सारण के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने पेश की मानवता की मिसाल
• आपदा के इस घड़ी में हड़ताल पर जाने से किया इनकार
• पूरे बिहार में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का है हड़ताल
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार):
छपरा। वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल में चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो चुकी है। ऐसे में इस आपदा की घड़ी में संविदा स्वास्थ्य कर्मी पूरे बिहार में हड़ताल पर चले गए हैं। लेकिन सारण जिला के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मानवता की मिसाल को पेश करते हुए हड़ताल पर जाने से इनकार कर दिया है और वे अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए संविदा स्वास्थ्य कर्मी संघ के जिला अध्यक्ष सह जिला स्वास्थ समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि इस संकट काल में जब मरीजों को हमारी आवश्यकता है, मरीज इलाज के लिए तड़प रहे हैं ऐसे समय में हड़ताल पर जाना कहीं से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगे पूरी करें या नहीं करे, लेकिन इस समय हमारा कर्तव्य है कि मरीजों की पूरी निष्ठा के साथ सेवा करें।
नौ सूत्री मांगों के लिए अन्य जिले में हड़ताल:
नौ सूत्री मांगों को लेकर सभी संविदा स्वास्थ्यकर्मी सामूहिक होम आइसोलेशन में जाने का निर्णय लिये है। इस दौरान संविदा स्वास्थ्यकर्मी कार्य का बहिष्कार करेंगे। बताया कि मांगों में मानदेय का पुनरीक्षण कर बढ़ोत्तरी करने, कोरोना के इस काल में ड्यूटी कर रहे कर्मियों को 50 लाख रुपये का बीमा की सुविधा देने और मौत पर आश्रितों को तत्काल संबंधित राशि का भुगतान करने, कोरोना की ड्यूटी में मौत होने पर पारिवारिक पेंशन, आश्रितों को नौकरी एवं लाभ देने समेत अन्य मांग शामिल है।
संकटकाल में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण:
सारण के सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि इस महामारी के दौर में प्रत्येक कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। चिकित्सकों, नियमित कर्मियों के साथ साथ संविदा कर्मियों भी अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रहे है। वे सभी लोग बधाई के पात्र है जो इस महामारी में अपने जिम्मेदारी को समझते हुए हड़ताल में शामिल नहीं हुए है।
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