सातवाँ राष्ट्रीय सम्मेलन में महासागरीय अनुसंधान में भारतीय वैज्ञानिको का योगदान
• राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केन्द्र (एनसीपीओआर) में ओशन सोसाइटी ऑफ इंडिया -21 का राष्ट्रीय सम्मेलन
• बिहार के नवादा जिले के प्रख्यात ध्रुवीय वैज्ञानिक डॉ. अविनाश कुमार रहे संचालक
• भारत, अमेरिका और सिंगापुर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन
• महासागर विज्ञान के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करने के लिए कई पुरस्कार वितरित
श्रीनारद मीडिया‚ पटना (बिहार)
महासागर विज्ञान की उपयोगिता एवं इसका जलवायु पर होने वाले प्रभाव को लेकर भारत में कई शोध किये जा रहे हैं I साथ ही इसको लेकर भारत सरकार की पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ऐसे शोधों को बढ़ावा भी दे रही हैI इसी कड़ी में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के गोवा स्थित राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केन्द्र में ओशन सोसाइटी ऑफ इंडिया का सातवाँ राष्ट्रीय सम्मेलन (OSICON-21) का आयोजन हो रहा है I कोविड-19 महामारी के कारण इस सम्मेलन का आयोजन ऑनलाइन वर्चुअल माध्यम से किया गया है I
“सतत विकास में महासागर आका योगदान” प्रसंग पर आधारित इस आयोजन में भारत, अमेरिका और सिंगापुर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न तकनीकी सत्रों में कुल 13 आमंत्रित वार्ताएं दी जा रही हैं। 7 विषयों पर कुल 217 मौखिक प्रस्तुतियाँ होंगी। समुद्री अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और छात्रों सहित 300 से अधिक प्रतिनिधि वर्चुअल ओसिकोन-21 सम्मेलन में भाग लेते हुए सतत विकास के लिए महासागर की भूमिका पर चर्चा कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन अटल अवार्ड सहित कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके नवादा जिले के प्रख्यात ध्रुवीय वैज्ञानिक डॉ. अविनाश कुमार ने सह-समन्वयक के रूप में किया.
डॉ. एम. राजीवन, पूर्व सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार ने ओशन सोसाइटी ऑफ इंडिया-21 का उद्घाटन किया और महासागर अनुसंधान के महत्व और भारतीय गहरे महासागर मिशन कार्यक्रम की स्थापना के बारे में जानकारी प्रदान की।
समझौता विज्ञापन पर किया है हस्ताक्षर:
डॉ. एम. रविचंद्रन, निदेशक, एनसीपीओआर, और ओएसआई के अध्यक्ष ने अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी में ओशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि ओएसआई अब इंटरनेशनल सी बेड अथॉरिटी की यूनाइटेड नेशन असेंबली में पर्यवेक्षक और फेडरेशन ऑफ इंडियन जियोसाइंस एसोसिएशन का सदस्य है। हाल ही में ओएसआई ने भारतीय मौसम विज्ञान सोसायटी (आईएमएस) के साथ समुद्र और वायुमंडलीय समुदाय के साथ तालमेल के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है।
ओसन सोसाइटी ऑफ इंडिया ने किया सम्मानित:
डॉ. शैलेश नायक, निदेशक, राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान, बेंगलुरु एवं पूर्व सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को ओएसआई के प्रथम मानद फेलो के रूप में महासागर विज्ञान और संबद्ध क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। डॉ. शैलेश नायक ने कहा कि ब्लू इकोनॉमी अनिवार्य रूप से समुद्र पर निर्भर आर्थिक विकास है जो भारत में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए पर्यावरण और पारिस्थितिक सुरक्षा के साथ समावेशी सामाजिक विकास सुनिश्चित करता है।
प्रो प्रसाद के भास्करन, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर और प्रो जयचंद्रन के वी, केरल राज्य जैव विविधता बोर्ड (केएसबीबी) को ओएसआई के प्रतिष्ठित फेलो के रूप में चुना गया। डॉ. डी. श्रीनिवासन एंडोमेंट अवार्ड वर्ष 2021 के लिए डॉ. एम. ए. आत्मानंद द, विजिटिंग प्रोफेसर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास और पूर्व निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (एनआईओटी), चेन्नई को प्रदान किया गया। महासागर विज्ञान के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ पेपर, सर्वश्रेष्ठ शोध प्रस्ताव और ओएसआई पीजी निबंध पुरस्कार की श्रेणी के लिए कई पुरस्कार दिए गए।
वर्तमान में हो रहे अनुसंधान के कई विषयों पर हुई चर्चा :
इस ऑनलाइन सम्मेलन ने शोधकर्ताओं को अपने शोध विचारों और निष्कर्षों को अन्य हिंद महासागरीय समुदायों के साथ साझा करने और समुद्र विज्ञान में अनुसंधान से संबंधित वर्तमान मुद्दों पर चर्चा करने में सक्षम बनाया गया। तीन समानांतर सत्रों में, सम्मेलन में सात विषयों को शामिल करते हुए कई प्रस्तुतियाँ, आमंत्रित वार्ताएँ, मौखिक प्रस्तुतियाँ और पोस्टर प्रस्तुतियाँ शामिल थी। जिसमें समुद्री पारिस्थितिक तंत्र और महासागर की जैव-भू-रसायन, तटीय और खुली महासागर प्रक्रियाएं, जलवायु परिवर्तन, ध्रुवीय विज्ञान और क्रायोस्फीयर, महासागर इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, समुद्री भूविज्ञान और भूभौतिकी और महासागर विज्ञान में गणित जैसे मुद्दों पर चर्चा हुयी। OSICON-21 के उद्घाटन और समापन कार्यक्रमों का समन्वय सह-संयोजक, डॉ अविनाश कुमार, NCPOR द्वारा किया गया था। इस सम्मेलन में स्थानीय आयोजन समिति के सदस्यों में मुख्य रूप से डॉ. रोहित श्रीवास्तव, डॉ. रविदास नाइक, ललित अहिरवार, एवम डॉ. साबू पी ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए समर्पित भाव से काम किया है।
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