्रवाई कर भरोसा दिलाया।
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