बच्चों की आंखों की रौशनी के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां व फल का सेवन जरूरी
टेलीविजन, मोबाइल या कंप्यूटर का बहुत अधिक इस्तेमाल नजर के लिए नुकसानदेह:
बच्चों को दें विटामिन ए की खुराक, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए करें प्रेरित:
श्रीनारद मीडिया, गया, (बिहार):
बच्चों की आंखों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। बच्चों की आंखों का ध्यान नहीं रखने पर उनकी दृष्टि कमजोर होने लगती है। इसकी वजह से छोटी उम्र में ही अधिक पावर वाला चश्मा लगाना पड़ता है। बच्चों की आंखों की रौशनी सही रहे इसके लिए अच्छा पोषण भी महत्वपूर्ण है। लोगों का यह सोचना होता है कि आंखें उम्र बढ़ने के साथ कमजोर होती है लेकिन ऐसी बात नहीं है। बच्चों की आंखें संवेदनशील होती हैं। बच्चों में दृष्टिदोष के कारण उनका महत्वपूर्ण जीवनकाल प्रभावित होता है। इसके साथ ही बच्चों की आंखों में दर्द, लालिमा या भेंगापन होना जैसी समस्या भी होती है। ऐसी किसी समस्या को नजरअंदाज करना सही नहीं है।
बच्चों से उनकी आंखों के विषय में करते रहें पूछताछ:
बच्चों में आंखों की समस्या का पता तब चलता है जब विशेषकर वे पढ़ने लिखने लगते हैं। ऐसे में स्कूल में एडमिशन कराने के समय बच्चों की आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए। छह माह या एक साल में बच्चों की आंखों की जांच अवश्य कराये जाने चाहिए। बच्चों से समय समय पर पूछते रहें कि क्या वह पढ़ने लिखने या चलने फिरने, नजदीक या दूर की वस्तुओं को देखने आदि किसी परेशानी का सामना तो नहीं कर रहे हैं। आंखों में दर्द या ऐसी किसी प्रकार की समस्या की जानकारी लेते रहें। नजर कमजोर होने पर बच्चे करीब से टेलीविजन, मोबाइल या कंप्यूटर देखना चाहते हैं। कक्षा में बोर्ड पर लिखवायी जाने वाले अक्षरों की पहचान नहीं कर पाते और अक्सर वे अपनी कॉपी पर कुछ भी नहीं लिख पाते हैं। किताबों को बहुत अधिक करीब से देखना बच्चों की आंखों की काली पुतली में सफेद रंग दिखना, किसी वस्तु को देखते समय अपना सिर या चेहरा मोड़ना, आंखें मलना या पलक बहुत अधिक झपकाना, आंखों में खुजली होना आदि होने पर चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
खाने में शामिल करें हरी पत्तेदार सब्जियां व फल:
मगध मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मंजुल विजय ने बताया कि आंखों के लिए विटामिन ए बेहद जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विटामिन ए बच्चों की आंखों की रोशनी तथा उनके शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन ए प्राप्त करने के प्राकृतिक तरीकों को अपनाने के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली विटामिन ए की खुराक भी दी जानी चाहिए। विटामिन ए की खुराक बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाती है। बच्चों के खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी एवं ताजी सब्जियां और पीली एवं नारंगी रंग के फल आदि शामिल करें। पालक और गाजर में विटामिन ए काफी मात्रा में पाया जाता है।
बच्चों की आंखों को स्वस्थ्य और सामान्य रखने के टिप्स:
बच्चों को कंप्यूटर, टेलीविजन व मोबाइल का अधिक इस्तेमाल नहीं करने दें। बच्चों को प्रतिदिन छह से आठ गिलास पानी पीने के लिए प्रेरित करें। पानी ,आंखों में नमी और ताजगी बनाये रखता है। बच्चों को पूरी नींद लेने दें। उनकी रोजाना की दिनचर्या निर्धारित करें। बच्चों को झुककर या लेटकर पढ़ने नहीं दें। हमेशा टेबल कुर्सी का इस्तेमाल करने के लिए कहें। पढ़ने के आधे घंटे के दौरान पांच मिनट के लिए ब्रेक दें। किताबों से एक फीट दूर रह कर पढ़ने के लिए कहें।
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