पुस्तकों का अनोखा संसार है नई दिल्ली का विश्व पुस्तक मेला 2024, कैसे?
यह मेला वैश्विक पुस्तक बाज़ार में भारत की शक्ति को स्थापित करता है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (एनडीडब्ल्यूबीएफ) दुनिया भर से हजारों पुस्तक प्रेमियों, पाठकों, लेखकों, प्रकाशकों, विद्वानों, शिक्षाविदों, छात्रों और साहित्यिक उत्साही लोगों को एक साथ लाता है।
शिक्षा मंत्रालय के तहत नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) द्वारा आयोजित, इस वर्ष का पुस्तक मेला बहुभाषी भारत – एक जीवंत परंपरा (बहुभाषी भारत – एक जीवित परंपरा) थीम के तहत सऊदी अरब के साम्राज्य के साथ भारतीय भाषाओं की पच्चीकारी का जश्न मनाता है। अतिथि देश दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, साहित्यिक प्रवचन और संवाद को बढ़ावा देता है।
मेले को विशेष क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसमें 500 शैक्षणिक चर्चाएं, पुस्तक लॉन्च, लेखकों से मुलाकात और प्रकाशकों और प्रदर्शकों के साथ नेटवर्किंग के अवसर शामिल हैं ताकि आबादी के बीच बढ़ती साहित्यिक रुचि को बढ़ावा दिया जा सके और प्रकाशन का विस्तार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग किया जा सके।
भारतीय भाषाओं और लिपियों के विकास और विरासत को प्रदर्शित करने वाले थीम मंडप में सौंदर्यपूर्ण रूप से डिज़ाइन किए गए इंस्टॉलेशन और कहानी सत्र, चित्रण और लेखन कार्यशालाओं के माध्यम से बहुभाषी भारत के भविष्य के लेखकों को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करने वाले बच्चों के मंडप ने आगंतुकों की रुचि को बढ़ाया है।
प्रगति मैदान के हॉल एक से पांच में आयोजित पुस्तक मेले में पाठकों को हॉल एक में विज्ञान, मानविकी और दर्शन की किताबें मिलेंगी। हॉल दो में भारतीय भाषाओं के लेखक विभिन्न साहित्यिक विषयों, पुस्तकों एवं विधाओं पर बात करेंगे। इसके लिए लेखक मंच रहेगा। हॉल तीन बच्चों के लिए है, जिसमें बच्चों से जुड़े हर विषय की किताबें, स्टेशनरी, कला व शिल्प आदि सामग्री उपलब्ध रहेगी। बाल मंडप में बच्चों के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों होंगी। हॉल चार में अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां होंगी।
पुस्तक मेले 2024
- 20 मेट्रो स्टेशनों पर सुबह-9 बजे से शाम-4 बजे तक मेले की टिकट खरीद सकते हैं
- बच्चों के टिकट 10 रुपये, बड़ों के लिए 20 रुपये का टिकट, चार-10 नंबर गेट से एंट्री
- नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों के लिए उनके पाठ्यक्रम की किताबें क्षेत्रीय भाषाओं में मिलेंगी
- बुक्स फॉर ऑल के अंतर्गत दृष्टिबाधित पाठकों को आईडी दिखाने पर ब्रेल पुस्तकें फ्री में मिलेंगी
- 600 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे
2000 से ज्यादा स्टॉल पर किताबें मिलेंगी
हॉल 5 थीम मंडप का है। इस बार की थीम बहुभाषी भारत-एक जीवंत परंपरा है, जिसको ध्यान में रखते हुए विश्व पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के लिए हर भाषा की पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। मेले के उद्घाटन के साथ ही बच्चों के लिए ई-जादू का पिटारा का भी उद्घाटन होगा। ई-जादू का पिटारा अंदर बच्चों के छोटे-छोटे कैरिकुलम का ई वर्जन लॉन्च किया जाएगा। 2000 से ज्यादा स्टॉल पर किताबें मिलेंगी।
ई-लर्निंग के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी
ई-लर्निंग के लिए इस बार मेले में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी बनाई गई है। इसमें बच्चों के लिए एक ई-जादुई पिटारा भी होगा। इसमें फ्री ऑनलाइन किताबें होंगी। कोई भी इन्हें डाउनलोड कर पाएगा। इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट की ओर से इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन होगा। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और देश के अलग-अलग हिस्सों से बैंड आएंगे, साहित्यिक बेला की रौनक बढ़ाएंगे। हॉल नंबर पांच में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को लेकर एक खास प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।
बहुभाषी भारत-एक जीवंत परंपरा पर थीम पवेलियन
नौ दिनों तक आयोजित होने वाले विश्व पुस्तक मेले में बहुभाषी भारत – एक जीवंत परंपरा पर आधारित विशाल थीम पवेलियन तैयार किया गया है, जो मुद्रित पुस्तकों, डिजिटल मीडिया और तकनीकी इंस्टॉलेशन के माध्यम से भाषाई अभिव्यक्तियों की विविधता को आकर्षक तरीके से प्रदर्शित कर रहा है।
मेले में पहले दिन ही सभी हॉल में किताब प्रेमियों, खासकर युवाओं की भारी भीड़ रही। अमूमन पहले दिन इस तरह की भीड़ पहले नहीं देखी गई। मेले में भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री, प्रोफेसर एन चंद्रशेखरन, लेखक अग्नि रॉय सहित रजत शर्मा, अभिनेत्री अदा शर्मा, ओडिसी नर्तक व लेखिका जया मेहता सहित कई मशहूर लेखकों, विचारकों व वक्ताओं ने भाग लिया।
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