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चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस हिजबुल से भी हाथ मिला सकती है- जीतन मांझी

चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस हिजबुल से भी हाथ मिला सकती है- जीतन मांझी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जम्मू कश्मीर का चुनाव कांग्रेस और फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर लड़ेगी। कांग्रेस और नेकां के गठबंधन के बाद से बीजेपी समेत एनडीए के तमाम दल कांग्रेस पर हमलावर हैं। इस मामले पर केंद्रीय मंत्री और हम के संस्थापक जीतन मांझी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि ये गठबंधन पाकिस्तान परस्त है। और एनडीए इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस एससी-एसटी आरक्षण का भी विरोध करती है।

इससे पहले जीतन मांझी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि कश्मीर में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान और हिज़बुल के साथ भी गठबंधन कर सकती है।जिसके बाद मीडिया से बातचीत के दौरान जीतन मांझी ने कहा कि फारुख अब्दुल्ला पाकिस्तान परस्त स्टेटमेंट देते हैं। वो धारा 370 का समर्थन करते हैं, एससी-एसटी आरक्षण का विरोध करते हैं। फारूख अब्दुल्ला की उसी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो गया है। तो साफ है कि कांग्रेस का अलायंस कुछ मुद्दों पर हुआ होगा। और वो मुद्दे हैं 370 लाना चाहेंगे। या कश्मीर को पाकिस्तान में मिलानेका मुद्दा होगा। या आरक्षण खत्म करने की बात करेंगे। तो इस बात को एनडीए के लोग कैसे बर्दाश्त करेंगे। इसीलिए हमने ट्वीट किया है कि उन्होने पाकिस्तान परस्ती का काम किया है।

जीतन राम मांझी ने कहा कि बांग्लादेश की सरकार जब से बदली है। वहां के हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। पंडित जवाहर लाल नेहरू से कश्मीर मुद्दे पर गलती हुई। कश्मीर को उसी समय अगर पूर्ण रूप में अंगीकृत कर लिया जाता तो जो मसौदा अभी है वह नहीं होता। इंदिरा गांधी ने भी वैसे ही गलती की, बांग्लादेश को जीत कर 91 हजार फौज को सरेंडर करवाकर उसको अलग देश बनाने की क्या जरूरत थी? भारत में मिला लेते तो आज यह स्थिति नहीं होती।

कश्मीर चुनाव को लेकर उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है कि ‘कश्मीर में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान और हिज़बुल के साथ भी गठबंधन कर सकती है’. वहीं, कश्मीर चुनाव के मुद्दे पर जीतन राम मांझी ने गया में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस वाले लोग अब्दुल्ला से हाथ मिला रहे हैं. अब्दुल्ला की क्या रीति रवैया रही है? कांग्रेस एक तरह से छिपी हुई थी, लेकिन अब तो स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस कश्मीर में 370 लागू करना चाहती है.

आगे उन्होंने कहा कि एससी-एसटी कांग्रेस विरोधी है. अब्दुल्ला से हाथ मिलाने का मतलब साफ है कि कांग्रेस उसी एजेंडे पर काम कर रही है. कश्मीर चुनाव में अगर उनकी जीत होगी तो पाकिस्तान में मिला देंगे.

पंडित जवाहर लाल नेहरू से गलती हुई- जीतन राम मांझी 

जीतन राम मांझी ने कहा कि बांग्लादेश की सरकार जब से बदली है वहां के हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. हिंदुओं पर लाठियां बरसाई जा रही हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू से कश्मीर मुद्दे पर गलती हुई. कश्मीर को उसी समय अगर पूर्ण रूप में अंगीकृत कर लिया जाता तो जो मसौदा अभी है वह नहीं होता. इंदिरा गांधी ने भी वैसे ही गलती की. बांग्लादेश को जीत कर 91 हजार फौज को सरेंडर करवाकर उसको अलग देश बनाने की क्या जरूरत थी? भारत में मिला लेते तो आज यह स्थिति नहीं होती. कश्मीर में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान और हिज़बुल के साथ भी गठबंधन कर सकती है।

‘संसार में फैलाना चाहता है एक धर्म’

आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसार में एक धर्म फैलाना चाहता है और उसी धर्म एजेंडा पर पाकिस्तान, बांग्लादेश में काम कर रहा है. बताया कि पीएम यूक्रेन गए हैं वहां बताया कि युद्ध नहीं करेंगे. बांग्लादेश की सरकार को वैसे ही वहां के अल्पसंख्यकों पर ध्यान देना होगा.

 

 

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