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 छठ महापर्व को लेकर दारौंदा प्रखंड के बजारों में उमड़ी भीड़ - श्रीनारद मीडिया

 छठ महापर्व को लेकर दारौंदा प्रखंड के बजारों में उमड़ी भीड़

छठ महापर्व को लेकर दारौंदा प्रखंड के बजारों में उमड़ी भीड़

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श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान (बिहार):


लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के दूसरे दिन बाजारों में काफी भीड़ रही।

महापर्व के दूसरे दिन प्रखण्ड के दारौंदा बाजार सहित पकड़ी बाजार, बगौरा के न्यू मार्केट से पुरानी बाजार
तक छठ पूजा के लिए पूजा सामग्री खरीदने वालें लोगों की काफी भीड़ उमड़ी थीं।

वही व्रती महिला और पुरुष बाजार में खरीदारी करने के लिए बाजार में पहुंचे तथा साथ में बच्चें भी सामग्री खरीदने में सहयोग कर रहे थे। बच्चें बाजार में चहल पहल और बाजार की रौनक देख कर काफी उत्साहित थे।

इस दौरान फल के दुकान से लेकर बास के सिपुली,दौरा , मिट्टी के दीया, ढकनी, चुकुला, बेचने वाले कुम्हार आदि के दुकानों पर काफी भीड़ थी तथा पटाखें की दुकानों पर भी पटाखा खरीदने वालों की भीड़ थी।
बाजारों में भीड़ के कारण लोगों को सरकने तक की जगह नहीं मिल रही थी। काफी मशक्कत करने के बाद एक छोर से दूसरे छोर जा पाते थे।

छठ पूजा महापर्व के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना किया।
खरना कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनायी जाती हैं।
छठ के महापर्व में खरना का विशेष महत्व हैं। क्योंकि, इस दिन छठ का विशेष प्रसाद बनाया जाता हैं।

खरना के दिन व्रती सुबह उठकर स्नान करते हैं और सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं और पूरे दिन उपवास रहकर शाम को मिट्टी के बने नये चूल्हे पर पारंपरिक रूप से साठी के चावल, मीठा, दूध में राशियाव और घी में रोटी लगाकर प्रसाद तैयार किया।

इसके बाद छठी मईया को प्रसाद के साथ फल का भोग लगाकर व्रती पूरे परिवार के साथ रसियाव, रोटी, मूली, नमक रहित प्रसाद ग्रहण किया।

खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ होता है।
छठ व्रत का पारण उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात ही किया जाता है।

छठ महापर्व करने से दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता हैं, जिससे पारिवारिक जीवन में स्वास्थ्य, सुख – शांति समृद्धि की वृद्धि होती हैं।

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