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शिक्षा पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने को लेकर शिक्षकों में असमंजस की स्थिति - श्रीनारद मीडिया

शिक्षा पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने को लेकर शिक्षकों में असमंजस की स्थिति

-शिक्षा पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने को लेकर शिक्षकों में असमंजस की स्थिति

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*आ रही हैं कई  तकनीकी बाधाएं

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

सीवान  जिले के सभी प्रखंडों के तकरीबन सभी शिक्षक-शिक्षिका इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग के कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं मिलने से अवकाश को लेकर असमंजस व ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।शिक्षकों के समक्ष कई तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं.

 

कुछ शिक्षकों ने बताया कि स्कूल के ऑफिस में रहने के बावजूद पोर्टल पर उपस्थित दर्ज करने पर लोकेशन स्कूल बाउंड्री से 400 मीटर अधिक दर्शा रहा है। इस तरह से इ-शिक्षा पोर्टल पर शिक्षकों की उपस्थिति में कई बार व कई तरह की तकनीकी बाधाएं आ रही हैंं। पोर्टल पर न तो कोई छुट्टी का ऑप्शन है और लेट से पहुंचने पर क्या होगा,इसकी कोई स्पष्ट जानकारी मिल पा रही है। इसके चलते कारण छुट्टी पर रहने वाले शिक्षक के अनुपस्थित होने का खटका मन में लगा रहता है.

 

शिक्षकों कहना है कि कभी-कभी नेटवर्क या अन्य कारणों से स्कूल पहुंचने के बावजूद पोर्टल पर देर हाजिरी बनानी पड़ रही है। अवकाश पर जाने पर गैरहाजिर होने के साथ ही शोकॉज की चिट्ठी निकलने का खतरा व खटका है। इसके चलते शिक्षक कार्रवाई से डरे सहमे हैं। शिक्षकों ने बताया कि हेडमास्टरों को एक से सात जुलाई तक इसकी विस्तृत ट्रेनिंग दी जानी थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ,सीधे शिक्षकों को धकेल दिया गया। पूर्व शिक्षक शफी इमाम का कहना है कि मानवीय संवेदनाओं को मुखरित करने वाले शिक्षकों का मशीनीकरण किया जा रहा है.

 

वे कहते हैं कि अपने ही स्कूल के किसी छात्र को बाइक से धक्का लग जाये तो उसे उठाने के बजाय पहले स्कूल जाकर हाजिरी बनानी है। वहीं इ- शिक्षा पोर्टल में महिला शिक्षकों को हर महीने दो दिन मिलने वाले विशेषवकाश दर्ज का कोई ऑप्शन नहीं दिया गया है। इसके कारण छुट्टी पर रहने वाले शिक्षक को अनुपस्थित हो जाने का खतरा है।खतरा यह भी है कि शोकॉज हो जायेगा। पूर्व शिक्षक शफी इमाम कहते हैं कि इसकी वजह से शिक्षकों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है।

 

वे कहते हैं कि विभाग बिना स्पष्ट दिशानिर्देश के ऊहापोह में शिक्षकों पर प्रयोग किये जा रहा है और विभागीय गलती या अस्पष्ट का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। मतलब विभागीय गलतियों के भुक्तभोगी शिक्षकों को बनना है। इधर ऑनलाइन एटेंडेंस नहीं बनाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई धमकी अलग से दी जा रही है। ऐसे में शिक्षकों की मांग है कि इ-शिक्षा कोष के ऐप में आवश्यक बदलाव किया जाय व अवकाश का ऑप्शन दिया जाय,ताकि बिना गलती किये शिक्षकों को खामियाजा न भुगतना पड़े।बहरहाल, शिक्षक अभी ऊहापोह की हालत में हैं।

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