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क्राउडफंडिंग फॉर टेरर फाइनेंसिंग आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती है,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

क्राउडफंडिंग फॉर टेरर फाइनेंसिंग आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती है,कैसे?

क्राउडफंडिंग फॉर टेरर फाइनेंसिंग आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती है,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने  “क्राउडफंडिंग फॉर टेरर फाइनेंसिंग” शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि हिंसक चरमपंथी संगठनों ने धन जुटाने के उद्देश्यों के चलते सुव्यवस्थित तरीके से संरचित नेटवर्क को नियोजित किया है।

  • इस रिपोर्ट में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का संदर्भ दिया गया है, इसने मस्जिदों तथा सार्वजनिक स्थानों के माध्यम से धन जुटाने का सहारा लिया था, जिसका उपयोग अंततः हथियार एवं गोला-बारूद खरीदने व कर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिये किया गया था।

क्राउडफंडिंग क्या है?

  • परिचय:
    • क्राउडफंडिंग धन जुटाने की एक गतिशील विधि है जो विभिन्न उद्देश्यों के लिये व्यक्तियों के एक बड़े समूह से धन की छोटी राशि एकत्रित करने के लिये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का लाभ उठाती है जैसे कि धर्मार्थ कारणों का समर्थन करना, स्टार्टअप उद्यमों को वित्तपोषित करना, अथवा रचनात्मक परियोजनाओं को वित्तपोषित करना।
    • हालाँकि क्राउडफंडिंग का उपयोग मुख्य रूप से वैध उद्देश्यों के लिये किया जाता है, हाल की घटनाओं ने अवैध गतिविधियों के लिये इसके संभावित उपयोग को उजागर किया है, विशेष रूप से आतंकवादियों एवं आतंकवादी समूहों द्वारा
    • ये संस्थाएँ अपने चरमपंथी उद्देश्यों के लिये विश्व स्तर पर वित्तीय सहायता के लिये धन जुटाने वाले प्लेटफॉर्मों और सोशल मीडिया का उपयोग करती हैं।
  • टेरर फाइनेंसिंग के लिये क्राउडफंडिंग के दुरुपयोग के तरीके:
    • मानवीय, धर्मार्थ तथा गैर-लाभकारी कारणों से धन जुटाकर उसका दुरुपयोग करना जो आतंकवाद के लिये धन जुटाने के मुखौटे के रूप में कार्य कर सकता है
    • क्राउडफंडिंग के लिये समर्पित वेबसाइट अथवा प्लेटफॉर्म, जो गतिविधियों और विविधता के कारण अवैध गतिविधि की पहचान करना चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।
    • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मैसेजिंग एप्स चरमपंथियों को अपने संदेशों को प्रेषित करने तथा उपयोगकर्त्ताओं को धन जुटाने के विशिष्ट उद्देश्यों में मदद करते हैं।
    • डिजिटल परिसंपत्तियों के माध्यम से क्राउडफंडिंग में गोपनीय सिक्कों का उपयोग तथा टंबलर एवं मिक्सर जैसी गोपनीयता बरकरार रखने वाली सेवाएँ शामिल हैं।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • मिश्रित अनुदान संचयन हेतु रणनीतियाँ:
    • PFI ने मस्जिदों और सार्वजनिक स्थानों जैसे धार्मिक स्थानों पर प्रार्थना (Solicitation) के माध्यम से धन एकत्र किया।
    • इसके अतिरिक्त समूह ने दान को प्रोत्साहित करने के लिये क्यूआर कोड और बैंक खाते के विवरण सहित आधुनिक डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल किया।
    • संगठन द्वारा एकत्र किये गए धन में घरेलू और विदेशी दोनों लेन-देन शामिल थे, जिससे वित्तीय प्रवाह की बहुआयामी प्रकृति के कारण जाँच चुनौतीपूर्ण हो गई थी।
  • निधियों का विविध उपयोग:
    • क्राउडफंडिंग के माध्यम से जुटाई गई धनराशि किसी एक उद्देश्य तक सीमित नहीं थी। एकत्रित धन का एक हिस्सा व्यवसायों और रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश किया गया था, जिसका उद्देश्य संगठन की आतंकवादी गतिविधियों के लिये नियमित आय उत्पन्न करना था।
  • वैश्विक संदर्भ:
    • रिपोर्ट आतंकवाद के वित्तपोषण के लिये क्राउडफंडिंग के मुद्दे को वैश्विक संदर्भ में देखती है। यह इस बात को उजागर करता है, जबकि अधिकांश क्राउडफंडिंग गतिविधियाँ वैध हैं, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL) और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों ने अपनी गतिविधियों के लिये धन जुटाने हेतु इन प्लेटफॉर्मों का फायदा उठाया है।
  • सिफारिशें:
    • FATF रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर लगातार एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर-टेररिस्ट फाइनेंसिंग (AML/CFT) नियमों की आवश्यकता पर ज़ोर देती है।
    • इसमें बताया गया है कि कई देश क्राउडफंडिंग गतिविधियों से जुड़े जोखिमों का व्यवस्थित रूप से आकलन नहीं करते हैं, जिससे इसके दुरुपयोग के बारे में व्यापक डेटा की कमी है।
    • FATF क्राउडफंडिंग अभियानों और संबंधित वित्तीय हस्तांतरण की सीमा पार प्रकृति पर प्रकाश डालता है।
    • देशों से यह पहचानने का आग्रह किया जाता है कि भले ही उनके अधिकार क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण घरेलू आतंकवाद गतिविधि न हो, फिर भी इसका उपयोग वित्तीय प्रवाह के मार्ग के रूप में किया जा सकता है।

पुलर फ्रंट ऑफ इंडिया क्या है?

  • PFI का गठन वर्ष 2007 में दक्षिण भारत के तमिलनाडु में तीन मुस्लिम संगठनों के  विलय से हुआ था। यह स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) पर प्रतिबंध के बाद उभरा और मुसलमानों के बीच विभिन्न सामाजिक और इस्लामी धार्मिक गतिविधियों में शामिल रहा है।
  • PFI ने खुद को अल्पसंख्यकों, दलितों और हाशिये पर रहने वाले समुदायों के अधिकारों का समर्थन करने वाले संगठन के रूप में प्रस्तुत किया है लेकिन उसे चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों का सामना करना पड़ा है।
  • वर्ष 2022 में गृह मंत्रालय ने PFI और उसके सहयोगियों को “गैरकानूनी संघ” घोषित किया था।

नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए ऐसे संगठनों से कैसे निपटें?

  • स्पष्ट कानूनी ढाँचा:
    • एक स्पष्ट और व्यापक कानूनी ढाँचा स्थापित करना जो उन स्थितियों की रूपरेखा तैयार करे जिनके तहत किसी संगठन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरे के रूप में नामित किया जा सकता है।
    • यह रूपरेखा संवैधानिक सिद्धांतों, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों और उचित प्रक्रिया पर आधारित होनी चाहिये।
  • न्यायिक निरीक्षण:
    • न्यायपालिका यह आकलन कर सकती है कि सरकार के कार्य कानून के अनुसार हैं और व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं या नहीं ।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही:
    • संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना और ऐसे कार्यों के कारणों का खुलासा करना।
    • कानूनी ढाँचे के दुरुपयोग को रोकने के लिये जवाबदेही और निगरानी के लिये तंत्र स्थापित करना।
  • लक्षित कार्रवाइयाँ:
    • मोटे तौर पर पूरे संगठन को निशाना बनाने के बजाय सीधे तौर पर आपराधिक या आतंकवादी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों या संस्थाओं को निशाना बनाने पर ध्यान केंद्रित करना। यह दृष्टिकोण निर्दोष सदस्यों और समर्थकों पर प्रभाव को कम करता है।
  • खुफिया एवं निगरानी:
    • संभावित खतनाक गतिविधियों पर नज़र रखकर खुफिया जानकारी एकत्र करना और निगरानी क्षमताओं को बढ़ाना। यह सुनिश्चित करना कि कार्रवाइयाँ कानून के अनुसार और निरीक्षण के अधीन हों।
  • जन जागरूकता:

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