मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी, सीएस के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ली कोविड-19 को लेकर जानकारी
लॉकडाउन को लेकर गृह विभाग के दिशा-निर्देश के आलोक में किया जाएगा कोरोना गाइडलाइन पालन
होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित मरीजों को चिकित्सकों की निगरानी में किया जा रहा हैं उपचार
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा राज्य के सभी जिलाधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संक्रमण की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए संवाद स्थापित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा बिहार में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने से संक्रमित मरीज़ों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है। लेकिन इससे लड़ने के लिए ज़िला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। हालांकि हम सभी को संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। ताकि राज्य को कोरोना संक्रमण मुक्त किया जा सके। समाहरणालय सभागार में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान जिलाधिकारी राहुल कुमार, वरीय अपर समाहर्ता महमद तारिक़ इक़बाल, पुलिस अधीक्षक दयाशंकर, सीएस डॉ एसके वर्मा, डीडीसी मनोज कुमार, डीआईओ डॉ सुरेंद्र दास, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, डीएमएनई दीपक कुमार विभाकर, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, डीपीआरओ दीपक चंद्र देव सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
– गृह विभाग द्वारा जारी आवश्यक दिशा-निर्देश के आलोक में किया जाएगा कोरोना गाइडलाइन पालन: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी राहुल कुमार ने बताया दूसरे प्रदेशों या अन्य जिलों से आने वाले सभी यात्रियों की कोरोना जांच कराना सुनिश्चित किया जाएगा। ताकि संक्रमित पाए जाने पर उसे क्वारंटाइन सेंटर या होम आइसोलेशन में रखते हुए चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से उसकी जांच कराई जाएगी। कोरोना जांच में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिले के पंचायत या गांव में दूसरे स्थानों से आने वाले व्यक्तियों की कोविड जांच को लेकर क्षेत्र में लाउडस्पीकर से अपील करनी है हैं। जांच से संबंधित हर तरह की व्यवस्था के लिए स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग को तैयार रहना है । ज़िले के किसी भी क्षेत्र में अगर कोई व्यक्ति कोविड-19 संक्रमित पाया जाता है तो उस इलाके को माइक्रो कंटेनमेंट जोन गठित करते हुए उसकी घेराबंदी करनी है। राज्य सरकार द्वारा लॉक डाउन की समय सीमा 25 मई तक बढ़ा दी गई है। लॉक डाउन को लेकर गृह विभाग द्वारा जारी आवश्यक दिशा-निर्देश के आलोक में कोरोना गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन किया जाएगा। ज़िले में स्थापित कोविड केयर सेन्टर एवं उपलब्ध सुविधाओं का हर समय सत्यापित कराते हुए उसे सुव्यवस्थित तरीके से अनिवार्य रूप से रखने की जरूरत है। जिससे ज़िले में संक्रमित मरीज़ों की देखभाल ठीक से किया जा सके।
-होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित मरीजों को चिकित्सकों की निगरानी में किया जा रहा हैं उपचार: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए ज़िले के सभी एमओआईसी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। ताकि किसी भी तरह की चुनौतियों का सामना करने में कोई परेशानी नहीं हो। कोरोना संक्रमण को लेकर पूरी तरह से देखभाल एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 86 मेडिकल टीम का गठन किया गया है हैं। ताकि मरीज़ों को किसी तरह से कोई परेशानी नहीं हो। हालांकि ज़िले में अभी भी कोविड-19 संक्रमित मरीज़ों की संख्या-2361 हैं। जिसे चिकित्सकों की देखरेख में होम आइसोलेशन में रखा गया है। वहीं कोविड-19 से संबंधित मरीज़ों के लिए 19 तरह की दवाओं की उपलब्धता है। सबसे खास बात यह है कि ज़िले में अभी तक जितनी भी कोरोना जांच की गई है उसमें एक भी गंभीर मरीज़ नहीं मिला है। वहीं ज़िले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में 283 ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता हैं, जिसमें 207 ऑक्सीजन सिलेंडर पूरी तरफ से भरी हुई उपलब्ध है। कोरोना संक्रमण को लेकर स्थापित कोविड केयर सेंटर के माध्यम से मरीज़ों का उपचार किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण से बचने का उपाय:
-कम से कम भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने का प्रयास करें।
-दो गज की सामाजिक दूरी का करें अनुपालन।
-हर आधा घण्टे पर करें सैनिटाइजर का प्रयोग।
-ज्यादा से ज्यादा मास्क का करें प्रयोग।
-घर से बेवजह बाहर नहीं निकलें।
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