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एनआईए द्वारा जब्त किया गया करोड़ों रूपया मजदूरों के, हथियारों के भी हैं कागजात, नक्सलियों से कनेक्शन मामले में पूर्व MLC की सफाई में कितना है दम ?

श्रीनारद मीडिया, प्रभात कुमार मिश्रा, गया ( बिहार )

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बीते गुरूवार को एनआईए की टीम ने बिहार के विभिन्न जगहों पर छापेमारी की थी। जिसमें सत्ताधारी दल JDU की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के गया शहर के एपी कोलनी स्थित आवास से 4 करोड़ 3 लाख रूपया नगद और 10 विभिन्न बोर का हथियार जब्त कर अपने साथ ले गई थी। छापेमारी के बाद एनआईए ने दावा किया था मनोरमा देवी और उनके समर्थकों के बल पर दक्षिणी बिहार में एक बार फिर माओवादी संगठन को दोबारा खड़ा करने की तैयारी की जा रही थी। वही पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी ने सभी पैसों और हथियारों का हिसाब होने का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि एनआईए द्वारा जब्त किया गया नगदी मजदूरों का है और सभी हथियारों का कागजात एनआईए की टीम को दिया जा चुका है। लेकिन उनके इन दावों में कितनी सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

बीते गुरूवार को नेशनल इन्वेस्टिव एजेंसी (एनआईए) ने बिहार के सत्ताधारी JDU की पूर्व एमएलसी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करीबी नेत्री मनोरमा देवी के आवास सहित कई जगहों पर रेड की थी। जहां जहां रेड हुआ उन लोगों पर माओवादियों से संबंध, हथियारों की सप्लाई और फंडिंग के आरोप हैं। छापेमारी के दौरान पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के घर से 4 करोड़ 3 लाख रुपये नकद और अलग-अलग बोर के 10 हथियार और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुआ। अब एनआईए और मनोरमा देवी दोनों ने बरामदगी पर अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं।

बरामद कैश और हथियारों पर सफाई देते हुए पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी ने कहा है कि बरामद 4 करोड़ 3 लाख रूपया मजदूरों के हैं। उन्होंने कहा है कि उनका पेशा ठेकेदारी है। इसलिए रोजाना मजदूरों को दिहाड़ी देनी होती है। ऐसे में कैश रखना उनकी मजबूरी है। वहीं बरामद हथियारों को लेकर उन्होंने कहा है कि छापेमारी में जितने भी हथियार जब्त किए गए है उन सभी के कागजात उनके पास है। वह उन कागजातों को एनआईए के अधिकारियों को दिखा भी चुकी हैं। इसके अलावा इलेक्टॉनिक्स सामानों को लेकर भी मनोरमा देवी ने पर्याप्त कागजात होने का दावा कर रही हैं। जेडीयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के दावों पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यह ही है कि क्या एनआईए जैसी संस्था बगैर कोई पर्याप्त सबूत के कोई कार्रवाई कर कैसे सकती है।

यहां बता दें कि एनआईए देश की ऐसी एजेंसी है, जिसका सीधा दायित्व और जवाबदेही देश की सुरक्षा से होता है। ऐसी एजेंसी किसी के दबाव या बहकावे में आकर कोई कार्रवाई करे इसकी कम ही संभावना होती है। वही दूसरी बात यह है कि अगर मनोरमा देवी ने बरामद सारी चीजों के सबूत और कागजात उपलब्ध करा दिए थे तो एनआईए ने इस रेड की घटना को उजागर क्यों किया। क्या एनआईए जैसी संस्था कोई ऐसे कदम जानबूझकर उठाएगी जिससे उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठे। इसके अलावा मनोरमा देवी बिहार में सत्ताधारी JDU के नेता हैं। ऐसे में क्या कोई जांच एजेंसी बगैर कोई पर्याप्त सबूत के उनपर हाथ डालने की हिम्मत कर पाती क्या। इस तरह के कई सवाल हैं जो पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के दावों पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।

एनआईए के हवाले से बताया गया कि मनोरमा देवी के घर से करोड़ों रुपये नकद और हथियार बरामद हुए हैं। कैश की रकम ज्यादा होने के चलते इसकी गिनती के लिए बैंक से मशीन भी मंगानी पड़ी। छापेमारी में बरामद सामान के आधार पर एनआईए का कहना है कि इससे साफ होता है कि मगध जोन में प्रतिबंधित माओवादी संगठन को फिर से खड़ा करने की तैयारी चल रही थी।

जानकारी के लिए बता दें कि मनोरमा देवी बिहार में सत्ताधारी दल JDU की चर्चित नेता रही हैं। वो JDU से एमएलसी रह चुकी हैं और विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। उनके पति जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन बिंदी यादव उर्फ बिंदेश्वरी प्रसाद यादव थे। जिनका कोरोना काल में निधन हो गया था। बिंदी यादव पर पहले भी नक्सलियों से संबंध रखने और उन्हें हथियार और फंडिंग करने के आरोप लग चुके हैं। उनकी गाड़ी से भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद हुए थे और मामला दर्ज हुआ था। मनोरमा देवी से जुड़े लोगों को भी पहले भाकपा (माओवादी) से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।

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