बिहार में बाहर से आने वाले की होगी कोरोना जांच,बंद नहीं होंगे स्कूल: नीतीश कुमार
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में अभी स्कूल खुले रहेंगे और बच्चों की पढ़ाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा है कि राज्य में कोरोना की अभी वैसी स्थिति नहीं है कि स्कूलों को बंद किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया है कि स्कूलों में सभी जरूरी सुविधाओं का ख्याल रखा जाए और एहतियात बरती जाए। लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। सभी लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करें एवं मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को एक अणे मार्ग में कोरोना संक्रमण को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी डीएम से संबंधित जानकारी ली। तीन घंटे से अधिक चली बैठक में उन्होंने अद्यतन जानकारी ली और कई निर्देश पदाधिकारियों को दिए। बैठक में उन्होंने कहा कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बिहार के लोग पूरे देश में रहते हैं।
होली के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से लोग बिहार वापस आएंगे। ट्रेन, बस, हवाई मार्ग से बाहर से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाए। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों एवं एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच सुनिश्चित करें। बाहर से आने वाले लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी रखें एवं उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी सचेत करें। कभी-कभी एक ही परिवार के लोग बाहर से आते हैं और उनके संपर्क में आने वाले कई लोग संक्रमित हो जाते हैं।
70 प्रतिशत जांच आरटी-पीसीआर हो
उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना की कम से कम 70 प्रतिशत आरटी-पीसीआर जांच करें। आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मिल जाए, यह सुनिश्चित करें। सभी पेंशनधारियों का भी कोरोना टीकाकरण अवश्य करवाएं। टीकाकरण की रफ्तार और बढ़ाएं। सभी हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और पुलिसकर्मियों का टीकाकरण तेजी से कराएं, इससे कोई भी वंचित न रहे।
अस्पतालों में इलाज करने वाले डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। सभी पदाधिकारी परिस्थितियों की समीक्षा करें और सिर्फ निर्देश ही नहीं दें, बल्कि उसे क्रियान्वित भी कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी पर्व, उत्सव या आयोजनों में सीमित संख्या में ही लोग शामिल हों और कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।
बिहार का रिकवरी रेट 99.24 प्रतिशत
बैठक में प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कोरोना से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया। बताया कि 19 मार्च तक दो करोड़ 30 लाख कोरोना जांच की गई है। बिहार में प्रति दस लाख की आबादी पर 1,80,570 जांच हो रही है। अभी बिहार में एक्टिव केसों की संख्या 436 है। राष्ट्रीय स्तर पर औसत रिकवरी रेट 96.26 प्रतिशत है, जबकि राज्य का औसत रिकवरी रेट 99.24 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय स्तर पर औसत मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत है, जबकि राज्य का 0.59 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन टेस्ट पॉजिटिविटी रेट का औसत 3.2 प्रतिशत है, जबकि राज्य का 0.1 प्रतिशत है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन में शत-प्रतिशत जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों के कंट्रोल रूम एक्टिव मोड में हैं और स्थितियों पर नजर रखी जा रही है। बाहर से आने वाले लोगों की रैंडम जांच की जा रही है।
पंचायतों में माइकिंग के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बैठक के दौरान पटना, गया, मुंगेर, भागलपुर, मधुबनी, सहरसा, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, रोहतास एवं सारण के जिलाधिकारियों ने अपने जिले में टेस्टिंग सेंटर, एक्टिव केस, माइक्रो कंटेनमेंट जोन, हेल्थ इंस्टीट्यूशन, टीकाकरण आदि की अद्यतन जानकारी दी।
ये उपस्थित थे
बैठक में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जोन के पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक, सभी जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक एवं चिकित्सक जुड़े थे।