भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का हुआ निधन
सीताराम येचुरी तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके थे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का दिल्ली के एम्स में निधन हो गया है। येचुरी को फेफड़े में संक्रमण के उपचार के लिए 19 अगस्त को एम्स में भर्ती किया गया था, जहां उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था।
सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी राजनीति का एक प्रमुख चेहरा थे। सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त, 1952 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता एसएस येचुरी आंध्र प्रदेश परिवहन विभाग में इंजीनियर थे। मां कलपक्म येचुरी सरकारी कर्मचारी थीं।
पार्टी की ओर से कहा गया है कि हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि सीपीआई (एम) महासचिव, हमारे प्रिय कॉमरेड सीताराम येचुरी का आज 12 सितंबर को दोपहर 3.03 बजे एम्स, नई दिल्ली में निधन हो गया. वे श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित थे, जिसके कारण जटिलताएं पैदा हो गई थीं.
इस दुख की घड़ी में येचुरी के परिवार ने शिक्षण रिसर्च के लिए सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को AIIMS नई दिल्ली को डोनेट करने का फैसला किया है. माकपा नेता येचुरी को 19 अगस्त को तेज बुखार की शिकायत के बाद AIIMS के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था. सीपीआई (एम) नेता की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी.
सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI-M) के महासचिव थे. वह 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी थे. येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे. येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे और एक साल बाद, वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए थे.
सुरजीत की विरासत को आगे बढ़ाया
सीताराम येचुरी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी (CPI-M) के पांचवें महासचिव थे। वे वर्तमान में येचुरी CPI-M के संसदीय समूह के नेता और पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी रहे। वे एक प्रसिद्ध स्तंभकार, अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते थे। सीताराम येचुकी को पार्टी के पूर्व महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत की गठबंधन निर्माण विरासत को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
उन्होंने 1996 में संयुक्त मोर्चा सरकार के लिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम का मसौदा तैयार करने के लिए पी चिदंबरम के साथ सहयोग किया था। साल 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के गठन के दौरान गठबंधन निर्माण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए राहुल गांधी ने X पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.
मद्रास से दिल्ली का सफर
सीताराम येचुरी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा सीताराम येचुरी का जन्म मद्रास (अब चेन्नई), तमिलनाडु में 12 अगस्त 1952 को एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क निगम में इंजीनियर थे। उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। सीताराम येचुरी का बचपन हैदराबाद में बीता।
सीताराम येचुरी ने हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल से मैट्रिक किया। 1969 के तेलंगाना आंदोलन के बाद वे दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने प्रेजिडेंट एस्टेट स्कूल में दाखिला ले लिया। अपनी असाधारण शैक्षणिक कुशलता के कारण येचुरी ने 1970 में सीबीएसई उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज में प्रवेश लिया। हालांकि, 1975-1977 के आपातकाल के दौरान गिरफ्तार होने के कारण वह इसे जारी नहीं रख सके।
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