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शरीर के अनुरूप बेहतर ढंग से कपडे भारत में ही तैयार होंगे- कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह

शरीर के अनुरूप बेहतर ढंग से कपडे भारत में ही तैयार होंगे- कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ये विडम्बना ही है कि स्वतंत्रता के 78 वर्ष बाद भी हम अपना मानक माप तैयार नहीं कर पायें है, कपड़ो से लेकर जनता चप्पल तक का यही हाल है, ऐसा क्यों?

अक्सर भारतीय जब कपड़े रेडीमेड कपड़े खरीदते हैं तो सबसे बड़ी समस्या फिटिंग की आती है। लोगों को शर्ट, पैंट,जींस शरीर के हिसाब से लूज या टाइट करानी पड़ती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ब्रांड या फिर घरेलू ब्रांड जिस माप का उपयोग करके कपड़े तैयार करती है वो अमेरिका या ब्रिटेन की है।

कपड़ा मंत्रालय जल्द ही इंडियनसाइज पहल शुरू करने वाली है। दरअसल, इसका उद्देश्य भारतीयों के शरीर के अनुरूप बेहतर ढंग से तैयार किए गए मानकीकृत माप स्थापित करना है।

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार जल्द ही बहुप्रतीक्षित ‘इंडियासाइज़’ पहल शुरू करेगी, जिसका उद्देश्य भारतीय शरीर के प्रकारों के लिए बेहतर ढंग से डिज़ाइन किए गए मानकीकृत माप स्थापित करना है।वर्तमान में, भारत में उपलब्ध अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू ब्रांड कपड़ों के लिए अमेरिका या यूके से माप का उपयोग करते हैं, जिनमें ‘छोटे’, ‘मध्यम’ और ‘बड़े’ आकार होते हैं।हालांकि, पश्चिमी शरीर के प्रकार ऊंचाई, वजन या शरीर के अंगों के विशिष्ट माप के मामले में भारतीयों से भिन्न होते हैं, जिससे कभी-कभी फिटिंग की समस्या होती है।

कपड़ा मंत्रालय ने भारतीय परिधान क्षेत्र के लिए मानक शरीर के आकार विकसित करने के लिए इंडियासाइज़ परियोजना को मंजूरी दी ताकि प्रदान की गई फिटिंग में मौजूदा असमानताओं और असंगतियों को दूर किया जा सके।सिंह ने विसियोनेक्स्ट के लॉन्च के मौके पर संवाददाताओं से कहा, “इंडियासाइज़ के बारे में, मैं प्रधानमंत्री से इसका उद्घाटन करवाने की कोशिश कर रहा हूं, इसे जल्द ही लॉन्च किया जाना चाहिए।” विज़ियोनेक्स्ट भारत की पहली पहल है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इमोशनल इंटेलिजेंस (ईआई) को मिलाकर फैशन ट्रेंड की जानकारी और पूर्वानुमान तैयार करती है।

इसका मिशन भौगोलिक-विशिष्ट रुझानों की पहचान करना, उनका मानचित्र बनाना और उनका विश्लेषण करना है, जो भारत की सकारात्मक बहुलता, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक-आर्थिक बारीकियों को दर्शाते हैं, साथ ही व्यापक रुझानों और जानकारियों को एकत्रित करते हैं।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप, यह विज़ियोनेक्स्ट पोर्टल लॉन्च किया गया है। पहले अमेरिका और यूरोप फैशन डिजाइन का पूर्वानुमान लगाते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार कपड़ा मंत्रालय ने NIFT के साथ मिलकर इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है।”

2017 में ग्लोबल टेक्सटाइल समिट में, प्रधानमंत्री ने उद्योग के हितधारकों के लिए भारत-विशिष्ट वास्तविक समय की प्रवृत्ति की जानकारी की उपलब्धता में अंतर को उजागर किया।तकनीक-सक्षम प्रवृत्ति पूर्वानुमान प्रणाली की आवश्यकता को पहचानते हुए, भारत का लक्ष्य भारतीय नागरिकों की मानसिकता और आकांक्षाओं को समझने के लिए एक गतिशील संवाद में शामिल होना है, जिसमें ‘अंदर से प्रेरणा प्राप्त करना और इसके प्रभाव को बाहर की ओर प्रक्षेपित करना’ शामिल है।

पूर्वानुमान क्षेत्र में भारत के प्रवेश से कई लाभ मिलते हैं: यह वैश्विक पूर्वानुमान एजेंसियों पर निर्भरता को कम करता है, घरेलू फैशन उपभोक्ताओं के बारे में अद्वितीय अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, वस्त्रों के साथ सूचना प्रौद्योगिकी में देश की ताकत को एकीकृत करता है, और कृत्रिम और मानव बुद्धिमत्ता को जोड़ता है।

गिरिराज सिंह ने विजनेक्स्ट की पेशकश के मौके पर संवाददाताओं से कहा कि मैं इंडियासाइज़ पर प्रधानमंत्री से इसका उद्घाटन करवाने का प्रयास कर रहा हूं, इसे जल्द ही पेश किया जाना चाहिए. विजनेक्स्ट भारत की पहली पहल है जो कृत्रिम मेधा (एआई) और इमोशनल इंटेलिजेंस (ईआई) को मिलाकर फैशन ट्रेंड की जानकारी और पूर्वानुमान तैयार करती है.

 

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