मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. आज के दिन छठव्रती अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दे रही हैं. डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी. अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठव्रती और श्रद्धालु दोपहर बाद से ही छठ घाटों पर पहुंचने लगे. पटना सहित अन्य जिलों में भी अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को छठव्रती अर्घ्य दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने दिया सूर्य को अर्घ्य
एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर बिहार वासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आत्मानुशासन का पर्व है. लोग शुद्ध अन्तःकरण एवं निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. भगवान भास्कर से राज्य में प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करता है.
सिर पर दउरा लेकर छठ घाट पहुंचे नित्यानंद, डूबते हुए भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य
इस पावन अवसर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने भी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और छठ मईया से देश और प्रदेशवासियों की सुख शांति और समृद्धि की कामना की. छठ महापर्व के मौके पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय हाजीपुर विधायक घाट पर माथे पर दउरा लेकर पहुंचे. जहां छठव्रतियों के अर्घ्य देने के बाद उन्होंने भी अर्घ्य दिया. नित्यानंद राय ने बिहार समेत देश के लोगों को छठ महापर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी.
इस दौरान छठ घाट पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ देखने को मिली. घाट पर मौजूद श्रद्धालु अपने नेता नित्यानंद राय के साथ सेल्फी लेने नजर आए. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने बिहार के सभी छठव्रतियों को छठ पूजा की शुभकामनाएं दी और देशवासियों की सुख,शांति, समृद्धि की कामना की. इस मौके पर लालगंज विधायक संजय सिंह मौजूद थे. भारी संख्या मे छठ घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. छठ व्रतियों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े इसे देखते हुए वैशाली जिला प्रशासन के द्वारा छठ घाट पर पुख्ता इंतजाम इस बार किया गया.
पूरे मगध में सूर्य उपासना में लीन रहे लोग
पटना के गंगा किनारे बने विभिन्न पार्कों और पटना के अलग-अलग इलाकों बनाए गये छठ घाट पर भी व्रतियों की बड़ी तादाद देखी गई. कई छठ व्रतियों ने अपने घर के छत पर भी अर्घ्य दिया. लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर पटना प्रमंडल सहित पूरे मगध में खासा उत्साह देखने को मिला. सूर्य नगरी औरंगाबाद के देव में भी अस्ताचलगामी भगवान भास्कर की छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया. छठव्रतियों ने पवित्र सुर्यकुंड में डुबकी लगाकर बड़ी ही आस्था और विश्वास के साथ सुर्यदेव को नमन कर अर्घ्य अर्पित किया.
देव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी. देव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है. अरवल जिले के ऐतिहासिक मधुश्रवां छठ घाट के अलावे अन्य छठ घाटों पर भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. अरवल में डूबते हुए सूर्य को छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया. जिला प्रशासन के तरफ से सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गईहै. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. जिला प्रशासन की तरफ से मधुश्रवां छठ घाट के तक जाने वाले रास्ते को बैरकेटिंग किया गया है.
देव में लाखों लोगों ने कुंड में लगायी डूमकी
देव में छठ पूजा का एक अलग ही महत्व है. ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी सच्चे मन से यहां छठ पूजा करता है उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है. यही कारण है कि देव में छठ महापर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. दूर दराज क्षेत्रों से श्रद्धालु यहां आकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते है. इस साल भी औरंगाबाद देव की सूर्य नगरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. श्रद्धालुओं की इतनी संख्या को देखकर ही यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पर्व को लेकर लोगों में कितना उत्साह और उमंग है. छठव्रतियों ने पवित्र सूर्यकुंड में डुबकी लगाई और डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.
लगभग 10-15 लाख श्रद्धालु यहां आकर छठ व्रत करते है
देव स्थित सूर्य मंदिर में इतनी बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने की वजह से जिला प्रशासन को थोड़ी परेशानियां जरूर हो रही है, लेकिन भगवान भास्कर की कृपा से बगैर किसी बाधा के छठव्रती इस अनुष्ठान को सम्पन्न कर रहे हैं. यहां भगवान सूर्य अपने तीन स्वरूप अस्ताचल, मध्याचल एवं उदयाचल सूर्य के रूप में स्थापित है.
सूर्य की महिमा अपरंपार है जिसको देखते हुए यहां वर्ष में कार्तिक और चैत्र माह में होनेवाली छठ पर्व को लेकर लगभग 10-15 लाख श्रद्धालु यहां आकर छठ व्रत करते है और सूर्यकुंड तालाब में अर्घ्य समर्पित कर अपनी अटूट आस्था दिखाते है. डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी. कल सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने और पारण के बाद महापर्व छठ का समापन होगा.