छपरा जिले के मांझी थाना क्षेत्र के बहुचर्चित मुबारकपुर हत्या कांड का मुख्य आरोपी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव गिरफ्तार
घर कुर्की जब्ती के बाद पीछे लगी थी एसआईटी की टीम को बड़ी कामयाबी मिली।
श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):
सारण जिले से इस समय एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां सारण एसआईटी ने जिले के मांझी थाना अंतर्गत चर्चित मुबारकपुर कांड के मुख्य आरोपी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव को दबोच लिया है. उसकी गिरफ्तारी रिविलगंज थाना क्षेत्र के दियारा क्षेत्र से की गई है. इस घटना की पुष्टि सारण एसपी गौरव मंगला के द्वारा की गई है. बता दें कि विजय यादव सारण जिले के चर्चित मुबारकपुर कांड संख्या – 38/23 का मुख्य नामजद आरोपी है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को नाकों चने चबाने पर गए थे. मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर में 2 हत्याओं के इस नामजद अभियुक्त के घर जिला प्रशासन के द्वारा पहले इस्तेहार चस्पाया गया और उसके बाद घर की कुर्की जब्ती भी कर दी गई. लेकिन, वह अंडरग्राउंड हो चुका था. वहीं इस घटना में आगजनी के बाद जिला प्रशासन के द्वारा एसआईटी का गठन कर उक्त कांड के करीब आधा दर्जन नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, लेकिन मुख्य आरोपी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव फरार चल रहा था जिसे एसआईटी टीम ने रिविलगंज थाना क्षेत्र के दियारा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है.
दो व्यक्तियों के निर्मम हत्या का है मामला
जिले के मांझी थाना अंतर्गत मुबारकपुर गांव के मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के द्वारा बीते 02 फरवरी को अपने पोल्ट्री फार्म पर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तीन युवकों की बर्बरतापूर्वक लाठी-डंडे से पिटाई की गई थी. जिसमें एक युवक स्थानीय निवासी जयप्रकाश सिंह के पुत्र अमितेश कुमार सिंह की मौत मौके पर हो गई थी. वहीं गंभीर रूप से जख्मी संजय सिंह के 22 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार सिंह की मौत पटना में उपचार के क्रम में हुई थी. जबकि तीसरे युवक उदय नारायण सिंह के 25 वर्षीय पुत्र आलोक कुमार सिंह उर्फ विक्की पटना में अभी भी उपचाररत है. इस घटना के बाद लोगों का आक्रोश फूट पड़ा और गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. जिसके बाद 5 फरवरी को मुबारकपुर गांव में शहर के कोने-कोने से राजपूत युवा एकत्रित हुए और अचानक स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के घर पर धावा बोल उनके मुर्गी फार्म घर के बाहर लगे ट्रैक्टर सहित घर में भी आग लगा दिया था. उसके बावजूद भी गिरफ्तारी नहीं होने के बाद जिला प्रशासन के द्वारा उनके घर की कुर्की जब्ती कर दी गई थी और अंततः मुख्य आरोपी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है.
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