योगिया हाईस्कूल के संस्थापक प्रधानाचार्य भृगुनाथ पाठक के निधन पर मना शोक
श्रीनारद मीडिया, सागर कुमार, रसूलपुर, सारण (बिहार):
सारण जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के आर एन हाईस्कूल योगिया के संस्थापक प्रधानाचार्य व शिक्षा विद् भृगुनाथ पाठक के निधन पर सोमवार को विद्यालय प्रांगण में शोक सभा का आयोजन प्रधानाध्यापक लालबाबू यादव की अध्यक्षता में किया गया।शोक संबोधन में विद्यालय के शिक्षक व स्व पाठक के शिष्य रामेश्वर गोप विस्तार से प्रकाश डाला।
गोप ने कहा कि योगिया हाईस्कूल के शैक्षणिक वातावरण से लेकर विद्यालय भवन निर्माण तक में स्व पाठक जी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।उनके महान कार्य को क्षेत्र के लोग आज भी याद करते हैं।गोप ने कहा कि उनके निजी जीवन में गुरू पाठक जी बहुमूल्य योगदान हैऔर मेरी संगीत व शैक्षणिक प्रतिभा को बढ़ावा देते रहे।योगिया हाई स्कूल से जुड़े कई पूर्ववर्ती छात्रों ने विद्यालय को शोक संदेश लगातार भेज रहे हैं।
शोक संदेश प्रेषण में विद्यालय के पूर्व शिक्षक शशिभूषण सिंह ने कहा कि स्व पाठक ने योगिया हाईस्कूल के स्थापना से लेकर विद्यालय के चहुंमुखी विकास में अतुलनीय योगदान दिया जिसे स्थानीय लोग आजीवन याद करेंगे।उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुए वरीय शिक्षिका कृतमाला, उमेश पांडेय, अर्चना कुमारी, सुरेंद्र मांझी, राजेन्द्र कुमार, लिपिक दिनेश दूबे, आदेशपाल उदयशंकर ने भावभिनी श्रद्धांजलि दी।
——————
निधन की खबर सुन फफक कर रो पड़ा आदेशपाल उदय
——————
पूर्व प्रधानाचार्य भृगुनाथ पाठक के निधन का समाचार सुना तो योगिया हाईस्कूल का आदेश पाल उदय शंकर फफक कर रो पड़ा।उदय ने बताया कि उसके पिता की आकस्मिक निधन के बाद स्व पाठक उसके पिता के समान प्यार दुलार दिया और अनुकंपा पर नौकरी दिलवायी।
उदय ने बताया कि योगिया हाईस्कूल में ढाई दशक सभी भी ज्यादा दिनों तक शैक्षणिक कार्य करते हुए स्व पाठक ने एक एक ईंट सामाजसेवियों से लेकर विद्यालय की चाहरदिवारी से लेकर विकास के अन्य कार्य करवाया।उदय ने कहा कि पाठक जी के ने निधन से उसके परिवार का एक अभिभावक खो दिया।
यह भी पढ़े
सुकून का समंदर और शाश्वत विकास की आधारशिला है मातृभाषा: गणेश दत्त पाठक
कभी चूरन-लॉटरी बेचने वाला बन गया करोड़पति, फर्श से अर्श तक पहुंचने की अनु कपूर की पढ़िए कहानी
‘जानी! ये बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं…’ क्या आपको याद है राजकुमार के 5 फेमस डायलॉग
राजकुमार ने दबंग सलमान खान का कर दिया था बोलती बंद, कहा था अपने अब्बा से पूछकर आओ कि हम कौन हैं?
युवा समाजसेवी योगीराज आर्यन गिरि हुए राष्ट्रीय समाजसेवी रत्न से सम्मानित