बच्चों ने मानी डीएम की बात, नहीं माना केके पाठक का निर्देश,क्यों?
थोड़ी कड़वी लग सकती है, पर दवा का काम करेगी…
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के पटना में भीषण ठंड और शीतलहर के कारण डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने आठवीं कक्षा तक के स्कूल और कोचिंग मंगलवार तक बंद करने का आदेश जारी किया था. लेकिन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने डीएम के इस फैसले पर सवाल उठा दिये. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश का हवाला देते हुए पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्कूल खोलने का आदेश दिया. जिसके बाद मंगलवार को सरकारी स्कूल खुल गए. शिक्षक भी समय पर विद्यालय पहुंचे लेकिन बच्चों की उपस्थिति नगण्य रही.
शिक्षकों ने शिक्षा विभाग तो बच्चों ने माना डीएम का आदेश
मंगलवार को शहर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में चहल-पहल तो थी, लेकिन बच्चे गायब थे. शिक्षा विभाग के आदेश का पालन करते हुए शिक्षक कड़ाके की ठंड में स्कूल पहुंचे थे. लेकिन अभिभावकों ने डीएम के आदेश को मानते हुए अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा. पूछने पर प्रधानाध्यापकों ने बताया कि ठंड की वजह से बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही है. वहीं स्कूलों में मौजूद शिक्षकों ने बताया कि अधिकतर अभिभावकों ने डीएम के आदेश का पालन करते हुए बच्चों को स्कूल नहीं भेजा है.
- सैदपुर स्थित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक की प्रेम रंजन ने बताया कि स्कूल खुले लेकिन एक भी बच्चे उपस्थित नहीं हुए. वहीं स्कूल के सभी आठ शिक्षक समय पर मौजूद रहे. मंगलवार को स्कूल खोलने को लेकर एक अभिभावक प्रधानाध्यापक पर ही गुस्सा हो गये कि इतने ठंड में डीएम ने स्कूल बंद करने का निर्देश दिया है लेकिन आप लोग अपनी मर्जी से स्कूल खोल रहे हैं.
- बुद्ध मार्ग स्थित बालक मध्य विद्यालय में भी मंगलवार को 8 बच्चे ही उपस्थित रहे. स्कूल में कुल सात शिक्षक उपस्थित रहे. स्कूल के प्राधानाध्यापक शशिकांत सिन्हा ने बताया कि ठंड की वजह से बच्चों को अभिभावक स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं.
- दीघा स्थित श्रीचंद्रा मध्य विद्यालय में भी मंगलवार को 11 बच्चे ही उपस्थित रहे. यहां भी स्कूल के सभी 16 शिक्षक उपस्थित रहे. स्कूल के प्रधानाध्यापक शशिभूषण प्रसाद सिंह ने बताया कि ठंड की वजह से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं.
- कन्या मध्य विद्यालय बांकीपुर में भी मंगवार को एक भी छात्राएं उपस्थित नहीं रहीं. हालांकि स्कूल में 11 शिक्षक समय पर मौजूद रहे.
क्या बोले अभिभावक
- ठंड से बचाव के लिए स्कूलों को फिलहाल स्कूलों को बंद ही रखा जाना चाहिए. सुबह के समय और भी अधिक ठंड रहती है. ऐसे में स्कूल खुलने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं. -मनोज महतो
- इतनी ठंड पर रही है कि घरोंं से बाहर निकलने में अभिभावकों को भी परेशानी हो रही है. ऐसे में किस आधार पर छोटे बच्चों के स्कूल खोले जा रहे हैं यह बात समझ में ही नहीं आती है. -शंभू घोष
- ठंड कम होने के बाद ही स्कूल खोला जाना चाहिए. ठंड से बच्चे खुद का बचाव ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं. ठंड को देखते हुए अभी कुछ दिनों की और छुट्टी दिया जाना चाहिए. -रामनारायण मेहता
किस नियम के तहत अपने निर्णय पर अड़े रहे डीएम
शिक्षा विभाग के आदेश के बाद जिला दंडाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कड़ाके की ठंड को लेकर आठवीं तक स्कूलों व कोचिंग को बंद करने का आदेश न्यायिक है. दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत यह आदेश जारी किया गया था. आदेश की समीक्षा या बदलाव उच्च न्यायालय के द्वारा संभव है. शिक्षा विभाग के द्वारा आदेश की समीक्षा नहीं की जा सकती है. शिक्षा विभाग के अधिकारी को पत्र निर्गत करने से पहले विधि विभाग से परामर्श लेना चाहिए था.
डीएम ने कहा कि आठवीं तक के स्कूल व कोचिंग मंगलवार को बंद रहेंगे. पूर्व में निर्गत आदेश प्रभावी रहेगा. जिला दंडाधिकारी के द्वारा निर्गत आदेश में कहा गया था कि ठंड अधिक होने से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़े, इसके लिए स्कूलों को बंद किया गया है. उन्होंने बताया कि उपरोक्त आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है. इसमें छह माह तक जेल या जुर्माने के तौर पर एक हजार रुपये या फिर दोनों से दंडित करने का प्रावधान है.
बिहार के नए शिक्षा मंत्री आलोक मेहता ने सोमवार को पदभार ग्रहण कर लिया है. सोमवार को जब आलोक मेहता अपने कार्यालय पहुंचे तो केके पाठक ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया. इस दौरान विभाग के अधिकारियों ने भी उन्हें बधाई दी. पदभार ग्रहण करने के बाद आलोक मेहता ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा हमारी पहली प्राथमिकता होगी. इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जायेंगे. इससे पहले उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और विभाग के कामकाज के बारे में विस्तार से जाना. बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक समेत तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे.
कड़वी लग सकती है, पर यह दवा का काम करेगी…
कार्यभार संभालने के बाद आलोक मेहता ने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम शिक्षा व्ययस्था में सुधार लाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में सुधार को लेकर पिछले एक साल में कुछ कड़े कदम उठाये गए हैं, जो थोड़ी कड़वी लग सकती है, पर यह दवा का काम करेगी और शिक्षा व्यवस्था में लगी बीमारियों को दूर कर देगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही शिक्षा विभाग देश के लिए एक मॉडल बनेगा.
शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव हुए : आलोक मेहता
आलोक मेहता ने कहा कि पिछले कुछ माह में बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं, जिसका अच्छा प्रभाव पड़ा है. आने वाले दिनों में इसे और बेहतर किया जायेगा. ताकि, हर बच्चे को बेहतर-से-बेहतर शिक्षा मिले. उन्होंने कहा शिक्षा व्यवस्था को ठीक रखने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे. शिक्षा क्षेत्र में नए सुधारों और बदलावों को सभी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को स्वीकार करना चाहिए. यह राज्य के बच्चों के भविष्य के लिए आवश्यक है.
आलोक मेहता ने की केके पाठक की तारीफ
इस दौरान आलोक मेहता ने केके पाठक की तारीफ की और उन्हें एक अनुशासित अधिकारी बताया. उन्होंने कहा कि केके पाठक ने राज्य भर के स्कूलों का दौरा किया और पढ़ाई में अनुशासन के महत्व को समझाया. उनके कार्यकाल में स्कूल अच्छे से चलने लगे और स्कूलों में उपस्थिति बढ़ी.
एक घंटे तक आलोक मेहता ने की बैठक
मंत्री ने पदाधिकारियों के साथ करीब एक घंटे तक बैठक की. इस बैठक में शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सज्जन आर. और उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी, उपनिदेशक डा. दीपक कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे
प्रोफेसर चन्द्रशेखर की जगह आलोक मेहता बने हैं शिक्षा मंत्री
बता दें कि प्रोफेसर चन्द्रशेखर की जगह आलोक मेहता को नया शिक्षा मंत्री बनाया गया है. इससे पहले आलोक मेहता राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री थे, जिसकी जिम्मेदारी अब दिलीप यादव को दी गयी है. वहीं, प्रोफेसर चन्द्रशेखर को अब गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. मंत्रियों के विभाग में बदलाव की यह अधिसूचना शनिवार को जारी की गई थी.