आज से बदला चेक पेमेंट का तरीका,जानें क्या है RBI का नया नियम PPS
1 सितंबर से कई नियमों में बदलाव हो गया है।
श्रीनारद मीडिया,प्रसेनजीत चौरसिया, सेंट्रल डेस्क:
बैंक खाते से जुड़े कई नियम, ब्याज दर, चेक पेमेंट से जुड़े नियम 1 सितंबर से बदलाव हो गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया( RBI) ने चेक से लेन-देन को और अधिक सुरक्षित बनाने और खाताधारकों को किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) को लागू किया है। अब तक कई बैंकों ने इसकी शुरुआत कर दी है। वहीं निजी सेक्टर के बैंक एक्सिस बैंक( Axis Bank) ने भी आज से पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू कर दिया है।
1 सितंबर से बदल जाएगा नियम
RBI द्वारा दिए गए निर्देशों के मुताबिक कई बैंकों ने पॉजिटिव पे सिस्टम की शुरुआत कर दी है। वहीं एक्सिस बैंक समेत कई बैंक इसे 1 सितंबर 2021 से लागू करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसे 1 जनवरी, 2021 से ही लागू कर दिया है। बैंकों को ये छूट दी गई है कि वो 50000 रुपए से अधिक की रकम, जो वो निर्धारित करना चाहेे, उसपर पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू करें। इसी के तहके एक्सिस बैंक ने आज से इसे अपने ग्राहकों के लिए अनिवार्य कर दिया है।
इन बैंकों ने भी लागू किया PPS
आपको बता दें कि आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक जहां आज से एक्सिस बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए लागू किया है तो वहीं कुछ बैंक इसे पहले से ही लागू कर चुके हैं। भारतीय स्टेट बैंक(SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा( Bank of Baroda), एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank), आईसीआईसीआई (ICICI Bank) ने इसे अपने ग्राहकों के लिए पहले ही लागू कर दिया है। एक्सिस बैंक ने 5 लाख से अधिक की रकम के लिए पॉजिटिव पेमेंट को लागू किया है।
क्या है नया चेक पेमेंट
आरबीआई के नए नियम के मुताबिक 50000 रुपए या उससे अधिक के रकम अगर आप चेक के जरिए पेमेंट करते हैं तो बैंक आपके द्वारा जारी किए गए चेक को डबल क्रॉस चेक करने के बाद ही क्लियरेंस के लिए भेजेगा। नए नियम के मुताबिक 50 हजार या उससे अधिक की रकम का चेक इश्यू करने पर आपको बैंक को इसकी जानकारी पहले ही देनी होगी, ताकि बैंक आपक द्वारा दी गई जानकारी और चेक पर दर्ज जानकारी को वैरिफाई करने के बाद ही चेक का पेमेंट रिलीज करेंगे। अगर चेक पर दर्ज जानकारी और खाताधारक द्वारा बैंक को उपलब्ध कराई गई जानकारी मेल नहीं खाती है तो आपको बैंक चेक को रोक देगा और आपको चेक बाउंस की मुश्किलों से गुजरना पड़ सकता है। आपको बता दें कि यह एक ऑटोमेटेड फ्रॉड डिटेक्शन टूल हैं। RBI ने चेक के जरिए होने वाले धोखाधड़ी को रोकने के लिए इसे लागू कर रही है।