आतंकवाद पर सुरक्षा बलों का पूर्ण नियंत्रण-गृह मंत्रालय
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक समीक्षा रिपोर्ट में कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में आतंकवाद पर सुरक्षा बलों का पूर्ण नियंत्रण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर अब आतंकवादियों का नहीं बल्कि पर्यटकों का हॉट स्पॉट बन गया है। साल 2022 में करीब 22 लाख पर्यटक केंद्र शासित प्रदेश में घूमने पहुंचे। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि पिछले कुछ सालों के मुकाबले अब जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में करीब 54 फीसदी की कमी आई है।
क्या कहते हैं आंकड़े
मंत्रालय की ओर से जारी समीक्षा रिपोर्ट 2022 के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में भारी कमी आई है। 2018 में जहां 417 मामले सामने आए थे, वहीं 2021 में ये घटकर 229 मामले रह गए। जबकि सुरक्षा बलों के शहीद होने के मामले में जहां 2018 में 91 दर्ज किए गए। वहीं 2021 में यह 42 पर आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में करीब 54 फीसदी, सुरक्षाबलों की मौत में 84 फीसदी और आतंकियों की भर्ती में करीब 22 फीसदी की कमी आई है।
बढ़ा है निवेश
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत यहां 80,000 करोड़ की 63 जल विद्युत परियोजनाओं पर काम हुआ। किरू परियोजना पर 4,287 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य चल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में 5 अक्तूबर, 2022 को 2000 करोड़ की 240 विकास परियोजनाओं का या तो शुभारंभ किया या आधारशिला रखी थी। समीक्षा रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि तीन परिवारों के 70 साल के शासन में जम्मू-कश्मीर में महज 15,000 करोड़ का ही निवेश हुआ जबकि पीएम मोदी ने यहां तीन साल में 56,000 करोड़ का निवेश कराया।
अलर्ट रही दिल्ली
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इससे पहले अनुच्छेद 370 की वजह से गुज्जर-बकरवाल और पहाड़ी को शिक्षा, नौकरियों और चुनाव में आरक्षण नहीं मिल पा रहा था। लेकिन इसके हटने के बाद से उनको इन सबका लाभ मिलने लगा। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में 42 हजार लोगों ने आतंकवाद के आगे घुटने टेके और दिल्ली में किसी ने पलक नहीं झपकाई।
घाटी में CRPF के 1800 अतिरिक्त जवानों की होगी तैनाती
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) राजौरी जिले में दो ताजा आतंकी हमलों में नागरिकों की हालिया हत्याओं के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त 18 कंपनियां भेजेगा। सीआरपीएफ की 18 कंपनियों – लगभग 1,800 कर्मियों – को मुख्य रूप से पुंछ और राजौरी जिलों में तैनाती के लिए जम्मू क्षेत्र में भेजा जाएगा। इनपुट्स के मुताबिक, सीआरपीएफ की आठ कंपनियां जल्द ही जम्मू-कश्मीर में तैनात की जाएंगी, जबकि सीआरपीएफ की 10 कंपनियां दिल्ली से भेजी जा रही हैं। सूत्र ने कहा कि जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमले के बारे में खुफिया जानकारी के बीच गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी एक आदेश के बाद यह कदम उठाया गया है।
घायलों का जम्मू के अस्पताल में चल रहा इलाज
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के ऊपरी डांगरी गांव में रविवार शाम और सोमवार सुबह हुए दो अलग-अलग आतंकी हमलों में दो बच्चों सहित छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस बीच एडीजीपी मुकेश सिंह ने लोगों को सतर्क किया क्योंकि राजौरी शहर से लगभग आठ किलोमीटर दूर ऊपरी डांगरी गांव के पास एक और संदिग्ध आईईडी देखा गया था।
अधिकारियों ने बताया कि धमाका उस घर के पास हुआ जहां रविवार शाम को हुई गोलीबारी की घटना में चार नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। रविवार शाम से आतंकियों द्वारा किए गए दो आतंकी हमलों में करीब एक दर्जन लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों का जम्मू के अस्पताल में इलाज चल रहा है। पहले हमले में दो हथियारबंद आतंकवादी रविवार शाम करीब 50 मीटर की दूरी पर तीन घरों में घुस गए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
इस हमले में चार नागरिकों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। 16 दिसंबर को सेना के एक शिविर के बाहर दो लोगों के मारे जाने के बाद पिछले दो हफ्तों में राजौरी जिले में नागरिक हत्याओं की यह तीसरी घटना है।
बता दें हमले से जिले में दहशत का माहौल है। घटना के विरोध में कई संगठनों ने आज हड़ताल का आह्वान किया है और त्वरित कार्रवाई की मांग की है। सेना और सीआरपीएफ ने ऊपरी डांगरी गांव में हमले के पीछे दो “हथियारबंद लोगों” को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान भी शुरू किया है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजौरी में हुए आतंकी हमले की निंदा की। उपराज्यपाल कार्यालय ने एलजी मनोज सिन्हा के हवाले से कहा कि हमले में शहीद हुए प्रत्येक नागरिक के निकटतम संबंधी को 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि और एक सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे।
हमले के दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा- उपराज्यपाल
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि एलजी मनोज सिन्हा ने अधिकारियों को घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि मैं राजौरी में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मेरे विचार और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।