कांग्रेस को 57 से 64 सीटें आ रही है- डा. महेंद्र शर्मा, ज्योतिषाचार्य
श्रीनारद मीडिया वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
कानों के कुंडल जब कान फाड़ने लगते हैं तो उनका त्याग कर दिया जाता है क्योंकी दस साल पहले जिस उत्साह और उम्मीद से भारत के लोग भाजपा को लाए थे, देशवासी उतने ही निराश और निरुत्साहित हुए।
संविधान को रौंदना, जीएसटी , नोटबंदी, अग्निवीर और किसी भी प्रश्न पर जवाबदेह न होना, मीडिया का गोदी में बैठना, चुनाव आयोग और न्यायपालिका का बिकना, स्वायत संस्थाओं को बेचना, अपने इष्ट मित्रों को कर्ज देकर देश से भगाना, ई डी, सी बी आई, इन्कम टैक्स के रेड, जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों को ब्लात अपदस्थ करना, सत्ता परिवर्तन करवाने के लिए दूसरे राजनैतिक दलों के लालची,चोर लुटेरे अपराधी और दलालों को अपने खेमे में लाकर अपनी संख्या बढ़ाना और उनके खिलाफ जांच बंद करना, बलात्कारियों को संरक्षण, किसानों, महिलाओं और खिलाडियों पर अत्याचार, किसानों को उग्रवादी कहना, उन्हें न्यूनतम कृषि मूल्य कानून से वंचित रखना, सेना के नाम पर वोट मांगना, सत्ता के लिए शांत पड़े क्षेत्रों में हिंसा करवाना, हिन्दू मुस्लिम फसाद और न जाने क्या क्या झूठ बोल कर जनता को मूर्ख बनाया भाजपा का काम हे.
शिक्षा और चिकित्सा आम लोगों से दूर करने के प्रयास किए गए l खानपान और राशन को इतना महंगा कर दिया कि लोग सारा दिन अगले दिन की व्यवस्था में इतने पागल हो जाएं कि उन्हें राजनीति पर विचार करने का समय ही न मिले l विद्यार्थियों को नौकरी के लिए फॉर्म भरवाए गए, पर्चे लीक करवाए, परीक्षाओं के परिणाम नही दिए और बालक आज भी भटक रहे हैं।
धर्म के नाम पर नाबालिग युवाओं को बरगला कर उन्हें गली मुहल्ले के चौधरी बनाया गया और अनर्गल काम करवाए कि जिन्होंने राम मन्दिर के लिए चंदा नहीं दिया उन्हें चिन्हित किया जाए,थाली कटोरा बजाओ प्रोग्राम में जिन के घर लाइट जल रही है उनके नाम नोट करवाने का काम किया। जब बालकों ने इन्हें रिपोर्टकार्ड दिया तो बालकों के जाने के बाद उन्हें डस्टबिन में फेंक दिया।
जब किसी ने पूछा तो उन्हें यह बताया गया कि हमारा काम तो इनको पार्टी से जोड़ कर रखने का था। अब सत्यता यह है कि इनके साथ जो उच्चशिक्षित विद्यार्थी जुड़े थे वह तो साथ छोड़ गए हैं, जो बच्चे कम शिक्षित और उद्दंड प्रवृति के थे वह पैसे के लालच में इनसे जुड़े हुए थेl अब जब प्रदेश मे राजनैतिक परिवर्तन होना तय हो चुका है, जब खानपान और पैसा नहीं मिलेगा तो इस प्रकार के उद्दंड बच्चे भी भाग जाएंगेl
पंजाबियों के सिर पर हरियाणा में किसी भी राजनैतिक दल द्वारा एक पंजाबी को मुख्यमंत्री बनाने का जो नशा चढ़ा था वह इस मुख्यमंत्री ने अपनी अपरिपक्वता और कार्य शैली स्वयं ही उतार दिया। इसके दस सालों के कार्यों का फल यह निकला कि उसको राजनैतिक मंचों पर ही आने दिया और गनीमत तो तब हो गई जब पोस्टरों से फोटो और नाम भी उड़ा दिया। इतना बदनाम मुख्यमंत्री तो पूरे देश में कहीं नहीं मिलेगा। चुनाव से दो माह पहले किए गए मेरे राजनैतिक आंकलन के अनुसार कांग्रेस को 57 से 64 सीट मिलने की प्रबल सम्भावना हैl
साथ ही भविष्य में बनने वाली कांग्रेस सरकार को अग्रिम शुभकामनाएं और एक राजनैतिक चेतावनी भी कि हरियाणा में केवल रोहतक संसदीय क्षेत्र नहीं है, रोहतक की तरह 10 संसदीय क्षेत्रों का भी समग्र विकास होना चाहिए, हरियाणा की जनता राजनैतिक स्तर पर जागरूक है जब दुर्योधनी राजनेताओं को चुनाव के मैदान से चुनावों से पहले भगा सकती है तो कुछ भी हो सकता है। इसलिए आशा है कि प्रदेश के नेता सोच समझ कर नेक और विवेकपूर्ण राजनीति करेंगे।
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