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बाल दिवस: बच्चे किसी भी समाज की मूल नींव होते है,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

बाल दिवस: बच्चे किसी भी समाज की मूल नींव होते है,कैसे?

बाल दिवस: बच्चे किसी भी समाज की मूल नींव होते है,कैसे?

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आधुनिक भारत के वास्तुकार’:पंडित नेहरू को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अक्सर कहा जाता है कि अगर आप बच्चों को पढ़ने के लिए आठ की बोलते हैं उनको दो घंटे खेलने के लिए भी कहें, ताकि उनका मन एकदम ताजा रहे। वहीं, बच्चों को स्पेशल फील कराने के लिए हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस यानी कि चिल्ड्रेंस डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में बच्चों के लिए गीत- संगीत और खेलों का आयोजन किया जाता है और बच्चों को गिफ्ट भी दिए जाते हैं।

भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे प्यार से ‘चाचा नेहरू’ भी कहते हैं। जवाहरलाल नेहरू का मानना ​​था कि बच्चे किसी भी समाज की मूल नींव होते हैं, इसलिए उनका पालन-पोषण उपयुक्त वातावरण में किया जाना चाहिए और पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है।

संसद से प्रस्ताव पारित कर 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने का फैसला लिया गया

पंडित जवाहर लाल नेहरू का 27 मई 1964 को निधन हो गया था। उसी वर्ष उनके जन्मदिवस 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाये जाने का फैसला किया गया। पंडित नेहरू को सम्मान देने के लिए संसद में सर्वसम्मति से बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गयी और तभी से इस दिन को इस दिन मनाया जा रहा है।

बाल दिवस मनाने का क्या है मुख्य उद्देश्य

पंडित नेहरू के अनुसार बच्चे ही हमारे समाज का आधार हैं। इसलिए इस दिन को बच्चों के अधिकारों, उनकी देखभाल करने और उनको अच्छी शिक्षा देने के साथ ही लोगों को इस बारे में जानकारी देना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। इनके माता जी का नाम स्वरूपरानी नेहरु और पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरु था। पंडित मोतीलाल पेशे से बैरिस्टर थे। वहीं, पंडित नेहरू की धर्मपत्नी का नाम कमला नेहरु था। इनकी एक बेटी इंदिरा गांधी थी, जो लाल बहादुर शास्त्री जी की उत्तराधिकारी बनी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी।

देश की आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू को सर्वसम्मति से देश का प्रधानमंत्री चुना गया। उन्होंने लंबे समय तक देश की सेवा की। विश्व पटल पर भी नेहरू जी को प्रखर नेता कहा जाता था। 27 मई 1964 को चाचा नेहरू पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके जन्मदिन पर हर साल बाल दिवस मनाया जाता है।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। इनके माता जी का नाम स्वरूपरानी नेहरु और पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरु था। पंडित मोतीलाल पेशे से बैरिस्टर थे। वहीं, पंडित नेहरू की धर्मपत्नी का नाम कमला नेहरु था। इनकी एक बेटी इंदिरा गांधी थी, जो लाल बहादुर शास्त्री जी की उत्तराधिकारी बनी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी।

नेहरू जी धनी संपन्न परिवार से तालुक्क रखते थे। साथ ही नेहरू जी तीन बहनों के अकेले भाई थे। इसके चलते नेहरू जी की परवरिश में कभी कोई कमी नहीं आई। इन्होंने प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद में प्राप्त की। वहीं, उच्च शिक्षा इंग्लैंड में पूरी की। लंदन से इन्होंने लॉ की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान नेहरू जी ने समाजवाद की जानकारी भी इकठ्ठा की। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद नेहरू जी साल 1912 में स्वदेश वापस लौट आए और स्वतंतत्रा संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

नेहरू जी ने साल 1916 में कमला जी से शादी कर ली। इसके एक साल बाद 1917 में होम रुल लीग से जुड़े और देश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाई। वहीं, साल 1919 में नेहरू जी पहली बार गांधी जी के संपर्क आए। यहीं से नेहरू जी की राजनीति जीवन की शुरुआत हुई। इसके बाद गांधी जी के साथ मिलकर नेहरू जी ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इतिहासकारों की मानें तो लाहौर अधिवेशन के अंतर्गत पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार 31 दिसंबर, 1929 ई. को रावी नदी के तट पर तिरंगे को 12 बजे रात में फहराया था। देश की आजादी की खातिर नेहरू जी कई बार जेल गए। इसके बावजूद उनका मनोबल कम नहीं हुआ। नेहरू जी को बच्चों से बेहद लगाव था। वे बच्चों को गुलाब की फूल मानते थे। इसके चलते बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा कहते थे।

देश की आजादी के बाद उन्हें सर्वसम्मति से देश का प्रधानमंत्री चुना गया। उन्होंने लंबे समय तक देश की सेवा की। विश्व पटल पर भी नेहरू जी को प्रखर नेता कहा जाता था। 27 मई 1964 को चाचा नेहरू पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके जन्मदिन पर हर साल बाल दिवस मनाया जाता है।

‘आधुनिक भारत के वास्तुकार’

पंडित नेहरू की जयंकी पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए एक संदेश साझा किया। पोस्ट में लिखा,पं. नेहरू, हमारे पहले प्रधान मंत्री, एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने प्रतिष्ठित कल्याणकारी राज्य और एक आत्मनिर्भर, औद्योगिक राष्ट्र की स्थापना की, जो कृषि विकास और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति पर आधारित था। आज, हम ‘आधुनिक भारत के वास्तुकार’ की समृद्ध, अद्वितीय विरासत को संजोते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, “हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।”

पंडित जवाहरलाल नेहरू के एक विचार: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद करते हिए सोशल मीडिया पर लिखा, पंडित जवाहरलाल नेहरू के एक विचार हैं – स्वतंत्रता की, प्रगति की, न्याय की। भारत माता को आज अपने ‘हिंद के जवाहरात’ के मूल्य पर अपवित्रता की याद दिलाएं, एक अलग तरह का, हर दिल में।

लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी थे पंडित नेहरू: मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पंडित नेहरू को याद करते हुए लिखा,”नागरिकता, देश की सेवा में है”  पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत को शून्य से शिखर तक के शासक, आधुनिक भारत के निर्माता, लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी और हमारे प्रेरणा स्रोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती पर शपथ।

उनके प्रगतिशील विचारों ने भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और हर पाल देश की जनता को बिना किसी भेदभाव के, हमेशा के लिए देश को आगे बढ़ाने, सामूहिक रूप से रहने के लिए अलग करने की पेशकश की।

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