नालंदा में कॉलेज के प्रिंसिपल की मां का मर्डर
घर में सो रही थीं, अपराधियों ने गला रेतकर मार डाला
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
नालंदा में महिला की हत्या कर दी गई। वह अपने घर के दरवाजे पर सो रही थीं। अचानक अपराधी आए और गला रेतकर हत्या कर दी। घटना बेन थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव की है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। इधर, सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई।
पुलिस डॉग स्क्वायड की मदद मामले की जांच कर रही है।मृतका की पहचान भगवानपुर गांव निवासी स्व. रामचन्द्र प्रसाद की पत्नी फूल कुमारी (83) के रूप में की गई है। मामले में फूल कुमारी के पुत्र अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें शनिवार की सुबह पड़ोसियों के द्वारा पता चला कि उनकी मां की घर में गला रेत हत्या कर दी गई है।
इसके बाद वे गांव पहुंचे। जहां देखा कि कान में सोने बाली और हाथ में पहले हुए सोने के कंगन गायब हैं। घर के अंदर गला रेता हुआ है। दीपावली के बाद से उनकी मां बिहारशरीफ से भगवानपुर गांव आ गई थी और अकेले ही रह रही थी।
महाबोधि कॉलेज के प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं अरविंद सिंह
बताया गया कि अरविंद प्रसाद सिंह सिलाव प्रखंड के नालंदा स्थित महाबोधि कॉलेज के प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं। और बिहार शरीफ में अपने आवास पर रहते हैं। दरअसल, पड़ोसी जब सुबह अपने-अपने कामों को लेकर घरों से निकले तो घर के आगे बुजुर्ग महिला का खून से लथपथ शव देखा। इसके बाद घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस और परिजनों को दी गई।
रोज अपने घर के दरवाजे पर ही सोती थीं वहीं घटना की जानकारी मिलने के उपरांत राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार बेन थाना अध्यक्ष दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की छानबीन में जुट गए। राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टिया यह बात सामने आई है कि उनके घर का दरवाजा कभी बंद नहीं होता था और यह घर के बाहर दरवाजे पर ही सोती थीं। मामले की जांच की जा रही है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। डॉग स्क्वायड एवं एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया है।
यह भी पढ़े
शहरी क्षेत्रों में बेरोज़गारी से संबंधित प्रमुख मुद्दे क्या है?
आज का सामान्य ज्ञान : क्यों लगाया जाता है सिंदूर
शहरी क्षेत्रों में बेरोज़गारी से संबंधित प्रमुख मुद्दे क्या है?
जिला पदाधिकारी ने जिला में संचालित योजनाओं की गहन समीक्षा की
डीएम ने राजनैतिक दलों के साथ किया बैठक
सुरंग से जीवित बाहर निकलना ऐसा है मानो जैसा दूसरा जन्म हुआ है,क्यों?