कोरोना नहीं मार रहा,इंसान इंसान को मार रहा है,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पीएम, सीएम, सांसद, विधायक,पार्षद सबको गाली दे लीजिए

लेकिन , यह जो 700- 800 का ऑक्सीमीटर 3000+ में बेच रहे यह

जो ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहे यह

यह जो रेमडेसीविर को 20000+ प्लस में बेच रहे यह

यह जो श्मशान की लकड़ियों में बेईमानी कर रहे यह

नारियल पानी हो फल, सब्जी, अंडा, चिकन, दाल में लूट करने से लेकर अस्पतालों में बेड दिलाने तक का झांसा यह सब लोग जिन्होंने लूट मचा रखी है

जिस देश में जिसको जहां मौका मिला तो लूटने में लग गया,
यहाँ कोई भी व्यक्ति सिर्फ तब तक ही ईमानदार है जबतक उसको चोरी करने का या लूटने का मौका नही मिलता।

हम कितनें मासूम हैं..

#जो लॉक डाउन की खबर सुनते ही गुटके की कीमत ₹5 से ₹7 कर देते हैं..

#जो डॉक्टरों द्वारा विटामिन सी अधिक लेने की कहने पर 5 रुपये प्रति का नींबू 15 रुपये प्रति बेचने लगते हैं..

#जो 40-50 रुपए का बिकने वाला नारियल पानी ₹100 का बेचने लगते हैं..

#जो मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी सुनते हैं, तो ऑक्सीजन की कालाबाजारी शुरू कर देते हैं..

#जो दम तोड़ते मरीजों की दुर्दशा देखते हैं तो रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करनी शुरू कर देते हैं..

#जो अपना ईमान बेच कर इंजेक्शन में पैरासिटामोल मिलाकर बेचने लगते हैं..

#जो डेड बॉडी लाने के नाम पर ₹36000 मांगने लगते हैं..

#जो मरीज को किसी हॉस्पिटल में पहुंचाने की बात करते हैं तो एंबुलेंस का किराया 10 से 15 हजार किराया मांगने लगते हैं..

क्या वास्तव में हम बहुत मासूम हैं.. या लाशों का मांस नोचने वाले गिद्ध…
गिद्ध तो मरने के बाद अपना पेट भरने के लिए लाशों को नोचता है पर हम तो अपनी तिजोरियां भरने के लिए जिंदा इंसानों को ही नोच रहे हैं, कहाँ लेकर जाएंगे ऐसी दौलत या फिर किसके लिए ?..

कभी सोचा है आपने?? एक बार सोचना जरूर..

एक दिन हिसाब सबको देना पड़ेगा, जनता की अदालत में नहीं तो ईश्वर की अदालत में…
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हिंदुस्तान को आज कोरोना नहीं मार रहा,इंसान इंसान को मार रहा है.

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