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कांग्रेस ने कर्नाटक में राज्यपाल के खिलाफ निकाला मार्च - श्रीनारद मीडिया
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कांग्रेस ने कर्नाटक में राज्यपाल के खिलाफ निकाला मार्च

कांग्रेस ने कर्नाटक में राज्यपाल के खिलाफ निकाला मार्च

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने  कहा कि राज्यपाल पद के कथित दुरुपयोग के खिलाफ कांग्रेस ने ‘राज भवन चलो’ मार्च आयोजित किया। कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा कि इस मार्च का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज भवन किसी राजनीतिक दल का कार्यालय न बने।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ”मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमने राज भवन चलो मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की ओर से आयोजित नहीं किया। यह मामला अदालत के विचाराधीन है…।” उन्होंने कहा, ”राज भवन चलो मार्च यह सुनिश्चित करने के लिए है कि राज्यपाल का कार्यालय किसी पार्टी का कार्यालय न बने। हम इस संवैधानिक पद की शुचिता की रक्षा करने की मांग को लेकर राजभवन जा रहे हैं।”

शिवकुमार ने कहा कि कुछ व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगने के लिए कई याचिकाएं राज्यपाल के समक्ष लंबित हैं। तख्तियां, बैनर, पोस्टर लिए और राज्यपाल थावरचंद गहलोत की निंदा करते हुए नारे लगाते हुए शिवकुमार के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने मार्च निकाला। इसमें कई मंत्री, कांग्रेस विधायक और सांसद शामिल हुए। बाद में उन्होंने गहलोत को एक ज्ञापन भी सौंपा।

इससे पहले, सिद्धरमैया, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों, कांग्रेस विधायकों और सांसदों ने यहां विधान सौध परिसर पर गांधी प्रतिमा के समीप धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन में कथित घोटाले की जांच किए जाने और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती पर एमयूडीए द्वारा उनकी जमीन के ‘अवैध अधिग्रहण’ के एवज में महंगी दर पर वैकल्पिक भूखंड प्राप्त करने का आरोप है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि राज्य में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए राज्यपाल पद का दुरुपयोग किया गया है। सिद्धरमैया ने गहलोत पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को तीन सामाजिक संस्थाओं की याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमने ‘राज भवन चलो’ मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की ओर से आयोजित नहीं किया। यह मामला अदालत के विचाराधीन है…।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज भवन चलो मार्च यह सुनिश्चित करने के लिए है कि राज्यपाल का कार्यालय किसी पार्टी का कार्यालय न बने। हम इस संवैधानिक पद की शुचिता की रक्षा करने की मांग को लेकर राजभवन जा रहे हैं।’’

कर्नाटक: कांग्रेस ने राज्यपाल के खिलाफ ‘राज भवन चलो’ मार्च निकाला, गहलोत को ज्ञापन सौंपा

शिवकुमार ने कहा कि कुछ व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगने के लिए कई याचिकाएं राज्यपाल के समक्ष लंबित हैं।

तख्तियां, बैनर, पोस्टर लिए और राज्यपाल थावरचंद गहलोत की निंदा करते हुए नारे लगाते हुए शिवकुमार के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने मार्च निकाला। इसमें कई मंत्री, कांग्रेस विधायक और सांसद शामिल हुए। बाद में उन्होंने गहलोत को एक ज्ञापन भी सौंपा।इससे पहले, सिद्धरमैया, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों, कांग्रेस विधायकों और सांसदों ने यहां विधान सौध परिसर पर गांधी प्रतिमा के समीप धरना प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि राज्य में कांग्रेस सरकार को ‘अस्थिर’ करने के लिए राज्यपाल पद का दुरुपयोग किया गया है। सिद्धरमैया ने गहलोत पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है।

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