आरजेडी में मचे घमासान के बीच डैमेज कंट्रोल की कोशिशें नाकाम, आखिर क्या गुल खिलाएंगे तेज प्रताप
श्रीनारद मीडिया,रोहित मिश्रा,स्टेट डेस्क
राष्ट्रीय जनता दल में चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामा में नया टर्न आ गया है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेड़े बेटे व खुद को सेकेंड लालू कहने वाले तेज प्रताप यादव भाई तेजस्वी यादव से मिलने तो गए, लेकिन वहां तीसरे व्यक्ति के हस्तक्षेप से आपा खो बैठे। गुस्साए तेज प्रताप वहां से लौट गए। अब सवाल यह है कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ अदालत जाने तथा आरजेडी मे उनपर कार्रवाई नहीं होने तक पार्टी की गतिविधियों से दूर रहने की घोषणा कर चुके तेज प्रताप का अगला कदम क्या होगा?
आरजेडी में तेज प्रताप यादव व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बीच अदावत नई नहीं है। खास बात यह है कि इस मामले में अब जगदानंद सिंह भी आक्रमक मोड में दिख रहे हैं। इससे तेज प्रताप तिलमिला गए हैं।
अब बात जरा विस्तार से समझें। बीते दिनों छात्र आरजेडी की बैठक के दौरान तेज प्रताप यादव का गुस्सा जगदानंद सिंह पर उतरा। उन्होंने जगदानंद सिंह को हिटलर की संज्ञा देते हुए यह चेतावनी भी दे डाली कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं है। तेज प्रताप के ऐसे बयानों से अभी तक रूठते-मानते रहे जगदानंद सिंह इस बार अलग अंदाज में नजर आए। उन्होंने पार्टी कार्यालय आना छोड़ दिया। यहां तक कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बतौर प्रदेश अध्यक्ष पार्टी कार्यालय में झंडोत्तोलन के लिए भी नहीं आए। इस बीच डैमेज कंट्रोल की कोशिशों के बीच वे राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव के बुलावे पर उनसे मिलने गए। वहां से लौटकर वे पार्टी कार्यालय गए , लेकिन पहला काम तेज प्रताप यादव के करीबी आकाश यादव को छात्र आरजेडी अध्यक्ष के पद से हटाने का किया। यह तेज प्रताप को खुला चैलेंज था।
इसके बाद तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को सीधे निशाने पर लेते हुए मीडिया में बयान दिया। उनपर पार्टी संविधान के उल्लंघन सहित वे तमाम आरोप लगाए, जो पार्टी को असहज करने के लिए काफी थे। यह पहला मौका था, जब तेज प्रताप इस तरह खुलकर जगदानंद सिंह के खिलाफ समाने आए। इसके प्रतिवाद में जगदानंद भी पहली बार तेज प्रताप के खिलाफ खुलकर बोले। तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि जबतक कार्रवाई नहीं होती, वे पार्टी की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने जगदानंद के खिलाफ कोर्ट जाने की भी घोषणा कर दी। इसपर जगदानंद ने पूछा कि ये तेज प्रताप हैं कौन?
बताया जाता है कि इस बीच मां राबड़ी देवी, पिता लालू प्रसाद यादव एवं भाई तेजस्वी यादव सहित पूरे परिवार ने तेज प्रताप को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। जगदानंद द्वारा हटाए गए छात्र आरजेडी अध्यक्ष आकाश यादव से आखिर क्या नाता है, जिसके लिए तेज प्रताप पूरे परिवार के खिलाफ चल रहे हैं, इसपर चर्चा फिर कभी। फिलहाल यह जानिए कि अभी तक समझााने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं हैं।
तेज प्रताप शुक्रवार की शाम में तेजस्वी से मिलने गए, लेकिन वहां से गुस्से में लौटे। बताया कि तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव परिवार में दरार डाल रहे हैं, उन्होंने तेजस्वी से बात नहीं करने दी। तेजस्वी भले हीं इनकार करें, लेकिन तेज प्रताप की बातों से स्पष्ट है कि परिवार में मतभेद तो है हीं।
तेज प्रताप के अडि़यल रूख को देखते हुए कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह कि आरजेडी में उनकी स्थिति क्या होगी? क्या जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई की अपनी मांग पर वे अड़े रहेगे? अगर कार्रवाई नहीं होती है, तब तेज प्रताप क्या करेंगे? क्या अपनी घोषणा के अनुसार वे उनके खिलाफ कोर्ट जाएंगे? या बीच-बचाव कर आकाश यादव को फिर छात्र आरजेडी का अध्यक्ष बना दिया जाएगा? अगर हां, तो यह हार क्या जगदानंद सिंह जैसे बड़े नेता को यह स्वीकार होगी? जीवन के अंतिम दिनों में आरजेडी से इस्तीफा देकर राजनीतिक भूचाल ला देने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह का उदाहरण सामने है।
सवाल यह भी है कि अगर तेज प्रताप की बात नहीं मानी गई तब क्या होगा? क्या बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ अपने उम्मीदवार देकर आरजेडी की हार की गाथा लिखने वाले तेज प्रताप फिर कोई नया पार्टी विरोधी कदम उठाएंगे या अपनी घाषणा के अनुसार पार्टी की गतिविधियों से किनारा कर लेंगे, यह भी देखने वाली बात होगी। वैसे, तेज प्रताप ने फिलहाल जनता दरबार लगाने की घोषणा की है।