Breaking

चमकी-बुखार का अलार्म!बच्चों को फिर अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है.

चमकी-बुखार का अलार्म!बच्चों को फिर अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में चमकी बुखार(Chamki Bukhar) का प्रकोप एकबार फिर बच्चों के सिर पर मंडराने लगा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लेकर सचेत भी किया है. वहीं पंचायतों में रात्रि चौपाल लगा कर एइएस बीमारी के बारे में बच्चों को जानकारी देने की अपील ग्रामीणों से अधिकारी कर रहे हैं. रविवार को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में इलाज के लिए पहुंची एक बच्ची में एइएस की पुष्टि हुई थी. वहीं इसी दिन चार बच्चे सस्पेक्टेड भर्ती हुए थे. सोमवार को दो और बच्चों में एईएस के लक्षण पाए गये हैं.

अस्पतालों में सुविधा की कंगाली, लापरवाही हावी

मुजफ्फरपुर जिले में एइएस को लेकर क्या तैयारी है, इसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए केयर इंडिया को लगाया गया था. केयर इंडिया की टीम ने जब जिले के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया तो पाया कि वहां बड़ी लापरवाही पायी. पता चला कि एसओपी के अनुसार दवा ही उपलब्ध नहीं है़ जिसके बाद सिविल सर्जन को इसकी जानकारी दी गयी. रिपोर्ट पर सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल के प्रबंधक व पीएचसी प्रभारियों से जवाब तलब भी किया था.

मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन सस्पेंड

उधर बिहार सरकार के उप सचिव शैलेश कुमार ने मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को सस्पेंड कर दिया है. दरअसल 7 अप्रैल की महत्वपूर्ण बैठक में सीएस गैरहाजिर रहे. वहीं अगले दिन अपर मुख्य सचिव, अन्य अधिकारियों के साथ जांच के लिए आए तो कई लापरवाही देखी गयी. जब सीएस को खोजा गया तो वो गायब दिखे. जिसके बाद कार्रवाई की गयी.

मुख्यमंत्री ने किया सचेत

एइएस के खतरे को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने भी लोगों को जागरूक किया और कहा कि बच्चा यदि रात में नहीं खाया तो समझ लीजिए खतरे का संकेत है. इसके लिए सभी को सजग रहना है और बच्चे को रात में खाना खिलाकर ही सुलाना है. जिस तरह गर्मी बढ़ रही है, उससे बीमारी की आशंका ज्यादा है, इसलिए सब लोग इस बात का ख्याल रखें.

एइएस की रोकथाम के लिए कई काम किये गये- सीएम

सीएम ने कहा कि 2019 में मुजफ्फरपुर में एइएस काफी बढ़ा हुआ था. एइएस की रोकथाम के लिए कई काम किये गये हैं. प्रभावित पांच प्रखंडों में आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण कराया गया. लोगों के मकान हैं या नहीं, शौचालय और राशन कार्ड है या नहीं, इसका सर्वे किया गया और वंचित परिवारों को मुख्य धारा में लाने की पहल की गयी.

बीमार बच्चों के बारे में..

बता दें कि रविवार तक मिली जानकारी के मुताबिक, अबतक बीमार हुए बच्चों में सात बच्चे और चार बच्ची हैं. वहीं इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो चुकी है. वहीं पांच केस मुजफ्फरपुर के, तीन मोतिहारी के, दो सीतामढ़ी के और एक अररिया के थे. वहीं सोमवार को दो और बच्चों में इसके लक्षण मिले हैं.

एइएस के कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया. बिहार सरकार के उप सचिव शैलेश कुमार ने सिविल सर्जन पर कार्रवाई की है. सीएस पर कर्तव्य एवं दायित्व के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है. निलंबन अवधि में सीएस को पटना स्थित मुख्यालय में रहने के निर्देश दिये गये हैं.

सिविल सर्जन अनुपस्थित थे

जानकारी के अनुसार, सात अप्रैल को एइएस, जेई बीमारी से बचाव, रोकथाम और जागरूकता को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. जिसमे सिविल सर्जन अनुपस्थित थे और इसकी सूचना भी नहीं दी थी. इस दौरान उन्होंने कोई अवकाश भी नहीं लिया था. बिना किसी सूचना के जिले से बाहर थे.

अगले आदेश तक सस्पेंड

आठ अप्रैल को अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के अन्य आला अधिकारी एइएस को लेकर जिले के कई प्रखंडों का भ्रमण किया. इस बीच अपर मुख्य सचिव ने एइएस को लेकर आधी अधूरी तैयारी देख जब सीएस को खोजा गया तो वह जिले में नहीं हैं. उनकी लापरवाही को दर्शाते हुए उन्हें अगले आदेश तक सस्पेंड कर दिया गया.

तीन महीने पूर्व ही संभाला था पदभार

सीएस वीरेंद्र कुमार तीन महीने पहले ही सिविल सर्जन के पद पर अपना योगदान दिया था. पिछले महीने से चमकी बुखार एइएस को लेकर जिले में व्यापक पैमाने पर जागरूकता और बचाव अभियान शुरू हुआ था. गर्मी की धमक जैसे-जैसे बढ़ती गयी, चमकी बुखार के मरीज भी सामने आने लगे. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यशाला और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था. अभी इस बीमारी का पिक समय माना जाता है. इस दौरान सिविल सर्जन की ऐसी लापरवाह कार्यशैली के कारण स्वास्थ्य विभाग की पोल खुलती दिख रही है.

एंटीजन किट के आरोपी को करा दिया ज्वाइन

अपने तीन महीने के कार्यकाल में सिविल सर्जन ने एक ऐसा काम किया, जिसके चलते वे चर्चा में आ गए. उन्होंने एंटीजन किट घोटाले के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी हेल्थ मैनेजर प्रवीण कुमार को पिछले महीने योगदान करवा दिया. जबकि पूव सीएस डॉ. विनय शर्मा ने उक्त आरोपी को सदर अस्पताल में आने पर रोक लगा दी थी. लेकिन, उनके तबादले के बाद प्रवीण सदर अस्पताल में सक्रिय हुआ और उसने पिछले महीने योगदान भी कर दिया. सीएस डॉ. कुमार से जब इस सम्बंध में पूछा गया था तो उन्होंने उसे पाक साफ बताया था. उन्होंने सभी एंगल से इसकी जांच कराई है, उसमें प्रवीण की संलिप्तता का पता नहीं लगा है. इसके कारण उसे प्रबंधक के पद पर योगदान कराया गया.

Leave a Reply

error: Content is protected !!