प्रतियोगिता में भागदारी से बच्चों में पनपती है रचनात्मक सोच-बीईओ
*बच्चों ने कागज पर उकेरी अपनी प्रतिभा,शिक्षकों ने सराहा
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय के बीआरसी भवन में सोमवार को बिहार दिवस के तत्वावधान में बच्चों में रचनात्मक समझ विकसित करने के इरादे से प्रखंडस्तरीय चित्रांकन, रंगोली, भाषण,सुगम संगीत, क्वीज आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
इसका विधिवत उद्घाटन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिवशंकर झा, वरीय साधनसेवी मनोज कुमार सिंह, कार्यक्रम संयोजक शर्मानंद प्रसाद, शिक्षक नेता जयप्रकाश गुप्ता, दिलनवाज अहमद, अनिल मांझी,अलका कुमारी आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ संगीत शिक्षक अमरनाथ गुप्ता के बिहार गीत की बेहतरीन प्रस्तुति से हुआ,जो लगातार परवान चढ़ता गया।
इस मौके पर बीईओ श्री झा ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता से बच्चों में रचनात्मक सोच का विकास होता है। आज रटने की प्रवृत्ति वाली शिक्षा के बदले खेल-खेल में इसका प्रसार हो रहा है।ऐसे में चित्रांकन प्रतियोगिता एक सुखद संदेश देता है। इससे जहां बच्चों का मानसिक विकास होता है वहीं कला के प्रति रूचि जागृत होती है।
उन्होंने कहा कि बिहार का अतीत गौरवशाली और वैभवशाली रहा है।आज भी हम अपनी मेहनत और प्रतिभा की ताकत से देश-विदेश में अपनी पहचान बनाये हुए हैं।सुगम संगीत प्रतियोगिता में रघुनाथ सिंह हाई स्कूल महावीरगंज, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पकवलिया और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जगतपुरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय पकवलिया की छात्राओं का दबदबा कायम रहा।
वहीं वरिष्ठ बीआरपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि प्रतिभा हर बच्चों में होती है। सिर्फ उसे उभारने की आवश्यकता है। प्रतियोगिता इस काम को बखूबी से निभाता है। उचित प्लेटफार्म मिलने से बच्चों को प्रतिभा निखारने का अवसर मिलता है। वहीं चित्रांकन और रंगोली प्रतियोगिताओं में बच्चों ने अपनी प्रतिभा को कागज पर उकरे कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। इसके अलावा कई आकृतियों को कागज पर उकेरा कर उनमें रंग भरा और कर दिया कलाकृतियों को जीवंत।
भाषण प्रतियोगिता में छात्र यश ध्वज और छात्रा श्रृति कुमारी ने बेहतरीन प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया।क्वीज प्रतियोगिता में भी बच्चों ने जटिल सवालों का सहजता से जवाब देकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इस मौके पर डॉ श्यामदेव प्रसाद, संगीत शिक्षक जगदीश कुमार, अमरनाथ केसरी,आनंद मिश्र, अलका चौबे,प्रियंका, आनंद सिंह आदि बतौर निर्णायक मौजूद थे। शिक्षक ओमप्रकाश सिंह,संतोष यादव, डॉ जीतेंद्र कुमार, मो इमामुद्दीन,नेयाज अहमद,एकाउंटेट अनिल मिश्र,हरिओम नारायण आदि मौजूद थे।
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