विद्यालयों में बच्चों ने उत्साह और उमंग के साथ शिक्षक दिवस मनाया

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श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान (बिहार):

सीवान जिला के दरौंदा प्रखंडाधीन विद्यालयों में बच्चों ने बड़े उत्साह और उमंग के साथ शिक्षक दिवस मनाया। बच्चों ने अपने अपने वर्ग कक्ष को रंग बिरंगे कागज के फूलों और बैलूनों से सजाकर केक काटा।
हर साल 5 सितम्बर को स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जयंती के उपलक्ष्य पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन छात्रों को अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने का अवसर देता है और शिक्षकों के योगदान को याद करने का दिन है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, लेखक,राजनीतिज्ञ, महान् दार्शनिक, और एक आस्थावान हिंदू विचारक थे। एक अध्यापक होने के साथ उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया था।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस महान् राष्ट्रपति ने कहा था कि पूरी दुनियां एक विद्यालय है जहां से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। जीवन में शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं बल्कि हमें जीवन के अनुभवों से गुजरने के दौरान अच्छे बुरे के बीच फर्क करना भी सिखाते हैं। शिक्षक समाज के स्तंभ होते हैं, जो बच्चों को ज्ञानवान और जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करते हैं। वे अपने अथक प्रयासों से छात्रों के जीवन को आकार देते हैं और उन्हें सफलता की ओर प्रेरित करते हैं। वह अपने छात्रों को पढ़ाते समय ज्यादा उनके बौद्धिक विकास पर ध्यान देते हैं।

डॉ.राधाकृष्णन विवेकानंद जी और वीर सावरकर को अपना आदर्श मानते थे। वे देश की संस्कृति को प्यार करने वाले भी व्यक्ति थे। उन्होने कहा कि “पुस्तक वह साधन है जिसके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।”
वही विद्यालय के शिक्षकों ने सर्वपल्ली जी के जयंती पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाले तथा छात्रों ने भी उनकी जीवनी के बारे में कहे।

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