टीबी के संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए उठाए जा रहे हैं ठोस कदम: आलोक

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विभिन्न समुदायों के धर्म गुरुओं ने संक्रमण से बचाव के लिए की अपील:
2025 तक टीबी मुक्त बिहार करने की योजना के तहत सरकार का संकल्पित प्रयास:
जन-जन का हो एक ही नारा-टीबी मुक्त हो बिहार हमारा:

श्रीनारद मीडिया‚ पूर्णिया, (बिहार):

टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जिससे प्रति वर्ष अनेक लोग मौत का शिकार होते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 तक इस महामारी का अंत करने एवं राष्ट्रीय रणनीतिक योजना के तहत गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। इस संबंध में बिहार सरकार, केएचपीटी, केयर इंडिया एवं अन्य स्वास्थ सेवा संस्थानों की मदद से गांव और बस्तियों में जाकर लोगों को जागरूक कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी बिहार के निवासियों से अपील करते हुए कहा है कि टीबी मुक्त बिहार की कल्पना तभी की जा सकती है। जब इस बीमारी से होने वाली मृत्यु को रोका जा सके और संक्रमित व्यक्ति का जीवन बचाया जा सके। यह तभी संभव है जब शुरुआती लक्षणों का पता चलने पर उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पंहुचाई जाए। टीबी मुक्त बिहार बनाने के लिए हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ताओ द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर टीबी के मरीजों का पता लगाया जा रहा है और उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है।

टीबी के संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए उठाए जा रहे हैं ठोस कदम: आलोक
केयर इंडिया के डीटीएल आलोक पटनायक ने बताया देश से 2030 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था जिसके तहत प्रधानमंत्री ने इसे पांच साल पूर्व तक ही यानी कि 2025 तक टीबी मुक्त देश का लक्ष्य रखा है। हमारे देश में संचारी रोगों में टीबी सबसे अधिक प्रचलित और सबसे ज़्यादा गरीब वर्ग प्रभावित था। बीमारी को जड़ से खत्म करने को लेकर उठाए गए हर कदम का सीधा संबंध उनके सुखमय और स्वस्थ जीवन से है। जिसके तहत हमारे समाज के प्रभावशाली व्यक्ति जैसे: अलग-अलग धर्मों के धर्म गुरु, ग्राम प्रधान या अन्य जनप्रतिनिधि भी बिहार सरकार के साथ कदम से कदम मिलकर इसे एक जनांदोलन के रूप में लेकर लोगों में इसके प्रति जागरुकता पैदा कर रहे हैं।

शिव गुरु मंडल भवानीपुर के सुभाष मंडल (चेक शर्ट) ने अपील करते हुए कहा कि जिसको भी 15 दिन से ज्यादा खांसी हो रही हो वह व्यक्ति निःसंकोच अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर बलगम की जांच कराएं। क्योंकि बिहार सरकार टीबी मुक्त बिहार बनाने के लिए आपको निःशुल्क सेवा प्रदान कर रही है। आप सभी इसका लाभ जरूर उठाएं और लोगों को भी जागरूक करते रहें। भवानीपुर प्रखण्ड के श्रीपुर गांव निवासी सह बीडीसी सदस्य श्रवण चौधरी (युवक) वर्तमान समय में हर किसी के घर के लोग शिक्षित हैं। टीबी जैसी बीमारी के लक्षण होने पर आप समय रहते इसका इलाज करवाएं। क्योंकि हर तरह की बीमारियों का इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में सहज व सुलभ है। अपने आस पास के लोगों को जागरूक करें।

 

डगरुआ प्रखंड के पूर्व मुखिया नवीन चन्द्र झा ने कहा कि अगर आपको 2 हफ़्तों से ज्यादा खांसी होने के साथ ही बलगम में खून आए, भूख न लगे या रात में पसीना आए। या किसी भी तरह के लक्षण होने पर आप तुरंत अपने नजदीकी स्वस्थ केंद्र पर जाएं और इसका इलाज करवाएं। इसका इलाज भारत सरकार द्वारा निःशुल्क हो रहा है। अमौर विधानसभा क्षेत्र के आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद अबू क़ैश (बुजुर्ग) ने लोगों से अपील के दौरान कहा कि टीबी एक ऐसी बीमारी है जो किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने पर या जूठे बर्तनों से दूसरों में फ़ैल जाती है। इस बीमारी से बचने के लिए एक दूसरे को जागरूक करें, कोई भी लक्षण आने पर खुद को दूसरो से अलग रखें और इसका तुरंत इलाज करवाएं।

धमदाहा प्रखंड के माली पंचायत के मुखिया रीतेश कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि एक सप्ताह से ज्यादा दिनों तक खांसी का रहना, प्रतिदिन शाम में बुखार का आना, भूख नहीं लगना सहित कई अन्य तरह की कोई भी लक्षण किसी भी व्यक्ति में दिखे तो उसे जल्द से जल्द सरकारी अस्पतालों में जाकर सलाह लेने के साथ ही उसका उपचार कराएं। नहीं तो यह बीमारी दूसरों में भी फैल सकती है। अमौर स्थित मदनी मस्जिद के धर्म गुरु क्वारी अली नसीम ने कहा टीबी एक गंभीर बिमारी है। अपने आस पास में सफाई का विशेष ख्याल रखें और इसे फैलने से रोकें। क्योंकि संक्रमण से बचने के लिए यह बहुत ज्यादा जरूरी है। हम इस बीमारी को अपने से दूर रखें और थोड़ा सा भी इस तरह का लक्षण दिखे तो इसकी जांच जरूर कराएं।

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