डब्बा कॉलिंग जिसके जरिए लॉरेंस गैंग भारत में मांग रहा है रंगदारी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने कत्ल की जिम्मेदारी ली है। लेकिन कैसे एक गैंगस्टर जेल में बैठे बैठे किसी के भी मर्डर दे देता है। जेल में ही रहकर शूटर अरेंज कर लेता है। हथियारों से लेकर रुपए पैसों का भी बंदोबस्त कर देता है। कभी कोई सिंगर, कभी कोई एक्टर और कभी कोई नेता लगातार लारेंस बिश्नोई का आतंक जारी है। वो भी जेल के अंदर से रहकर। कहा जाता है कि इस वक्त लॉरेंस के गैंग में 700 से ज्यादा शूटर्स हैं। सोचिए जेल से वो इतना बड़ा गैंग ऑपरेट कर रहा है। न केवल हिंदुस्तान में बल्कि विदेशों में भी लॉरेंस का गैंग ऑपरेटर हो रहा है। इस वक्त लगभग 6 देशों से लॉरेंस का गैंग चल रहा है।
दहशत का नया नाम बना लॉरेंस बिश्नोई
अजित पवार की एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर की रात तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई का नाम आया है। उस घटना के 10 घंटे बाद फेसबुक पर एक पोस्ट किया गया और इस हमले की जिम्मेदारी ली गई। हालांकि मुंबई पुलिस वो इस फेसबुक पोस्ट की पड़ताल कर जानने की कोशिश कर रही है कि इसमें कितनी सच्चाई है। इस पोस्ट में लिखा गया है कि सलमान खान और दाऊद इब्राहिम का जो भी साथ देगा उनसे हम बदला लेंगे। उन्हें मौत के घाट उतारेंगे। आपको याद होगा कि सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट वहां पर कुछ दिनों पहले फायरिंग की खबर आई थी। उससे दस साल पहले रेकी की खबर आई थी। लॉरेंस गैंग के गुर्गे को पुलिस ने पकड़ा था।
मुंबई में दादागिरी चल ही नहीं रही, अब दौड़ने लगी
लॉरेंस बिश्नोई के नाम से हाल फिलहाल वैसी ही दहशत देखने को मिल रही है। जैसे कभी अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम का हुआ करता था। लेकिन दोनों में एक फर्क ये है कि दाऊद देश से बाहर होकर अपराधों को अंजाम देता था। लॉरेंस दे में रहकर। सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं कि इन्हें वाई कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई थी। ऐसे में इस वाई कैटेगरी का क्या मतलब रह गया कि तीन लोग ऑटो पर आए और आपको गोली मारकर चले जाएं।
अप्रैल 2024 में जब सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग हुई थी तो गैंग के शूटर पकड़े गए थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया था कि मुंबई में किसी की कोई दादागिरी नहीं चलेगी। लेकिन 6 महीने ही बीते हैं और लॉरेंस बिश्नई के शूटर ने बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर डाली है।
क्या दाऊद की जगह लेना चाहता है बिश्नोई गैंग?
बिश्नोई गैंग की कोशिश लोगों में खौफ पैदा करने की है। लॉरेंस बिश्नोई कि कोशिश ये है कि लोग ये सोचे की सलमान जैसी हस्ती भी सुरक्षित नहीं है तो फिर बाकियों का क्या होगा। अनमोल बिश्नोई की फेसबुक पोस्ट से साफ पता चलता है कि उसने सलमान को चेतावनी देते हुए दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील को भी चुनौती दी है। 1990 के दशक से मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद की दहशत है।
हालांकि पिछले 10-15 सालों में इसपर काफी काबू पाया जा चुका है। इसी वजह से डी कंपनी 10 साल में कुछ बड़ा नहीं कर पाई। फेसबुक पोस्ट में डी कंपनी के लोगों के नामों का जिक्र करने का मकसद ये हो सकता है कि लोगों को बताया जा सके कि दाऊद इब्राहिम की अब कोई हैसियत नहीं है। साथ ही सलमान पर फायरिंग करवाकर लॉरेंस बिश्नोई मुंबई जैसे बड़े शहर में इक्टॉरशन का नया मार्केट तैयार करना चाहता है।
पिछले 6 साल में मिली पांच धमकियां
2018 में जोधपुर कोर्ट में पैसे के दौरान सलमान खान को पहली बार जान से मारने की धमकी मिली थी।
2019 में मुंबई में लॉरेंस बिश्नोई का खास शूटर संपत ने पहली बार सलमान के घर के बाहर तक पहुंच गया था। लेकिन तब उसके पास मौजूद हथियार की रेंज कम थी तो उसने हमले का प्लान टाल दिया।
जून 2022 को गैलेक्सी अपार्टमेंट की कुछ दूरी पर जॉगिंग पार्क में सलमान के पिता सलीम खान को एक चिट्ठी मिली जिसमें सिद्धू मूसेवाला की मौत जैसे हश्र की धमकी लिखी थी।
मैं 2023 को सलमान की मैनेजर को एक ईमेल मिला जिसमें लॉरेंस बिश्नोई गोल्डी बरार के गुर्गे मोहित गर्ग की मेल आईडी से सलमान को चेतावनी दी गई थी।
नंबर 2023 में लॉर्ड्स फोटो वाले फेसबुक अकाउंट से पंजाबी सिंगर गिप्पी ग्रेवाल को दी गई धमकी में सलमान खान का नाम भी लिखा था।
लॉरेंस गैंग के गुर्गे डब्बा कॉलिंग से मांग रहे रंगदारी
गैंगस्टर सीधे भारत में कॉल नहीं कर रहे। वे पहले अन्य देश में ठिकाने बनाए अपने गुर्गे को कॉल करते हैं। इसके बाद डब्बा कॉलिंग के जरिए स्पीकर पर बात कर गुर्गे के कॉल से भारत में उन लोगों को धमकाते हैं, जिनसे रंगदारी मांगी जाती है। ऐसे कॉल अक्सर इंटरनेट से किए जाते हैं। वसूली का यह तरीका करीब दो- तीन साल से चल रहा है। लॉरेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा, गोल्डी बरार, अनमोल बिश्नोई व अन्य गिरोह के लोग विदेश में बैठे रंगदारी मांगने के लिए कॉल कर रहे हैं।
क्या है डब्बा कॉलिंग
अपराधी दबरन वसूली के लिए डब्बा कॉलिंग का तरीका अपनाते हैं। गैंग मेंबर एक फोन से विक्टिम को कॉल करतता है और दूसरे फोन से गैंग लीडर को। दोनों फोन एक दूसरे के पास स्पीकर मोड पर होते हैं। जिससे गैंग लीडर सीधे विक्टिम से बात करके वसूली की मांग करता है। अधिकरतर मामलों में गैंग मेंबर और गैंग लीडर दोनों अलग अलग जगहों पर कई मामलों में अलग देश में होते हैं और धमकी देने के लिए वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल यानी इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल करते हैं।
कौन हैं निशाने पर
गैंगस्टर्स के निशाने पर ज्याजातर बिल्डर, ठेकेदार, हाई प्रोफाइल बिजनेसमैन, बड़े सट्टेबाज,केबल ऑपरेटरस, महंगी कारों के डीलर, क्लब और होटल के मालिक, अवैध कॉल सेंटर चलाने वाले, विदेशी करेंसी और हवाला ऑपरेटप और कुछ स्थानीय नेता होते हैं। ट्रेस न हो पाए इसलिए गैंगस्टर्स डब्बा कॉलिग के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए वीपीएन का इस्तेमाल करते हैं। वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, डिवाइस और सर्वर के बीच इनक्रिप्टेड कनेक्शन होता है। जिससे किसी की ऑनलाइन पहचान छिपाई जाती है।
गोल्डी बराड़ संभाल रहा काम
गुजरात के जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के धंधे को कनाडा में बैठा गोल्डी बराड़ संभाल रहा है। गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई कॉलेज फ्रेंड हैं, और वे मिलकर इतना उत्पात तब मचा रहे हैं, जब एनआईए यान राष्ट्रीय जांच एजेंसी गैंग के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम सतविंदर सिंह है।
एनआई का कहना है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसका सिंडिकेट वैसे ही फैला है जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम ने अपना नेटवर्क खड़ा किया था। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ऐसे ही नौजवानों को अपनी गैंग में शामिल करके बड़ा टारगेट देते हैं ताकि वारदात से पहले कोई उन पर शक भी ना करे। हरियाणा और यूपी के सैकड़ों नौजवान लॉरेंस की गैंग से जुड़े हैं।
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