चक्रवात सितरंग ले रहा विकराल रूप, कहां पहुंचा तूफान, कब और कहां टकराएगा?
बंगाल ओडिशा के तटीय इलाकों सहित कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है
खतरनाक तूफान से इन 5 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दिवाली पर खतरनाक चक्रवात तूफान ‘सितरंग‘ का प्रभाव और दिखने लगा है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि पश्चिम बंगाल में यह तूफान खतरनाक रूप ले सकता है। इसके प्रभाव से बंगाल, ओडिशा के तटीय इलाकों सहित 5 राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। इस दौरान समुद्री लहरों भी उठेंगी। जानिए दिवाली की खुशियों के बीच चक्रवाती तूफान का किन किन राज्यों में असर पड़ सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव गहरे दबाव में बदल गया है। धीरे-धीरे यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और 24 अक्टूबर की सुबह तक बंगाल की मध्य खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। इसके बाद यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ना जारी रखेगा और 25 अक्टूबर की सुबह बांग्लादेश तट को पार करेगा। सितरंग को लेकर जारी अलर्ट के बीच बंगाल के सात जिलों में एनडीआरएफ की 14 टीमें तैनात की गई हैं।
पहले सितरंग के बारे में जान लीजिए
चक्रवाती तूफान ‘सितरंग’ बंगाल की खाड़ी में तैयार हुआ है। इस तूफान का नाम थाईलैंड ने दिया है। मौसम विभाग ने कहा है कि बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के ऊपर डिप्रेशन उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है जो कि एक डीप डिप्रेशन में बदल गया। अब यह पोर्ट ब्लेयर से लगभग 580 किमी उत्तर-पश्चिम में, सागर द्वीप से 700 किमी दक्षिण में और बारिसल (बांग्लादेश) से 830 किमी दक्षिण में केंद्रित हो गया है।
इस तूफान के 25 अक्तूबर को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकराने की आशंका है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस दौरान 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बारिश होने के आसार हैं। सबसे ज्यादा असर सुंदरबन और पूर्वी मिदनापुर के तटीय इलाकों पर पड़ सकता हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सितरंग दो साल पहले आए अम्फान तूफान जैसा खतरनाक नहीं होगा। मतलब इससे ज्यादा तबाही नहीं होगी। ये बड़ी राहत की बात है।
सुंदरबन में कहर बरपा सकता है सितरंग चक्रवाती तूफान
सितरंग चक्रवात का प्रभाव पश्चिम बंगाल पर दिखने भी लगा है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे इस चक्रवात के कारण रविवार से ही कोलकाता सहित कई जिलों में बादल छाए रहे। पूर्वी मिदनापुर में कई जगह हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार ‘सितरंग‘ बंगाल के तटीय इलाकों खासकर सुंदरबन में भारी तबाही मचा सकता है।
दिवाली की रात टकरा सकता है बंगाल के तट से, 110 किमी की गति से चलेंगी हवाएं
इस तूफान के दिवाली की देर रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकराने की आशंका है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस दौरान 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बारिश होने के आसार हैं। सबसे ज्यादा असर सुंदरबन और पूर्वी मिदनापुर के तटीय इलाकों पर पड़ सकता हैं।
इन राज्यों में चक्रवात का असर सबसे अधिक
चक्रवात के असर से कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में आज रात बारिश हो सकती है। वहीं 25 अक्तूबर को यह तेज रफ्तार पकड़ लेगी।
क्या होते हैं चक्रवात?
चक्रवात को अंग्रेजी में साइक्लोन कहा गया है। ये शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस (Cyclos) से लिया गया है। इसका मतलब सांप की कुंडलियां होता है। इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते हैं। ये एक गोलाकार तूफान (सर्कुलर स्टॉर्म) होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं। जब ये चक्रवात जमीन पर पहुंचते हैं, तो अपने साथ भारी बारिश और तेज हवाएं लेकर आते हैं। ये हवाएं उनके रास्ते में आने वाले पेड़ों, गाड़ियों और कई बार तो घरों को भी तबाह कर सकती हैं।
कैसे तैयार होता है चक्रवात तूफान?
चक्रवात समुद्र के गर्म पानी के ऊपर बनते हैं। समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से ऊपर उठती है। इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर यानी वायु दाब कम हो जाता है। इस खाली जगह को भरने के लिए आसपास की ठंडी हवा वहां पहुंचती है। इसके बाद ये नई हवा भी गर्म और नम होकर ऊपर उठती है। इसका एक साइकिल शुरू हो जाता है, जिससे बादल बनने लगते हैं। पानी के भाप में बदलने से और भी बादल बनने लगते हैं। इससे एक स्टोर्म साइकिल या तूफान चक्र बन जाता है, जो धरती के घूमने के साथ ही घूमते रहते हैं।
स्टॉर्म सिस्टम के तेजी से घूमने की वजह से उसके सेंटर में एक आई बनता है। तूफान के आई को उसका सबसे शांत इलाका माना जाता है, जहां एयर प्रेशर सबसे कम होता है। ये स्टॉर्म सिस्टम हवा की स्पीड 62 किमी/घंटे होने तक ट्रोपिकल स्टॉर्म कहलाते हैं। हवा की रफ्तार 120 किमी/घंटे पहुंचने पर ये स्टॉर्म साइक्लोन बन जाते हैं।
साइक्लोन आमतौर पर ठंडे इलाकों में नहीं बनते है, क्योंकि इन्हें बनने के लिए गर्म समुद्री पानी की जरूरत होती है। लगभग हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है। इसीलिए चक्रवात को ट्रोपिकल चक्रवात भी कहा जाता है। ट्रॉपिकल इलाके आमतौर गर्म होते हैं, जहां साल भर औसत तापमान 18 डिग्री से कम नहीं रहता।
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