वाराणसी में अजय राय को सुरक्षा न देने पर कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से मांगा स्पष्टीकरण, भाई की हत्या के मामले में हैं चश्मदीद गवाह
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / हत्या के मामले में साक्षी को सुरक्षा न देने के संबंध में एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने वाराणसी पुलिस कमिश्नर से स्पष्टीकरण मांगा है। यह मामला न्यायालय में लंबित है और साक्ष्य के स्तर पर कार्रवाई चल रही है। इसमें वादी पूर्व विधायक अजय राय का साक्ष्य अंकित है।
अजय राय ने पूर्व में अपनी जान का खतरा बताते हुए गवाही देने के लिए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इस संबंध में न्यायालय द्वारा विस्तृत आदेश गत 17 अगस्त को पारित किया गया था। विशेष न्यायाधीश ने पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि किन परिस्थितियों में न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा सका है।
इस संबंध में 15 सितंबर तक स्पष्टीकरण प्रेषित करें। साथ ही चेतगंज थाना प्रभारी का स्पष्टीकरण लें कि किन परिस्थितियों में आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। यह भी कहा है कि साक्षी को न्यायालय में उपस्थित होकर साक्ष्य देने के लिए सुरक्षा प्रदान करने में किसी प्रकार को कोई लापरवाही न हो।
कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या हो गई थी। तीन अगस्त 1991 थाना चेतगंज में अजय राय ने मुख्तार अंसारी समेत छह लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराया था। अजय राय मुकदमे के चश्मदीद गवाह हैं। जान का खतरा बताते हुए अजय ने अदालत से सुरक्षा की मांग की थी। इसपर अदालत ने गवाह को 17 अगस्त 2021 को तत्काल सुरक्षा देने के लिए पुलिस कमिश्नर वाराणसी को आदेश दिया था।
इस मामले में मुख्तार अंसारी आरोपित है। अजय राय ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि पूर्व में कोर्ट द्वारा सुरक्षा देने के के आदेश का राजनैतिक दबाव के कारण अनुपालन नहीं हो सका है। ऐसे में वह जान का खतरा मोल लेकर बिना सुरक्षा के गवाही देने अदालत में आये है। इसपर अदालत ने 17 अगस्त 2021 को दिए गए आदेश का अनुपालन करने का आदेश दिया है। पुलिस कमिश्नर वाराणसी से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।