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साइबर-ठग अब नए हुनर सीखने के लिए नाइजीरिया तक की यात्रा कर रहे हैं,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

साइबर-ठग अब नए हुनर सीखने के लिए नाइजीरिया तक की यात्रा कर रहे हैं,कैसे?

साइबर-ठग अब नए हुनर सीखने के लिए नाइजीरिया तक की यात्रा कर रहे हैं,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्

चाहें तो इसे कटाक्ष में ग्रैजुएशन या पोस्ट-ग्रैजुएशन की कोई डिग्री कह लें, लेकिन वे अपनी क्लासेस अटेंड करके खुद को उसी तरह से बेहतर बना रहे हैं, जैसे कोई कॅरियर-सजग कॉर्पोरेट एग्जीक्यूटिव नौकरियों की दुनिया में करता है। सबसे पहले वे झारखंड स्थित जामतारा, हरियाणा स्थित मेवात या राजस्थान स्थित अलवर और भरतपुर के बिगिनर्स-स्कूल में कॅरियर की जटिलताओं को समझने के लिए गए।

अब विदेश जा रहे हैं, ताकि काम में वह सटीकता ला सकें कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें। जी हां, ऑनलाइन धोखाधड़ी से शुरुआत करने वाले साइबर-ठग अब नए हुनर सीखने के लिए नाइजीरिया तक की यात्रा कर रहे हैं। वहां ऐसे अनेक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जो साइबर क्राइम थ्योरी पढ़ाते हैं और प्रैक्टिकल क्लासेस में सिखाते हैं कि हैकिंग, फिशिंग सहित दूसरी साइबर धोखाधड़ियों का इस्तेमाल करते हुए लोगों को कैसे ठगें।

उन्हें यह भी बताया जाता है कि यह सब करके बच कैसे निकलें। उन्हें लेसन्स पढ़ाए जाते हैं कि अपने टारगेट का सम्पर्क-सूत्र कैसे हासिल करें। प्रैक्टिकल सेशंस में इन ‘स्टूडेंट्स’- या कहें ‘इंटर्न्स’- को सिखाया जाता है कि टारगेट्स से अच्छी तरह से बातें करके उन्हें जाल में कैसे फंसाएं।

इन इंटर्न्स को यह भी सिखाया जाता है कि वैसी फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स कैसे बनाएं, जो बिलकुल असली दिखाई दें। साइबर जांच टीम का मानना है कि नाइजीरिया में सिखाए जाने वाले सबक पश्चिम के लोगों को निशाना बनाने के लिए होते हैं।

आप सोच रहे होंगे कि इससे हमारा क्या सरोकार? अहमदाबाद से संचालित हो रहे ऑनलाइन फ्रॉड की जांच करने वालों ने तीन से चार अवसरों पर पाया है कि संदिग्धों ने अफ्रीकी देशों की यात्रा की थी। बेंगलुरु और मुम्बई में एजुकेशन फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड, जॉब फ्रॉड के मामलों में जो तेजी आई है, वह अलग कहानी बयान करती है।

ऐसा लग रहा है कि प्रैक्टिकल लेसन्स की आजमाइश हम पर की जा रही है। अहमदाबाद में अधिकारियों ने यह भी पाया कि ट्रेनिंग के बाद संदिग्धों ने दिल्ली के उत्तमनगर में अपना बेस बनाया है। यह राजधानी के सबसे सघन बसे इलाकों में से एक है। इसी सप्ताह बेंगलुरु पुलिस ने स्थानीय मामलों से लिंक्ड एक नाइजीरियाई व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

ऐसे में हम अपने आसपास घूम रहे इन ठगों से बचने के लिए क्या करें, जिन्होंने हमारे निजी डिटेल्स को खोज निकालने में महारत हासिल कर ली है? मैं आपको दो बिंदु बता रहा हूं, जिन्हें सुनकर आप कहेंगे कि ये तो मुझे पहले ही पता हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हम जानने के बावजूद इनका पालन नहीं करते।

पहला, कभी भी केवाईसी अपडेट करने की बात कहने वाले अवांछित कॉल्स, एसएमएस, ईमेल आदि को जवाब न दें या किसी लिंक को क्लिक न करें। बेहतर होगा कि खुद बैंक जाएं। अधिकतर अवसरों पर जब मैंने बैंक जाकर पता लगाया तो मुझे बताया गया कि उन्होंने तो केवाईसी अपडेट करने को कहा ही नहीं था।

दूसरा, किसी भी संस्थान में भुगतान करते समय अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड को नजरों से दूर न करें, फिर चाहे वह कितना ही प्रतिष्ठित संस्थान क्यों न हो। अगर लोगों को लगे कि आपके साथ कुछ गड़बड़ है तो उन्हें ऐसा मानने दें, लेकिन इससे आपको मन की शांति मिलेगी।

 हमें दो सबक सीख लेने चाहिए : 1. दुनिया में कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता इसलिए हमेशा सतर्क रहें और 2. अगर अपराधी अपनी स्किल्स को बेहतर बना सकते हैं तो कानून का पालन करने वाले हम नागरिक अपने पेशे में अपस्किल क्यों नहीं हो सकते? सोचिएगा।

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