सारण जिले के निजी अस्पतालों में होगी रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना की जांच
• निदेशक प्रमुख डॉ नवीन चंद्र प्रसाद ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को दिया दिशानिर्देश
•जांच के लिए सिविल सर्जन को किया गया है प्राधिकृत
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा, (बिहार):
छपरा जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है. संक्रमित मरीजों की संख्या में भी लगातार वृद्धि देखी जा रही है. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार अस्पतालों में मरीजों की चिकित्सा को लेकर प्रयासरत है. सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है ताकि कोरोना के मरीजों को तत्काल चिकित्सीय उपचार उपलब्ध हो सके. स्वास्थ्य विभाग संक्रमण की जांच हेतु पूरे जिले में रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना की जांच के लिए संकल्पित है. इसी क्रम में अब निजी अस्पतालों में संक्रमण की जांच के लिए व्यवस्था की गयी जाएगी. जिस मद्देनजर रोग नियंत्रण, लोक स्वास्थ्य, पारा मेडिकल स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार पटना के निदेशक प्रमुख डॉ. नवीन चंद्र प्रसाद ने सिविल सर्जन को पत्र जारी कर निजी अस्पतालों के लिए जरुरी दिशानिर्देश जारी किये हैं.
जांच के लिए सिविल सर्जन को किया गया है प्राधिकृत:
भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की दिशा निर्देश के आलोक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी प्रकार के निजी चिकित्सा सेवा संस्थान, डायग्नोस्टिक सेंटर एवं लैबोरेट्री में रैबिट एंटीजन कीट के माध्यम से कोविड-19 जांच की सुविधा प्रदान की जाएगी। निजी चिकित्सा संस्थानों में रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से जांच के लिए सिविल सर्जन को प्राधिकृत किया गया है। सिविल सर्जन से अनुमति प्रदान करने के बाद ही रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से निजी संस्थान जांच कर सकते हैं। संबंधित निजी अस्पताल कोविड-19 से संबंधित सभी प्रोटोकॉल के साथ आईसीएमआर पोर्टल पर दिए गए निर्देश का पालन करेंगे। हर दिन के पूरे टेस्टिंग का विवरण आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड करना होगा और पोर्टल पर अपलोड करने संबंधी जानकारी जिला स्वास्थ समिति, पटना को देनी होगी।
निजी स्वास्थ्य संस्थानों को इन शर्तों का करना होगा पालन:
रैपिड एंटीजन कीट जांच के लिए निजी स्वास्थ्य संस्थानों को शर्तों का पालन करना होगा। संबंधित निजी चिकित्सा संस्थान में अनिवार्य रूप से पैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट उपलब्ध कराने होंगे तथा संबंधित संस्थान के लैब टेक्नीशियन एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराना होगा तथा उनका
दो दिवसीय प्रशिक्षण सदर अस्पताल में कराया जाएगा। जिन्हें रैपिड इंजन किट से जांच एवं राज्य के पोर्टल पर जांच से संबंधित आंकड़ों को प्रविष्ट करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश का पालन करना अनिवार्य होगा। राज्य स्वास्थ्य समिति से संपर्क कर निजी संस्थानों को डाटा एंट्री ऑपरेटर को लॉगिन पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा ।अनुमति प्राप्त निजी चिकित्सा संस्थान अनिवार्य रूप से प्रतिदिन किए जाने वाले जांच राज्य स्वास्थ समिति बिहार के पोर्टल पर प्रविष्ट भी करेंगे।
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